Friday, November 15, 2024
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‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा’: केरल के ‘मीडिया वन’ चैनल पर जारी रहेगा प्रतिबंध, दिल्ली दंगों की एकतरफा कवरेज पर HC का फैसला

"गृह मंत्रालय की ओर से जमा की गई गोपनीय फाइलों का अध्ययन कर पाया गया कि मीडिया वन का नवीकरण, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।"

केरल हाई कोर्ट (Kerala High Court) की खंडपीठ ने मलयालम समाचार चैनल मीडिया वन टीवी (Media One) के प्रसारण अधिकारों को सस्पेंड करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा है। हाई कोर्ट ने चैनल पर लगाए गए प्रतिबंध के संबंध में एकल पीठ के आदेश को उचित ठहराया है। अदालत ने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ चैनल के मालिकों, कर्मचारियों और केरल पत्रकार संघ की याचिका को खारिज कर दिया।

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गंभीर ‘सुरक्षा मुद्दों’ का हवाला देते हुए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 31 जनवरी को चैनल को ऑफ एयर कर दिया था। इससे पहले हाल ही में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने मीडिया वन चैनल के प्रसारण लाइसेंस के नवीकरण करने से इनकार कर दिया।

मुख्‍य न्‍यायाधीश एस मणिकुमार और न्‍यायमूर्ति शाजी पी चाली की खंडपीठ ने कहा कि गृह मंत्रालय की ओर से जमा की गई गोपनीय फाइलों का अध्ययन कर पाया गया कि मीडिया वन का नवीकरण, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। 8 फरवरी को एकल पीठ ने भी अपने आदेश में कहा था कि खुफिया रिपोर्टों को देखने के बाद चैनल की सुरक्षा मंजूरी को रद्द किया जाना उचित है।

उल्लेखनीय है कि मीडिया वन न्यूज का स्वामित्व माध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड के पास है, जो जमात-ए-इस्लामी द्वारा समर्थित है। 2020 में दिल्ली दंगों के दौरान, प्रसारण नियमों का उल्लंघन करने के लिए चैनल को 48 घंटे के लिए निलंबित कर दिया गया था। इस संबध में जारी आदेश में कहा गया था कि चैनल ने हिंसा को कवर करते समय दिल्ली हिंसा में पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग की थी। विशेष समुुदाय के पूजा स्थल पर हमले को रेखांकित किया और एक खास समुदाय का पक्ष लिया। उनकी रिपोर्टिंग सीएए के समर्थकों द्वारा की गई हिंसा पर आधारित थी। इन चैनलों ने आरएसएस और दिल्ली पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए थे। चैनल ने हिंसा के लिए दिल्ली पुलिस और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराते हुए आलोचना की थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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