ज्यादातर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 का पालन करना शुरू कर दिया है। केवल ट्विटर ने सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों पर मंत्रालय को पूरी जानकारी नहीं भेजी है। अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, नियमों के मुताबिक जरूरी नियुक्तियों की जानकारी साझा कर चुके हैं।
मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक आईटी एक्ट के नए नियमों का पालन करते हुए अधिकांश प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों ने भारत में अपने मुख्य अनुपालन अधिकारी (Chief Compliance Officer), नोडल संपर्क व्यक्ति (Nodal Contact Person) और शिकायत अधिकारी (Grievance Officer) का विवरण इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के साथ साझा किया है। नए नियमों के अनुसार इन महत्वपूर्ण सोशल मीडिया कंपनियों में नामित अधिकारी कंपनी के कर्मचारी और भारत में निवासी होने चाहिए।
इन अधिकांश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में कू, शेयरचैट, टेलीग्राम, लिंकडिन, गूगल, फेसबुक व्हॉट्सएप और अन्य शामिल हैं। वहीं ट्विटर ने सरकार की फटकार के बाद देर रात अपने अपनी फर्म में काम करने वाले वकील की जानकारी साझा की है जो भारत में उनके नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन और शिकायत अधिकारी के तौर पर काम करेगा। लेकिन उन्होंने अपने अनुपालन अधिकारी को लेकर अब तक कोई सूचना मंत्रालय को नहीं भेजी।
बता दें कि ट्विटर द्वारा आईटी एक्ट के नए नियमों का पालन न किए जाने पर इससे पहले भारत सरकार ने कंपनी को फटकार लगाई थी। ट्विटर की ओर से जारी बयान में अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देकर चिंता जाहिर करने पर सरकार ने कंपनी को कहा था कि भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करना भारत सरकार की जिम्मेदारी है न कि ट्विटर जैसी किसी निजी लाभकारी, विदेशी संस्था की।
मंत्रालय के बयान में कहा था कि ट्विटर को इधर-उधर सिर मारना बंद करना चाहिए और भारतीय कानून का पालन करना चाहिए। कानून बनाना और नीति बनाना संप्रभु राष्ट्र का विशेषाधिकार है और ट्विटर सिर्फ एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है। भारत की कानूनी नीति की रूपरेखा क्या होनी चाहिए, यह तय करने में इसका कोई अधिकार नहीं होगा।
बता दें कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 25 फरवरी को ‘मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता नियम, 2021’ के तहत डिजिटल प्लेफॉर्म्स के लिए नई गाइडलाइन जारी की थी। इसे लागू करने की अंतिम तिथि 26 मई थी। अधिकतर प्लेटफॉर्म इन दिशा-निर्देशों का पालन करने में विफल रहे थे, जिसके बाद ऑनलाइन न्यूज पब्लिशर्स और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को 15 दिन का समय देकर गाइडलाइन के अनुपालन का ब्योरा माँगा गया था।