फेक टीआरपी मामले में मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट (AVP) घनश्याम सिंह को शनिवार (दिसंबर 5, 2020) को मुंबई की अदालत ने जमानत दे दी। जेल से रिहा होने के बाद घनश्याम सिंह ने दावा किया कि हिरासत में रहते हुए मुंबई पुलिस के अधिकारियों ने उनकी पिटाई की।
पुलिस ने घनश्याम सिंह को उनके आवास से गिरफ्तार किया था और इसके बाद उन्हें 26 दिन के लिए तलोजा जेल में रखा गया था। यह पूछे जाने पर कि क्या पुलिस ने उन पर दबाव बनाने की कोशिश की या हिरासत में रहते हुए परेशान किया, सिंह ने खुलासा किया कि पुलिस ने उन्हें यह स्वीकार करने के लिए दबाव डालने की कोशिश की कि उन्होंने (रिपब्लिक टीवी) ‘कुछ किया है’। फ़र्ज़ी टीआरपी मामले को रिपब्लिक टीवी और इसके एडिटर-इन-चीफ़ अर्णब गोस्वामी के विरुद्ध षड्यंत्र और दुष्प्रचार के ज़रिए में तब्दील कर दिया गया था।
घनश्याम सिंह को अदालत में पेश किए जाने के पहले उनके साथ आतंकवादियों जैसा बर्ताव किया गया, चेहरा काले कपड़े से ढका गया था और उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया था। अपनी रिहाई के बाद सिंह ने कहा कि जब वह पुलिस हिरासत में थे, तो दूसरे दिन (मुंबई पुलिस) ने उन्हें पीटा। पुलिस “जानना” चाहती थी कि रिपब्लिक टीवी ने कैसे “टीआरपी” में हेरफेर की है। उन्होंने कहा, “मैं इनकार कर रहा था क्योंकि हमने कुछ नहीं किया है। मैंने बताया कि हमने कुछ नहीं किया है और मैंने भी कुछ नहीं किया है। उन्होंने काफी कोशिश की और फिर मुझे पीटा गया।”
सिंह की रिहाई पर बोलते हुए, अर्णब ने कहा कि उन्हें पुलिस हिरासत से बाहर देख कर काफी खुशी और गर्व होता है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक संदेश देते हुए, अर्णब ने कहा, “आप एक बार फिर विफल रहे हैं। आप पूरे देश के सामने सार्वजनिक रूप से कितनी बार असफल होंगे क्योंकि आप झूठ के साथ हैं? उद्धव ठाकरे, घनश्याम के चेहरे पर मुस्कान देखिए और सबक सीखिए। ‘सत्यमेव जयते’ की दहाड़ को देखिए।”
अर्णब ने आगे कहा कि जब तक ठाकरे झूठ के साथ रहे, तब तक उनका असफल होना तय है। उन्होंने कहा, “घनश्याम रिपब्लिक के लिए खड़ा है। वह 26 दिन के बाद बाहर आया और कहा कि अब वह और मजबूत हो गया है।” उन्होंने आगे कहा कि ठाकरे सरकार द्वारा रिपब्लिक के साथ ज़बरदस्ती करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सभी अकल्पनीय तरीकों के बावजूद अब उनका झुकना तय है।
अर्णब ने कहा, “रिपब्लिक निडर है। महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस के लोगों से मैं नज़रें मिला कर कहता हूँ कि हम सौदों में कटौती नहीं करते हैं। हम व्यापार बंद नहीं करते हैं। हम लड़ते हैं और हम जीतते हैं। और हम जीत रहे हैं।”
फेक टीआरपी स्कैम
गौरतलब है कि 8 अक्टूबर को आयोजित एक प्रेस वार्ता में मुंबई पुलिस कमिश्नर ने रिपब्लिक टीवी और अर्णब गोस्वामी पर कई गम्भीर आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि चैनल ने टीआरपी से जुड़ी जानकारी में बदलाव करने के लिए आम लोगों को पैसे दिए थे और उनसे कहा गया था कि वह उनका चैनल चलाकर अपना टीवी ऑन रखें।
हालाँकि, उसी दिन देर शाम तक रिपब्लिक टीवी ने सबूतों के साथ अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए बताया कि असली रिपोर्ट में उनके चैनल का नाम कहीं भी नहीं है, बल्कि उन पर सवाल उठाने वाले इंडिया टुडे का नाम ओरिजनल एफआईआर में है। इसके बाद इंडिया टुडे और मुंबई पुलिस की मंशा पर सवाल खड़े हो गए। बाद में मुंबई पुलिस कमिश्नर को मानना भी पड़ा था कि एफआईआर में इंडिया टुडे का नाम है।