Monday, November 18, 2024
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‘राज्यों ने नहीं माँगी थी वैक्सीन खरीद की अनुमति’: AltNews ने फैलाई फेक खबर, छिपाया ममता का पत्र, PM मोदी को बताया झूठा

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों के साथ कई बैठकें की, जिसमें कुछ 'इन-हाउस' भी थीं। फोन पर भी बातें हुईं। क्या AltNews को पता है कि इस दौरान क्या माँगें उठती थीं और क्या बातें होती थीं?

खुद को फैक्ट-चेक मीडिया संस्थान बताने वाले प्रोपेगंडा पोर्टल AltNews ने कोरोना वैक्सीन को लेकर केंद्र सरकार के फैसले पर एक बार फिर से भ्रम फैलाने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने हालिया सम्बोधन में कहा था कि कुछ राज्यों ने वैक्सीन नीति को डिसेंट्रलाइज करने, अर्थात राज्यों को वैक्सीन खरीद का अधिकार देने की अपील की थी, जिसके बाद ये फैसला लिया गया था।

आगे बढ़ने से पहले बता दें कि टीकाकरण की रणनीति पर पुनर्विचार करने और 1 मई से पहले की व्यवस्था को वापस लाते हुए प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि राज्यों के जिम्मे जो 25 प्रतिशत टीकाकरण था, उसे अब भारत सरकार द्वारा करने का निर्णय लिया गया है। नई व्यवस्था घोषणा के दो सप्ताह के भीतर अमल में लाई जाएगी। प्रधानमंत्री ने इस दौरान कहा था कि राज्यों ने वैक्सीन की खरीद के लिए इच्छा प्रकट की थी, इसीलिए उन्हें ये सुविधा दी गई थी।

अब AltNews ने इस बार ‘फैक्ट-चेक’ नहीं, बल्कि ‘विश्लेषण’ कर के दावा किया है कि प्रधानमंत्री का बयान राज्यों की माँग से मेल नहीं खाता है। इसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा 24 फरवरी को लिखे गए एक पत्र का जिक्र करते हुए कहा गया कि उन्होंने राज्य को वैक्सीन की खरीद की अनुमति देने की अपील की गई थी, लेकिन उनकी माँग नहीं मानी गई। लेकिन, AltNews ने बड़ी चालाकी से एक चीज छिपा ली।

दरअसल, ममता बनर्जी ने 18 अप्रैल को भी केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने अपने पिछले पत्र की याद दिलाते हुए कहा था कि उन्होंने राज्य को वैक्सीन खरीद की अनुमति देने की माँग की थी, जिस पर अमल नहीं किया गया है। इसके ठीक अगले ही दिन प्रधानमंत्री की एक बैठक के बाद राज्यों को वैक्सीन खरीद की अनुमति देने का फैसला लिया गया। फिर AltNews कैसे कह रहा है कि राज्यों की बात नहीं मानी गई थी?

इससे कई चीजें साबित होती हैं। इस लेख में कई राज्यों के नेताओं के बयानों का जिक्र है। लिखा है कि वैक्सीन डिसेंट्रलाइजेशन के फैसले को ममता बनर्जी ने ‘देर से लिया हुआ निर्णय’ करार देते हुए इसकी आलोचना की थी। पहली बात तो ये है कि क्या अगर विपक्षी नेता अपना बयान बदलते रहेंगे तो इसका दोष केंद्र सरकार को दिया जाएगा? AltNews ने राहुल गाँधी के पत्र को लेकर भी भ्रम फैलाते हुए कहा कि उन्होंने वैक्सीन खरीद का अधिकार राज्यों को देने की माँग नहीं की थी।

राहुल ने अपने पत्र में स्पष्ट लिखा था कि वैक्सीन खरीद में राज्यों की भूमिका ज्यादा हो, इसका अर्थ क्या है? अपने पत्र के पॉइंट 2 में उन्होंने स्पष्ट रूप से इसका जिक्र किया था कि राज्यों को वैक्सीन खरीदने का अधिकार नहीं दिया जा रहा है। AltNews फेक न्यूज़ फैला रहा है कि किसी विपक्षी नेता ने ऐसी माँग नहीं रखी थी। जबकि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने वैक्सीन खरीद को लेकर राज्यों पर लगी पाबंदी को हटाने की माँग की थी।

इसी तरह राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे कॉन्ग्रेस के आनंद शर्मा ने भी माँग की थी कि राज्यों को वैक्सीन कंपनियों के साथ प्रत्यक्ष करार की अनुमति दी जाए। इसका इस पत्र में कोई जिक्र ही नहीं है। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों के साथ कई बैठकें की, जिसमें कुछ ‘इन-हाउस’ भी थीं। फोन पर भी बातें हुईं। क्या AltNews को पता है कि इस दौरान क्या माँगें उठती थीं और क्या बातें होती थीं? फिर वो कैसे इसकी पुष्टि कर सकता है कि राज्यों की क्या माँग थी और क्या नहीं?

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने भी इसी तरह की गलती की थी लेकिन तथ्य के सामने आने के बाद उन्होंने अपनी गलती कबूल करते हुए ‘भूल-सुधर’ किया था। उन्होंने सवाल दागा था कि किस राज्य के किस मुख्यमंत्री ने किस समय वैक्सीन की खरीद के लिए इच्छा प्रकट की थी या ऐसी माँग की थी? लेकिन, ममता बनर्जी के पत्र के सामने आने के बाद उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया। राजदीप ने तो वैक्सीन डिसेंट्रलाइजेशन का श्रेय मनमोहन सिंह को और सेंट्रलाइजेशन का श्रेय विपक्षी दलों को दे डाला।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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