राजदीप सरदेसाई ने उत्तर प्रदेश के बाँदा में एक गरीब की मौत पर अपनी ‘गिद्ध वाली पत्रकारिता‘ करनी चाही। उन्होंने एक वीडियो पोस्ट किया और साथ में लिखा कि बुंदेलखंड के बाँदा में गरीबों की भूख से हालत खराब है। उन्होंने बताया कि उनकी पत्रकार मौसमी ने एक व्यक्ति से अपनी स्टोरी के दौरान बात की थी, जो अब चल बसा है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि अनाज गोदामों में रखे-रखे सड़ रहे हैं।
‘इंडिया टुडे’ के पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने पूछा कि आखिर सरकार के ये सारे पैकेज जनता के पास कब पहुँचेंगे? ऐसा कहने के पीछे उनका तात्पर्य था कि मृतक को सरकार ने सहायता नहीं मुहैया कराई थी, इसलिए उसकी जान चली गई। बाँदा के डीएम ने राजदीप सरदेसाई को सच्चाई से अवगत कराया। मृतक का नाम राजकुमार है, जो खम्हौरा गाँव का निवासी था। ये अंतर्रा प्रखंड के अंतर्गत आता है।
डीएम ने बताया कि मृतक राजकुमार की पत्नी मनोज कुमार अंत्योदय राशन धारक है। उन्हें अप्रैल 1, 2020 को 20 किलो गेहूँ और 15 किलो चावल दी गई थी। इसके बाद उसी महीने की 17 तारीख को ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ 5 किलो चावल दिया गया था। मई 6, 2020 को उन्हें पुनः अंत्योदय कार्ड से 20 किलो चावल और 15 किलो गेहूँ मुहैया कराया गया था। इन सबके बावजूद राजदीप ने बिना कुछ जाने झूठ फैलाया।
— DM Banda (@DM_Banda1) June 1, 2020
हाल ही में 18 मई 2020 को मृतक की पत्नी को फिर से ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के तहत 5 किलो चावल और 1 किलो चना प्राप्त हुआ था। बता दें कि ये खाद्य सामग्रियाँ निःशुल्क दी गई है, इसके एवज में कोई पैसा नहीं लिया गया। साथ ही बाँदा प्रशासन ने साफ़ कर दिया है कि राजकुमार की मृत्यु भूख के कारण नहीं हुई है, बीमारी के कारण हुई है। इसके बाद लोगों ने राजदीप सरदेसाई को जम कर लताड़ा।
हालाँकि, राजदीप सरदेसाई ने बाद में बाँदा के डीएम का उनकी रिप्लाई के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि वो अपनी स्टोरी में उनकी इस प्रतिक्रिया को जोड़ने की कोशिश करेंगे। एक यूजर ने राजदीप से कहा कि वो अब जनता से माफ़ी माँगें। इसके बावजूद राजदीप सरदेसाई बाँदा के राजकुमार का वो इंटरव्यू लोगों को दिखाते रहे, जो उन्होंने तब दिया था जब वो जिन्दा थे। लोगों ने आरोप लगाया कि वो सरकार को बदनाम करने के लिए लगे हुए हैं।