कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार एक नए विवाद में फँस गई है। इसकी शुरुआत 8 सितंबर 2023 को हुई, जब भाजपा नेता तेजस्वी सूर्या और केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक अखबार में छपे विज्ञापन की कटिंग शेयर की। इस विज्ञापन में कर्नाटक सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जा रही योजना के बारे में जानकारी दी गई थी।
इस विज्ञापन को देखकर ये लगता है कि इसे सरकार ने नहीं, बल्कि एआर-रहीम ट्रस्ट नाम के किसी निजी संगठन की ओर से दिया गया था। इसे कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम लिमिटेड की ओर से जारी किया गया है। इस विज्ञापन को लेकर ही कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार सवालों के घेरे में आ गई है।
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर द्वारा साझा किए गए विज्ञापन में बताया गया है कि कर्नाटक सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों को टैक्सी, ऑटो और मालवाहक वाहन खरीदने के लिए 50 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है। बता दें कि स्वावलंबी सारथी योजना पिछले महीने कर्नाटक सरकार के आवास एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमीर अहमद खान ने शुरू की थी।
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि यह योजना विशेष रूप से गैर-हिंदुओं के लिए है। यहाँ तक कि आर्थिक रूप से गरीब हिंदू समुदायों को भी इससे बाहर रखा गया है। मंत्री ने इसे खुलेआम भेदभाव और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन बताया है।
चंद्रशेखर ने कहा कि इसी पार्टी के नेता विदेश जाकर देश के संविधान के खतरे में होने की बात करते हैं। उन्होंने इसे ‘राज्य प्रायोजित धर्मांतरण प्रलोभन’ कहा। उन्होंने इस योजना को ‘कर्नाटक में राहुल गाँधी की कॉन्ग्रेस द्वारा कुछ समुदायों को रिश्वत देने की बेशर्म नीति और तुष्टिकरण की राजनीति का उदाहरण बताया।
चन्द्रशेखर ने कहा, “सभी कन्नडिगाओं के लिए निर्धारित सार्वजनिक संसाधनों का उपयोग करके एक समुदाय को बेशर्मी से रिश्वत देकर भेदभाव और संविधान की धारा 14 का उल्लंघन किया जा रहा है। धर्मांतरण के लिए राज्य-प्रायोजित प्रलोभन है ये। यह यूपीए/I.N.D.I गठबंधन के वंशवादियों की तुष्टिकरण और भ्रष्ट राजनीति है।”
8 सितंबर को ही AltNews के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने राजीव चंद्रशेखर और तेजस्वी सूर्या की पोस्ट का ‘फैक्ट चेक’ करने की कोशिश की। यहाँ ध्यान रखना जरूरी है कि AltNews और मोहम्मद जुबैर ऑफिशियली खबरों के ‘फैक्ट चेक’ के लिए कर्नाटक सरकार के साथ साझेदारी कर रही है। यह जानकारी कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे दे चुके हैं।
Union Minister @Rajeev_GoI and BJP MP @Tejasvi_Surya are misleading their followers by communalising the welfare schemes. This is ‘Swawalambi Sarathi Scheme’. A similar scheme was available under Karnataka BJP govt too. But both the BJP MPs don't want you to know!
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) September 8, 2023
Pic : 2 & 3… pic.twitter.com/pBYCbqZ1Hw
मोहम्मद जुबैर ने राजीव चन्द्रशेखर और तेजस्वी सूर्या के पोस्ट का फैक्ट चेक करने के चक्कर में कुछ दावे भी किए, जिसमें-
1-जुबैर ने दावा किया कि दोनों नेता इस योजना का सांप्रदायिकरण कर रहे हैं और यह योजना एससी/एसटी के लिए भी उपलब्ध है।
2- इस योजना में SC/ST को 75% या अधिकतम 4 लाख तक की सब्सिडी राशि मिल सकती है।
3- अल्पसंख्यक 50% या अधिकतम 3 लाख तक की सब्सिडी राशि के लिए पात्र हैं।
3- भाजपा के तहत भी ऐसी ही योजना थी, इसलिए चंद्रशेखर और सूर्या गलत सूचना फैला रहे थे।
चूँकि जुबैर को अपने हिसाब से तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने और अपना एजेंडा चलाने की पुरानी आदत है, उसने इस मामले में भी ऐसा ही किया। उसने अपनी बात साबित करने के लिए 2 स्क्रीनशॉट्स शेयर किए। जुबैर ने ‘डिस्ट्रिक्टइंफो‘ वेबसाइट के स्क्रीनशॉट्स को आधिकारिक जानकारी के तौर पर शेयर किया, जबकि वो वेबसाइट निजी है, जिसका सरकार से कोई लेना देना ही नहीं है।
जुबैर ने जिस आर्टिकल का इस्तेमाल अपने फैक्ट चेक में किया, वो 19 अगस्त 2023 को पब्लिश हुआ था, कर्नाटक सरकार के सत्ता में आने के ठीक बाद। ये अलग बात है कि उस दिन उस वेबसाइट के एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से एयर फ्रायर और इंडक्शन पर इस्तेमाल होने वाले बर्तनों के विज्ञापन वाले अमेजन के लिंक पोस्ट कर रहा था। उस वेबसाइट के सोशल मीडिया पर महिलाओं के कपड़े और जूतों से जुड़े लिंक भी पोस्ट किए जाते हैं।
वैसे, ये वेबसाइट देखने में बिल्कुल साफ है कि वो कोई भरोसेमंद वेबसाइट नहीं है, जिसका इस्तेमाल फैक्ट चेक में किया जाए। हालाँकि जो जानकारी वेबसाइट पर है, वो पूरी तरह से गलत भी नहीं है।
कॉन्ग्रेस सरकार के बजट के अनुसार, वास्तव में इस योजना की घोषणा सरकार ने की थी। हालाँकि महत्वपूर्ण बात ये है कि उक्त वेबसाइट और मोहम्मद जुबैर ने शायद जानबूझकर पूरी बात नहीं रखी और पाठकों को ये पता करने के लिए कि क्या सही है, उन्हीं पर छोड़ दिया।
जुबैर ने इन बातों को पाठकों के विवेक पर छोड़ा
जब कोई व्यक्ति ‘स्वावलंबी सारथी योजना’ के बारे में सर्च करता है, तो वह केएमडी – कर्नाटक अल्पसंख्यक विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर पहुँचता है। इस सरकारी वेबसाइट पर भी इस योजना के बारे में जानकारी दी गई है कि ये सिर्फ अल्पसंख्यकों के लिए है।
वेबसाइट स्पष्ट रूप से कहती है कि इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए आवेदक को धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित होना चाहिए। यह योजना अल्पसंख्यक विभाग से जुड़ी है, और चल रही है, जैसा कि “ऑनलाइन आवेदन करें” बटन से साफ पता चला है।
अब, कोई यह तर्क दे सकता है कि चूँकि यह अल्पसंख्यक विभाग की वेबसाइट है, इसलिए यह केवल अल्पसंख्यकों से जुड़ी जानकारी ही देगी। ऐसे में हमने समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट को भी देखा और ये जानने की कोशिश की कि क्या ये योजना एससी/एसटी वर्ग के लोगों के लिए भी चल रही है, जैसा कि कर्नाटक सरकार ने अपने बजट में घोषणा की थी?
उस वेबसाइट पर ‘स्वावलंबी सारथी योजना’ नाम की कोई योजना नहीं दिखी और न ही उसके लिए आवेदन करने की कोई जगह मिली। जब ऑपइंडिया ने समाज कल्याण विभाग से बात की तो हमें साफ तौर पर बताया गया है कि इस योजना का लाभ सिर्फ अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को ही मिलेगा। एससी/एसटी समुदाय के लोगों को नहीं।
FIR against Sudhir Chaudhary for asking ‘what about Hindus’ in Karnataka scheme: What happened, Zubair’s misleading claims, Priyank Kharge’s threat and more
— Nupur J Sharma (@UnSubtleDesi) September 13, 2023
My reporthttps://t.co/mXgZBlJQqW
हालाँकि, यह सच है कि कर्नाटक सरकार ने अपने बजट में अल्पसंख्यकों और एससी/एसटी समुदाय के लिए इस योजना की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक की जानकारी से ऐसा लगता है कि यह योजना अभी तक सिर्फ अल्पसंख्यकों के लिए शुरू की गई है, एससी/एसटी समुदाय के लिए नहीं। यह स्पष्ट है कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदाय इस योजना का लाभ तभी प्राप्त कर सकता है, जब इस बारे में सरकार अधिसूचना जारी करे। फिलहाल तो ऐसा कुछ दिख नहीं रहा है।
इस योजना को लेकर आजतक के पत्रकार सुधीर चौधरी ने 12 सितंबर को एक शो किया था। इस शो में उन्होंने अंबेडकर विकास निगम के प्रमुख पी नागेश के हवाले से बताया था कि यह योजना अभी एससी/एसटी समुदाय के लिए लागू नहीं है। हालाँकि इसे इन समुदायों के लिए शुरू करने पर चर्चा चल रही है। उन्होंने पुष्टि की थी कि ये योजना अभी तक एससी/एसटी वर्ग के लोगों के लिए अधिसूचित नहीं की गई है।
जब मोहम्मद जुबैर अमेजन के विज्ञापनों को शेयर करने वाली एक ‘ऐरी-गैरी’ वेबसाइट पर भरोसा कर रहे था, तब भी इस बात की पूरी जानकारी मौजूद थी कि कर्नाटक सरकार ने इस योजना की घोषणा तो अल्पसंख्यकों के साथ ही एससी/एसटी वर्ग के लिए भी की थी। इसे लागू भी कर दिया गया, लेकिन सिर्फ अल्पसंख्यक समुदाय के लिए। एससी/एसटी के लिए इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है।
इस बीच एक अन्य ट्वीट में मोहम्मद जुबैर ने एक और भ्रामक दावा किया। जुबैर ने ट्वीट किया, ”बीजेपी सरकार में भी ऐसी ही एक योजना थी। यहाँ अल्पसंख्यक विभाग @DOMGOK के कुछ पुराने ट्वीट हैं, ‘प्रत्येक लाभार्थी को वाहन की कीमत 33% सब्सिडी मिलेगी, जिसमें ऑटो रिक्शा/टैक्सी/माल गाड़ी खरीदने के लिए अधिकतम 2.5 लाख रुपये दिए जाएँगे’।”
ज़ुबैर ने फिर से चालाकी से सेलेक्टिव जानकारी साझा की, ताकि इस मामले की पूरी तस्वीर स्पष्ट न हो।
हालाँकि, यह भी सच है कि ऐसी ही एक योजना भाजपा सरकार में भी चल रही थी। ये जानकारी कर्नाटक के अल्पसंख्यक विभाग द्वारा 2021-2022 में दी गई थी, जिसमें बताया गया है कि 31 मार्च 2022 तक वाहनों की खरीद के लिए कितनी सब्सिडी दी गई थी। इस रिपोर्ट के अनुसार, अल्पसंख्यक विभाग द्वारा 1,333 वाहनों पर सब्सिडी दी गई थी ।
हालाँकि, जुबैर द्वारा डाले गए स्क्रीनशॉट भ्रम पैदा करने वाले थे, क्योंकि भाजपा सरकार ने 2022 में इस योजना को होल्ड (रोक) पर रख दिया था।
जुबैर ने जो स्क्रीनशॉट शेयर किए, उनमें से एक कर्नाटक के अल्पसंख्यक मामलों के विभाग का जवाब था। ये जवाब 17 अक्टूबर 2022 को दिया गया था। इसमें विभाग ने लिखा था, “प्रत्येक लाभार्थी को वाहन मूल्य पर 33% सब्सिडी मिलेगी, अधिकतम रु 2.5 लाख रुपए। अगर ऑटो रिक्शा/टैक्सी/माल गाड़ी बैंक लोन पर खरीदा जा रहा है तो उसके लिए बैंक का पत्र भी जमा करना होगा। (1/1)”
कोई भी व्यक्ति ध्यान देगा कि अगर किसी ट्वीट में 1/1 लिखा है, तो इसका मतलब है कि जवाब अभी अधूरा है और वो दूसरे ट्वीट में आ रहा है। कम से कम असली फैक्ट चेकर तो इस बात पर ध्यान देगा ही। चूँकि अगले ट्वीट में पूरा मामला साफ हो जाता, इसलिए जुबैर ने सिर्फ अपने काम का अधूरा ट्वीट ही लगाया।
मोहम्मद जुबैर ने जिस दूसरे ट्वीट को ‘जानबूझकर’ छोड़ा, उसमें साफ लिखा है कि ये योजना अब बंद हो चुकी है। ये सभी ट्वीट्स अब भी विभाग के सोशल मीडिया हैंडल पर मौजूद हैं।
And Direct Loans for Businesses/Enterprises. Visit https://t.co/p8TE5utXnM for more information. Tackling minorities' slums falls under 11 Municipal Corporations, which are only able to provide basic amenities. (2/2)
— Department of Minority Welfare, Govt of Karnataka (@DOMGOK) December 11, 2022
Regards.#KarnatakaMWD
जुबैर ने दिसंबर 2022 का एक और स्क्रीनशॉट शेयर किया था। ये भी दो हिस्सों में है, लेकिन उसने जानबूझकर पहला हिस्सा ही शेयर किया है।
इस ट्वीट में भी साफ लिखा है कि ये योजना लागू की जाएगी। इसका जवाब दिसंबर माह में दिया गया है। इस बात से ये साफ है कि ट्वीट के समय ये योजना बंद थी, चल नहीं रही थी।
अब ये सब कुछ पूरी तरह से साफ है कि किस तरह से जुबैर ने KMDC के जवाबी ट्वीट का महज एक हिस्सा ही शेयर किया, दूसरे को छोड़ दिया (जिसमें साफ साफ लिखा है कि ये योजना उस समय बंद थी)। लोग गुमराह ही रहें, इसलिए उसने एक और स्क्रीनशॉट शेयर कर दिया।
इन सब तथ्यों के आधार पर ये बात साफ है कि जब मई 2023 में कर्नाटक में कॉन्ग्रेस की सरकार आई, तब ये योजना बंद थी। ऐसे में ये कॉन्ग्रेस सरकार की ही योजना है, जिसके बारे में सरकार ने पूरी योजना बनाई और बजट में इसकी घोषणा की। बजट में घोषणा के समय ये कहा गया था कि इस योजना का लाभ एससी/एसटी समुदाय को भी मिलेगा, लेकिन अब तक ये सिर्फ अल्पसंख्यकों के लिए ही चलाई जा रही है।
ऐसे में ये भी संभव है कि कर्नाटक सरकार की अन्य योजनाएँ जो एससी/एसटी/ओबीसी के लिए भी चल रही हैं, उनका भी हश्र ‘स्वावलंबी सारथी योजना’ की तरह ही हुआ हो।
उदाहरण के लिए, कर्नाटक सरकार की एक और योजना है, जिसे ऐरावत योजना कहा जाता है। इस योजना के तहत एससी/एसटी समुदाय के ग्रामीण युवाओं को सब्सिडी वाली गाड़ियाँ पाने की सुविधा देने के लिए ओला और उबेर के साथ पार्टनरशिप की गई है। हालाँकि, ये योजना स्वावलंबी सारथी योजना के बराबर नहीं है, जो सिर्फ अल्पसंख्यकों के लिए थी, बल्कि ये योजना एससी/एसडी समुदाय के ग्रामीण युवाओं के लिए है।
आजतक के सुधीर चौधरी के खिलाफ FIR और जुबैर का फेक न्यूज
जब जुबैर ने भ्रामक जानकारी फैलाना शुरू कर दिया तो प्रियांक खड़गे, जो जुबैर को ‘चीफ’ कहना पसंद करते हैं, ने सुधीर चौधरी को कानूनी परिणाम भुगतने की धमकी दी। इसके बाद उनके के खिलाफ रिपोर्टिंग करने के लिए एफआईआर दर्ज करा दी गई।
बता दें कि सुधीर चौधरी ने एक शो किया था, जिसमें उन्होंने इस योजना के बारे में बताया था कि कैसे इसे हिंदुओं के लिए नहीं बल्कि अल्पसंख्यकों के लिए लागू किया जा रहा है। वीडियो सामने आते ही हिंदू विरोधी बयान देने वाले प्रियांक खड़गे ने ट्वीट किया कि सुधीर गलत सूचना फैला रहे हैं और वह एंकर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
The anchor of @aajtak is deliberately spreading misinformation on Government schemes which was first started by BJP MPs & is being amplified by sections of media.
— Priyank Kharge / ಪ್ರಿಯಾಂಕ್ ಖರ್ಗೆ (@PriyankKharge) September 12, 2023
This is deliberate & malicious, Govt will be taking necessary legal action pic.twitter.com/nD5FuAf3nu
रात 11:36 बजे मोहम्मद जुबैर ने सबसे पहले ट्वीट किया था कि सुधीर चौधरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
FIR registered in Sheshadripuram Police station, Bengaluru against News Presenter Sudhir Choudhary and Aaj Tak.
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) September 12, 2023
इन सबके बीच, सुधीर चौधरी ने एक और शो किया, जिसमें उन्होंने ये बातें साफ कीं।
1-बजट में कॉन्ग्रेस सरकार ने घोषणा की थी कि यह योजना अल्पसंख्यकों और एससी/एसटी समुदायों के लिए उपलब्ध होगी
2-अखबार और कॉन्ग्रेस सरकार की अपनी वेबसाइट के विज्ञापन से साबित होता है कि इस योजना के लिए पात्रता की आवश्यकता यह है कि व्यक्ति अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित होना चाहिए।
3-एससी/एसटी समुदाय के लिए योजना की पात्रता अभी तक अधिसूचित नहीं की गई है।
4-इस बात की पुष्टि अंबेडकर विकास निगम के प्रबंध निदेशक ने आजतक से की है।
5-साफ है कि यह योजना सिर्फ अल्पसंख्यक समुदाय के लिए लागू है।
यहाँ ये ध्यान देने लायक बात है कि असल चीजों को अभी तक मोहम्मद जुबैर ने ट्वीट नहीं किया है, जबकि सुधीर चौधरी जब शो कर रहे थे, तब यही जुबैर लगातार ट्वीट पर ट्वीट कर रहा था।
YouTube live video of Sudhir Choudhary isn't available on Aaj Tak Channel now. Reason? 🤔 https://t.co/mFydT0CMen pic.twitter.com/y6I5OWLeBl
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) September 12, 2023
स्व-घोषित फैक्ट चेकर जुबैर ने इन मामले में अपनी पूरी क्षमता के साथ काम नहीं किया। सच्चाई ये है कि उसका हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है। इस पूरे मामले में आगे चलकर यह संभव है कि कर्नाटक सरकार अपनी घोषणा पर अमल करते हुए एससी/एसटी वर्ग के लिए भी योजना को अधिसूचित कर दे, लेकिन अभी तथ्य यही है कि ये योजना सिर्फ अल्पसंख्यक समुदाय के लिए लागू है।
साफ है कि इस मामले में सुधीर चौधरी हों या अन्य मीडिया हाउस, उन्होंने कोई फेक न्यूज नहीं फैलाया है। फिर भी कर्नाटक सरकार ने सच्चाई को स्वीकार करने की जगह उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने जैसी कार्रवाई की है।
चूँकि कर्नाटक सरकार की ये योजना अगर एससी/एसटी वर्ग के लिए लागू होती तो वो इसका नोटिफिकेशन सार्वजनिक करते, न कि जुबैर के फर्जी फैक्ट चेक की आड़ में सुधीर चौधरी पर एफआईआर दर्ज करते।
ऐसे में साफ है कि सुधीर चौधरी पर एफआईआर सिर्फ इसलिए की गई है कि अगर कोई सच्चाई बताने का प्रयास करेगा और इससे कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार की असलियत बाहर आएगी, तो वो बच नहीं पाएगा। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। उसे प्रताड़ित किया जाएगा।
मूल रूप से यह रिपोर्ट अंग्रेजी में नुपूर जे शर्मा द्वारा लिखी गई है। इसे पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।