पश्चिम बंगाल के तीन जिलों हुगली, हावड़ा और दक्षिण 24 परगना की 31 सीटों पर आज (6 अप्रैल 2021) वोट डाले जा रहे हैं। उससे पहले सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस के एक नेता के घर से ईवीएम (EVM) मिलने की बात सामने आई। इस मामले में चुनाव आयोग (EC) ने कार्रवाई भी की है। लेकिन, दिलचस्प यह है कि इंडिया टुडे ने इतनी बड़ी घटना को कमतर दिखाने की कोशिश करते हुए इसे ‘बीजेपी का आरोप‘ बताया।
इंडिया टुडे ने एक वीडियो रिपोर्ट में कहा, “भाजपा का आरोप है कि हावड़ा में टीएमसी नेता के घर पर ईवीएम पाए गए थे।” 2 मिनट की रिपोर्ट में, एंकर और रिपोर्टर दोहराते रहे कि बीजेपी का आरोप है कि टीएमसी के नेता के घर में ईवीएम पाए गए थे। एंकर ने इसे चार बार दोहराया जबकि रिपोर्टर ने ‘कथित’ और ‘दावा’ के रूप में अलग-अलग शब्दों का इस्तेमाल किया। दिलचस्प बात यह है कि 2 मिनट की रिपोर्ट में ईवीएम और वीवीपैट की तस्वीर एक मिनट के लिए बैकग्राउंड में दिखाई गई। एंकर इसकी पुष्टि की बजाए इसे बीजेपी का आरोप बताते रहे।
चुनाव आयोग ने पीठासीन अधिकारी को निलंबित कर दिया
Sector Officer has been suspended. It was a reserved EVM that has been removed from the election process. Severe action will be taken against all involved: Election Commission of India (ECI)
— ANI (@ANI) April 6, 2021
EVMs and VVPATs were found at the residence of a TMC leader in Uluberia, West Bengal pic.twitter.com/IBFwmDSXeY
रिपोर्ट के अनुसार, ईवीएम और वीवीपीएटी मशीन को टीएमसी नेता गौतम घोष के तुलसीबेरिया स्थित आवास पर पाया गया। ये घटना उलूबेरिया नॉर्थ विधानसभा क्षेत्र की है, जहाँ तीसरे चरण में ही वोट डाले जा रहे हैं। चुनावी ड्यूटी में लगी कार से ईवीएम और वीवीपीएटी लेकर टीएमसी नेता के घर पर चुनाव अधिकारी तपन सरकार आया था।
ग्रामीणों द्वारा रंगे हाथों पकड़े जाने पर अधिकारी ने अपने बचाव में कहा कि चुनावी ड्यूटी के लिए मशीनों को लाते समय काफी रात हो गई थी। केंद्रीय सशस्त्र बल सो गए थे और उन्होंने बूथ खोला ही नहीं। लिहाजा उन्होंने अपने एक रिश्तेदार के घर पर रात बिताना उचित समझा। ये रिश्तेदार कोई और नहीं, टीएमसी के नेता ही थे। इस मामले में चुनाव आयोग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए सेक्टर अधिकारी तपन सरकार के साथ-साथ पुलिस की पूरी टुकड़ी को भी निलंबित कर दिया है।
नेटिजन्स ने रिपोर्टिंग स्टाइल पर उठाए सवाल
इंडिया टुडे ने जिस तरह से इस मामले को रिपोर्ट किया है, उस पर कई सोशल मीडिया यूजर्स ने सवाल उठाए हैं।
Even NDTV reports that EVMs were found inside TMC leader’s house but for @aroonpurie its just an allegation by BJP. They are real Dalal, who pretends to be neutral. pic.twitter.com/eMvo6wT056
— Facts (@BefittingFacts) April 6, 2021
India Today – When EVMs found inside BJP candidates car vs When EVM found at TMC Leader’s House .
— Atul Ahuja (@atulahuja_) April 6, 2021
Dalali pro max! pic.twitter.com/mnf2A7ZkGw
आज कहानी सुनाइयेगा या 2BHK पर ताला लगा है? फिर कहते हैं कि लोग इन्हें दलाल पत्रकार क्यों कहते हैं।@rohini_sgh pic.twitter.com/eFNPdJl2VC
— Naweed (@Spoof_Junkey) April 6, 2021
Alt News: Our team fact checked entire matter amd found that in order to save EVM from BJP, TMC leader took EVM home. Appreciable step towards healthy democracy 👏🏻 pic.twitter.com/ZHZFADFsAg
— Choga Don (@choga_don) April 6, 2021
TMC guys helping election commission officials in checking the EVM machines. Selfless service.. 🙏 pic.twitter.com/glj9y3BFGv
— Keh Ke Peheno (@coolfunnytshirt) April 6, 2021
❤️Day ka Fact checker:
— Choga Don (@choga_don) April 6, 2021
1~ When one intact EVM found in BJP leader’s car
2~ When 3 EVMs 4 VVPAT found in TMC leaders house pic.twitter.com/LBIsNl5FJM
EVM and VVPATs found from residence of a TMC Leader.
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) April 6, 2021
The only way Mamata can win this election is by rigging.
Just see how our paid media will completely ignore the news, some 2BHK Journalists can even defend TMC.
As per Godi Media @htTweets BJP leaders does anything becomes headline but TMC leaders after stealing 3 EVM 4 VVPAT are just political leaders and no mention of TMC in the article. pic.twitter.com/LzeoEOYvTT
— Choga Don (@choga_don) April 6, 2021
All the people gong crazy over the EVM in the BJP candidates car, now seem surprisingly silent over the EVM & VPAT in the TMC candidates house. I wonder why?
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) April 6, 2021
गौरतलब है कि दूसरे चरण के मतदान के बाद जब एक बीजेपी नेता की कार में ईवीएम मिला था तो मीडिया गिरोह ने खूब हल्ला मचाया था। जबकि उस मामले में यह बात सामने आई थी कि चुनाव अधिकारियों ने गाड़ी खराब होने पर लिफ्ट माँगी थी। उन्हें यह जानकारी थी कि कार किसकी है। इस मामले में आयोग ने कार्रवाई करते हुए दोबारा मतदान के आदेश दिए थे।