Friday, April 19, 2024
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जय श्रीराम उन्माद का नारा, मुस्लिमों पर हमले के लिए इस्तेमाल: हिंदू घृणा से लबालब ​विकिपीडिया

ऐसी कई मामले हैं जब विकिपीडिया का असल चेहरा लोगों के सामने आया है। खुद को निष्पक्ष बताने वाले विकिपीडिया का लेफ्ट खेमे की ओर झुकाव स्पष्ट है। यह 'निष्पक्षता' दिल्ली दंगों के मामले में भी खुलकर दिखी थी।

बहुत से लोगों के लिए विकिपीडिया जानकारी का बड़ा माध्यम है। खुद को निष्पक्ष बताने वाले विकिपीडिया का लेफ़्ट की तरफ झुकाव लंबे समय से रहा है। हर मौके पर उसकी हिंदुओं से घृणा दिख ही जाती है। अयोध्या में भूमि पूजन से पहले उसने ‘जय श्रीराम’ के नारे पर दुष्प्रचार शुरू कर दिया है। इसे युद्धोन्माद (वार क्राई) के नारे के तौर पर पेश किया है।

विकिपीडिया ने जिस तरीके से जय श्रीराम नारे के बारे में बताया है वह हैरान करने वाला है। इस नारे के परिचय देने वाले शुरूआती हिस्से में लिखा गया है कि पिछले कुछ सालों में जय श्रीराम का उपयोग ऐसी भावनाएँ साझा करने के लिए किया गया है जो आस्था पर केन्द्रित हैं। इसके बाद लिखा है कि इस नारे का इस्तेमाल ज़्यादातर भारत की हिन्दू राष्ट्रवादी पार्टी, भाजपा करती है। उसने 20वीं शताब्दी के दौरान इस नारे का इस्तेमाल सार्वजनिक जगहों पर हिंदुत्व को बढ़ावा देने के लिए किया।

जय श्रीराम का विकिपीडिया पेज

लेकिन जय श्रीराम नारे को लेकर विकिपीडिया का परिचय यहीं ख़त्म नहीं होता है। इसके आगे उसमें लिखा है, “भाजपा इसे लड़ाई के पहले कहे जाने वाले नारे की तरह इस्तेमाल करती थी। भाजपा इस नारे का इस्तेमाल अलग पंथ के लोगों पर सांप्रदायिक अत्याचार करने के लिए करती थी।” जबकि जय श्रीराम देश की हिन्दू आबादी के लिए हमेशा से ही एक पवित्र नारा रहा है। यह आज से नहीं बल्कि सदियों से दोहराया जा रहा है।  

ऐसे नारे के बारे में विकिपीडिया लिखता है, “भाजपा इस नारे का उपयोग चुनाव के दौरान करती है।” यह श्रीराम में आस्था रखने वालों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। इसके अलावा विकिपीडिया ने जय श्रीराम के बारे में लिखा है कि इसका इस्तेमाल मुस्लिमों के विरुद्ध भी किया जाता है। जबकि विकिपीडिया ने इस बात का ज़िक्र नहीं किया है कि मीडिया ने मुस्लिमों के साथ हुई इस तरह की जितनी भी घटनाओं का ज़िक्र किया था वह फ़र्ज़ी निकले थे।

विकिपीडिया ने इसके बाद “जय श्रीराम” नारे की नींव पहली बार कहाँ पड़ी इस बारे में भी बताया है। विकिपीडिया के मुताबिक़ 1980 में शुरू हुए रामानंद सागर कृत “रामायण” में जय श्रीराम का उपयोग खूब हुआ। इसके बाद यह नारा प्रचलन में आया और लोगों ने इसे वार क्राई की तरह इस्तेमाल करना शुरू किया।  

जय श्रीराम का विकिपीडिया पेज

विकिपीडिया में यह भी लिखा गया है कि हनुमान और वानर सेना ने भी इस नारे का उपयोग किया। जब वह सीता माता को रावण की कैद से आज़ाद कराने के लिए प्रयासरत थे। विकिपीडिया के मुताबिक़ उस वक्त भी जय श्रीराम का इस्तेमाल एक ऐसे नारे के तौर पर हुआ जो लड़ाई के पहले कहा जाता है। विकिपीडिया ने यह भी लिखा है कि इस नारे का इस्तेमाल बाबरी मस्जिद विध्वंस के दौरान भी किया गया था।  

इन बातों के आधार पर विकिपीडिया का उद्देश्य स्पष्ट है : 

विकिपीडिया दोनों घटनाओं को एक जैसा दिखाना चाहता है। हनुमान जी ने भले इस नारे नारे का इस्तेमाल रावण से लड़ाई के दौरान किया हो। लेकिन यह मुस्लिमों के खिलाफ़ उपयोग किया जाने वाला नारा नहीं हो सकता है।  

दूसरा वह बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना का उल्लेख करके हिंदुओं की छवि खराब करना चाहता है। ऐसा करने के लिए विकिपीडिया ने बाबरी मस्जिद का पूरा घटनाक्रम नहीं बताया है।    

इसके बाद विकिपीडिया ने यह बताने का प्रयास किया कि कैसे हिंसा वाली घटनाओं में जय श्रीराम का इस्तेमाल हुआ। इसके लिए गार्गी कॉलेज की एक घटना की जानकारी दी गई थी। जिसमें ऐसा आरोप लगाया गया था कि भाजपा से संबंधित लोग (हिंदूवादी विचारधारा) जय श्रीराम का नारा लगाते हुए कॉलेज में दाखिल हुए। फिर उन्होंने लड़कियों के साथ ज़्यादती और बदतमीजी की।  

इसके अलावा यह आरोप भी लगाया गया था कि सीएए का समर्थन करने वाले कुछ लोग जिनके हाथ में भगवा झंडे भी थे, वह कॉलेज में दाखिल हुए। इसके बाद उन्होंने लड़कियों के साथ ज़्यादती की। लेकिन जिस व्यक्ति ने इस घटना का अपने ट्वीट में ज़िक्र किया था, उसने कुछ ही समय बाद अपना ट्वीट हटा लिया था। बाद में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में भी देखा था लेकिन उसमें भगवा झंडे की मौजूदगी का कोई सबूत नहीं मिला था।  

जय श्रीराम का विकिपीडिया पेज

इस मामले पर पुलिस उपायुक्त अतुल ठाकुर ने भी जानकारी दी थी। उनका कहना था कि जाँच के दौरान ऐसी कोई बात सामने नहीं आई कि आरोपित किसी राजनीतिक दल से संबंधित थे। उसमें से ज़्यादातर छात्र थे या जान-पहचान के लोग। उनका भाजपा या संघ से किसी भी तरह का संबंध नहीं था। कुछ महिलाओं ने तो इस मामले में शिकायत भी वापस ले ली थी और बयान दर्ज कराने से भी मना कर दिया था। इस मामले में अब तक 17 लोगों की गिरफ्तारी हुई है लेकिन घटना का किसी राजनीतिक दल से संबंध सामने नहीं आया है।  

इसके अलावा विकिपीडिया ने इस तरह की कई घटनाओं का ज़िक्र किया है जिसमें उसका वामपंथ के प्रति झुकाव साफ़ नज़र आता है। विकिपीडिया पर North East Delhi riots नाम का एक लेख है। DBigXray नाम के यूज़र ने यह लेख 25 फरवरी के दिन साझा किए गया था। इस पेज पर जाते ही दंगों की तस्वीर नहीं बल्कि भाजपा नेता कपिल मिश्रा की तस्वीर नज़र आती है। इतना ही नहीं कपिल मिश्रा का नाम अलग से लिखा गया है, जिसमें उन्हें इन दंगों का आरोपित ठहराया गया है।

कुछ लोगों ने आम आदमी पार्टी के नेता अमानतुल्लाह खान का ज़िक्र किया था। जिसे विकिपीडिया ने खुद हटा दिया। अमानतुल्लाह ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ़ हो रहे प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके बाद उस पर दंगे फैलाने के लिए मामले दर्ज हुए थे। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान शाहरुख नाम के व्यक्ति ने पिस्टल लहराई और कई राउंड फ़ायर किए थे। लेकिन उसके नाम का कहीं ज़िक्र ही नहीं है। शाहरुख की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सीएए का विरोध करने वालों ने उसे सीएए का समर्थक बताया दिया, जबकि वह शुरू से ही इस दंगाइयों के साथ मिला हुआ था।  

इसके अलावा एक और लेख में यह लिखा हुआ है कि अशोक नगर स्थित एक मस्जिद पर जय श्रीराम कहते हुए भीड़ ने हमला कर दिया था। जबकि इसके उलट, इस्लामी भीड़ द्वारा किए गए हमलों का कहीं कोई उल्लेख ही नहीं मौजूद है। ऐसे तमाम वीडियो मौजूद हैं जिसमें भीड़ अल्लाह-हु-अकबर और नारा-ए-तकबीर चिल्ला रही है।लेकिन विकिपीडिया के लेख में इन घटनाओं का कोई ज़िक्र नहीं है। विकिपीडिया ने दिल्ली में हुए दंगों पर पाबंदी तक लगा रखी है, उसे कुछ रजिस्टर्ड लोग ही एडिट कर सकते हैं। जबकि विकिपीडिया इस बात का दावा करता है कि वहाँ मौजूद हर लेख कोई भी एडिट कर सकता है।  

ऑपइंडिया ने उन दंगों के बारे में विस्तार से रिपोर्ट तैयार की है। जिसे यहाँ और यहाँ पढ़ा जा सकता है।  

इस तरह की और भी कई घटनाएँ हैं जिसमें विकिपीडिया का असल चेहरा सामने आता है। एक इस्लामी यूज़र ने संघ के एक पेज पर हमला करते हुए उसे आतंकवादी संगठन बताया। जिस व्यक्ति ने यह बदलाव किया उसका बहुत पुराना हिन्दू विरोधी इतिहास रहा है। विकिपीडिया ने हाल ही में एक और लेख हटाया था जिसमें इस बात की जानकारी दी हुई थी कि कैसे तबलीगी जमात ने कोरोना वायरस फैलाया। ऐसा ही एक और बदलाव विकिपीडिया ने नाओखली दंगों के मामले में किया है। इसमें उसने हिन्दू शब्द को मुस्लिम शब्द से बदल दिया है। विकिपीडिया के इस पक्षपाती रवैये का खुलासा लैरी सेंगर ने किया था। उनका कहना था कि विकिपीडिया का स्वभाव वामपंथी विचारधारा से प्रेरित है और वह अपना रास्ता भटक चुका है।  

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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