राजस्थान के जोधपुर से एक बांग्लादेशी गिरफ्तार किया गया है। उसकी पहचान महमूद आलम के तौर पर हुई है। हिंदू नाम से वह करीब 7 महीने से भारत में रह रहा था। राजस्थान पुलिस ने कानूनी औपचारिकताएँ पूरी करने के बाद उसे इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) को सौंप दिया है।
महमूद आलम को रविवार (17 दिसंबर 2023) को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से फर्जी पहचान पत्र भी मिले हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला जोधपुर के शास्त्री नगर थाना क्षेत्र का है। यहाँ MDM (मथुरा दास माथुर) हॉस्पिटल में एक युवक इलाज करवाने पहुँचा। युवक ने अपना नाम किशोर कुमार और पिता का नाम किरण कुमार बताया। उसने इसी नाम का आधार कार्ड भी दिखाया।
लेकिन आरोपित के हावभाव से डॉक्टरों को शक हुआ। उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर युवक को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में युवक ने खुद को बांग्लादेश का रहने वाला बताया है। महमूद के अब्बा का नाम शमशुल आलम है जो बांग्लादेश के मदिरापुरा के गाँव दुर्गावोरदी का रहने वाला है। महमूद आलम का पासपोर्ट भी इसी नाम और पते से बना है।
पूछताछ में महमूद आलम ने बताया है कि वह सबसे पहले कोलकाता गया। वहाँ से दिल्ली होते हुए वह राजस्थान के जैसलमेर पहुँचा। दिल्ली में रहने के दौरान महमूद को एक वाहन ने ठोकर मार दी थी। इसी चोट की वजह से महमूद के पैर में कीड़े पड़ गए थे।
दिल्ली में उसके एक साथी ने उसे जैसलमेर में काम दिलवाया था। जैसलमेर से महमूद जोधपुर इलाज के लिए MDM अस्पताल आया था। महमूद ने यह भी बताया कि वो काम के लिए वीजा लेकर भारत आया था। लेकिन मई 2023 में ही उसका वीजा खत्म हो गया। इसके बाद वह वापस बांग्लादेश नहीं गया। फ़िलहाल मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण IB पकड़े गए आरोपित से पूछताछ कर रही है। पुलिस महमूद के पास मिले कागजातों की भी जाँच कर रही है।