आतंकियों के तर्कों से पाठकों/दर्शकों को अवगत कराना अब NDTV, पत्रकारिता करने का तरीका मान चुका है। यही कारण है कि इस बार उसने तालिबान को अपने प्लेटफॉर्म पर जगह दी है। हाल में खबर आई थी कि तालिबान ने अफगान के 22 सुरक्षाकर्मियों को मारा है। ये खबर हर जगह थी, लेकिन एनडीटीवी आपके लिए इसका फैक्टचेक लेकर आया है। उसने संपर्क सीधा तालिबान के प्रवक्ता से किया और दिखाया कि जैसी खबर अफगान से आ रही हैं, वो तो सच ही नहीं है। सच वो है जो तालिबान का प्रवक्ता बताएगा, वो भी एनडीटीवी के माध्यम से।
नीचे लगाए गए स्क्रीनशॉट्स में देख सकते हैं कि एनडीटीवी ने कुछ ही देर पहले 5 ट्वीट किए है। सबमें अलग-अलग सवालों पर आतंकी तालिबान की राय है। इसमें उसने मोहम्मद सोहेल शाहीन, जो तालिबान का प्रवक्ता है, उसके बयानों को रिएलिटी चेक का नाम दिया है। इसमें शाहीन ने कहा है, “हमारे यहाँ ऐसा कोई मामला नहीं है, जब हमने सरेंडर हुए लोगों को मारा हो।”
फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दकी की निर्मम हत्या पर एनडीटीवी से तालिबानी प्रवक्ता ने कहा, “आप ऐसा नहीं कह सकते कि दानिश को हमारे लड़ाकों ने मारा। वो क्रॉस फायरिंग में मरा है।”
भारत, तालिबानियों का दोस्त है या दुश्मन? इस सवाल तक पर एनडीटीवी द्वारा सोहेल से जवाब लिया गया है और उसने बताया है कि ये तो भारत पर निर्भर होता है कि वो दोस्त हैं या दुश्मन।
15 साल की लड़कियों के तालिबानियों से निकाह पर सोहेल के बयान को रिएलिटी चेक का हिस्सा बताकर पेश किया गया। बयान में सोहेल ने कहा, “ये इस्लाम के नियम के विरुद्ध है कि किसी आदमी को उसकी बेटी देने के लिए दबाव बनाएँ। ये हो ही नहीं सकता। ये फेक न्यूज है।”
तालिबान को पाकिस्तान का साथ है या नहीं? इसके जवाब में सोहल ने एनडीटीवी को कहा है, “आप कहते हैं कि तालिबान के पीछे पाकिस्तान का हाथ है, लेकिन मुझे लगता है कि पाकिस्तान से दुश्मनी के कारण आप ऐसा कहते हैं, न कि अफगानिस्तान की हकीकत के आधार पर।”