तथाकथित फैक्ट चेकर और ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने हिंदू राजाओं को अंग्रेजों द्वारा फाँसी जाने की घटना का मजाक उड़ाया है। मंगलवार (21 मार्च, 2023) को एक ट्वीट में, जुबैर ने कहा है कि शिवगंगा साम्राज्य के राजाओं मारुथु भाइयों (मारुथु पांडियार) ने अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध लड़ा। इसके बाद अंग्रेजों ने उन्हें 1801 में तिरुपुथुर किले मे सरेआम फाँसी पर लटका दिया। इस ट्वीट के अंत में जुबैर ने मजाक उड़ाने के लिए ‘लाफिंग’ इमोजी का इस्तेमाल किया।
दरअसल, जुबैर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर्नाटक दौरे पर उनके स्वागत के लिए लगाए गए एक पोस्टर को ‘गलत’ बताते हुए ट्वीट किया था। इस ट्वीट के जरिए उसने कर्नाटक में भाजपा पर निशाना साधा था। ट्वीट में जुबैर ने कहा था कि बीजेपी मारुथु भाइयों की तस्वीरों को उरी गौड़ा और नानजे गौड़ा की तस्वीरें बता रही है। ये वही गौड़ा हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि इन्होंने इस्लामी आक्रांता और मैसूर के शासक रहे टीपू सुल्तान को मार डाला था।
यही नहीं, जुबैर ने उरी गौड़ा और नानजे गौड़ा को काल्पनिक पात्र करार दिया। साथ ही कहा कि बीजेपी उरी गौड़ा और नानजे गौड़ा और मारुथु ब्रदर्स के बीच भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रही है। मोहम्मद जुबैर ने तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई का एक पुराना ट्वीट भी शेयर किया। इसमें अन्नामलाई को मारुथु पांडियार भाइयों की तस्वीर के सामने सिर झुकाते देखा जा सकता है। इस ट्वीट में उसने कर्नाटक भाजपा के नेता सीटी रवि का मजाक उड़ाते हुए कहा कि के अन्नामलाई, सीटी रवि को इतिहास की सही जानकारी नहीं दे सके।
Karnataka Minister & film producer Munirathna @MunirathnaMLA later made a U-turn & said he decided against making the film titled Uri Gowda-Nanje Gowda. Not sure if he still know that images used are of Maruthu Pandiyar brothers. 🤐 pic.twitter.com/z0QsRPa4sm
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) March 20, 2023
बता दें कि कर्नाटक के मांड्या में बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे के उद्घाटन कार्यक्रम से पहले भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए ‘आर्क गेट’ बनाया था। लेकिन बाद में इस गेट को लेकर विवाद हो गया। कर्नाटक भाजपा के कार्यकर्ताओं ने वोक्कालिगा समाज के प्रमुख उरी गौड़ा और नानजे गौड़ा की जमकर तारीफ की गई थी। लेकिन इसको लेकर विरोध बढ़ने के बाद वोक्कालिगा समुदाय के दिवंगत संत श्री बालगंगाधरनाथ स्वामीजी की फोटो लगाई गई।
यह विवाद यहीं नहीं रुका। दरअसल, कर्नाटक के बागवानी मंत्री मुनिरत्ना के फिल्म प्रोडक्शन स्टूडियो ने इस्लामिक आक्रांता टीपू सुल्तान की हत्या करने वाले वोक्कालिगा सरदारों उरी गौड़ा और नानजे गौड़ा पर एक बायोपिक बनाने की योजना बनाई थी। यह फिल्म मैसूर की उन किंवदंतियों पर आधारित थी, जिनमें कहा जाता था कि टीपू सुल्तान को दो वोक्कालिगा सरदारों, उरी गौड़ा और नानजे गौड़ा ने मार डाला था।
हालाँकि, कई इतिहासकार ऐसे दावे को खारिज करते हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि टीपू सुल्तान की हत्या वोक्कालिगा सरदारों ने नहीं, अंग्रेजों ने की थी। कॉन्ग्रेस और जेडीएस का भी यह भी दावा है कि उरी गौड़ा और नानजे गौड़ा कभी थे ही नहीं और वे महज एक काल्पनिक पात्र हैं। हालाँकि, भाजपा का कहना है कि वोक्कालिगा सरदारों ने ही टीपू को मारा और इसके ऐतिहासिक सबूत हैं।
ಕಲ್ಪಿತಕಥೆ, ಸುಳ್ಳುಗಳಿಂದಲೇ ಜನರ ಮನಸ್ಸಿನಲ್ಲಿ ವಿಷಬೀಜ ಬಿತ್ತಿ ಕರ್ನಾಟಕವನ್ನು ಅಲ್ಲೋಲಕಲ್ಲೋಲ ಮಾಡುತ್ತಿರುವ ಬಿಜೆಪಿ ವಕ್ರದೃಷ್ಟಿ ಸದ್ಯಕ್ಕೆ ಒಕ್ಕಲಿಗರ ಮೇಲೆ ಬಿದ್ದಿದೆ.ಸ್ವಾಭಿಮಾನಿ ಒಕ್ಕಲಿಗರನ್ನು ಹೇಗಾದರೂ ಹಳ್ಳ ಹಿಡಿಸಲೆಬೇಕೆಂಬ ಹಿಡೆನ್ ಅಜೆಂಡಾ @BJP4Karnataka ಗೆ ಇರುವುದಂತೂ ಸತ್ಯ.1/11#ಒಕ್ಕಲಿಗರ_ಮೇಲೆ_ಬಿಜೆಪಿ_ವಕ್ರದೃಷ್ಟಿ pic.twitter.com/dnJZgHRqub
— ಹೆಚ್.ಡಿ.ಕುಮಾರಸ್ವಾಮಿ | H.D.Kumaraswamy (@hd_kumaraswamy) March 17, 2023
जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने टीपू सुल्तान को स्वतंत्रता सेनानी करार दिया। साथ ही आरोप लगाया कि फिल्म के जरिए भाजपा वोक्कालिगा समुदाय को स्वतंत्रता सेनानी के हत्यारों के रूप में पेश कर रही है। उन्होंने भाजपा पर वोक्कालिगा समुदाय को बदनाम करने का भी आरोप लगाया। हालाँकि, जेडीएस और कॉन्ग्रेस के दावों को खारिज करते हुए, वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय राज्य मंत्री (MOS) शोभा करंदलाजे ने कहा कि उरी गौड़ा और नानजे गौड़ा वास्तविक थे, उनके बारे में ऐतिहासिक सबूत भी उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों गौड़ा ने मैसूर महाराजा के परिवार और राज्य की रक्षा के लिए टीपू सुल्तान के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
वहीं, इस विवाद के बीच कर्नाटक के बागवानी मंत्री और फिल्म निर्माता मुनिरत्ना ने सोमवार (20 मार्च, 2023) को कहा है कि वह उरी गौड़ा और नानजे गौड़ा पर फिल्म नहीं बनाएँगे। दरअसल, इस फिल्म के निर्माण का वोक्कालिगा संघ ने कड़ा विरोध किया था। वोक्कालिगा संघ की ओर से कहा गया था यदि फिल्म बनाने का विचार नहीं छोड़ा गया तो उनके समुदाय के दो संतों के नेतृत्व में आंदोलन होगा।
इससे पहले मुनिरत्ना ने वोक्कालिगा समुदाय के धार्मिक नेता आदिचुनचनगिरी के संत निर्मलानंद स्वामी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात को लेकर उन्होंने कहा कि वोक्कालिगा समुदाय और विपक्षी दलों की धमकियों और विरोध के बाद फिल्म नहीं बनाने का फैसला किया है। मुनिरत्ना ने कहा है कि कोई भी फिल्म बनाना मुश्किल काम नहीं है। लेकिन यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि इससे किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस न पहुँचे। उन्होंने यह भी कहा कि उरी गौड़ा और नानजे गौड़ा विवादित व्यक्ति हैं।
वहीं, निर्मलानंद स्वामी ने कहा है, “कोई भी इतिहास जो उस समय के इतिहासकारों द्वारा दर्ज नहीं किया गया है, विवाद का विषय होगा। इसलिए इस मुद्दे पर अकेले ध्यान केंद्रित करना सही नहीं है।”
I want to thank Shri Nirmalananda Swamiji of Adichunchanagiri Mahasamsthana Mutt for speaking the truth and exposing the communal agenda of the @BJP4Karnataka.
— Rizwan Arshad (@ArshadRizwan) March 20, 2023
His statement shows clearly that the BJP will drop to any extent to polarise the people of Karnataka. pic.twitter.com/ZpFjCsebus
इस मुद्दे पर तथाकथित फैक्ट चेकर और हिंदू घृणा से भरे हुए मोहम्मद जुबैर के ट्वीट को देखें तो उसने दावा किया कि मुनिरत्ना ने मारुथु भाइयों के फोटो का भी इस्तेमाल किया था और उन्हें ‘काल्पनिक’ पात्रों गौड़ा भाइयों के रूप में दिखाकर लोगों को भ्रमित किया था। साथ ही वह इस बात पर हँस रहा था कि हिंदू शासकों को अंग्रेजों ने फाँसी दे दी।
मोहम्मद जुबैर वही व्यक्ति है जिसने पूर्व भाजपा प्रवक्ता नुपूर शर्मा का पैगंबर मोहम्मद को लेकर आधा वीडियो शेयर किया था। उसके वीडियो शेयर करने के बाद नुपूर शर्मा को बलात्कार से लेकर जान से मारने तक की धमकियों का सामना करना पड़ा। नुपूर आज भी अपने घर की चारदीवारी में कैद रहने को मजबूर हैं। यही नहीं, जुबैर के कारण ही उमेश कोल्हे से लेकर कन्हैयालाल तक की हत्या हो गई और न जाने कितने लोगों को डर और धमकियों का सामना करना पड़ा।
मोहम्मद जुबैर हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाने के आरोप में जेल भी जा चुका है। उस पर दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर धर्म का अपमान करने के लिए IPC की धारा 153, 295 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।
उल्लेखनीय है कि कई मुस्लिम और तथाकथित धर्मनिरपेक्षतावादी तथा खुद को बुद्दिजीवी बताने वाले लोग इस्लामिक आक्रांता टीपू सुल्तान को स्वतंत्रता सेनानी के रूप में दिखाने की कोशिश करते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि टीपू सुल्तान फ्रांसीसियों के साथ था और उसने अपने राज्य को बचाने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। वास्तव में वह एक इस्लामिक अत्याचारी था जिसने अगणित हिंदुओं का नरसंहार किया और हजारों हिंदुओं को इस्लाम कबूलने के लिए मजबूर किया।