शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में बैठक के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की पाकिस्तान के साथ कोई वार्ता नहीं हुई। जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकी इंडस्ट्री का प्रवक्ता बताया और कहा कि पीड़ित और साजिशकर्ता साथ नहीं बैठ सकते। बता दें कि सीमा पार आतंकवाद से भारत दशकों से पीड़ित है।
बैठक की औपचारिक शुरुआत से पहले जयशंकर ने सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों का नमस्ते की मुद्रा में गर्मजोशी से स्वागत किया। हालाँकि, बिलावल भुट्टो को भी उन्होंने हाथ जोड़कर स्वागत किया, लेकिन उसमें गर्मजोशी नहीं दिखी। उन्होंने उनसे हाथ भी नहीं मिलाया। इसके जवाब में बिलावल ने भी जयशंकर को नमस्ते किया।
#WATCH | "As a Foreign Minister of an SCO member state, Mr Bhutto Zardari was treated accordingly. As a promoter, justifier and spokesperson of a terrorism industry which is the mainstay of Pakistan, his positions were called out and countered including at the SCO meeting… pic.twitter.com/9cLckxLML9
— ANI (@ANI) May 5, 2023
इसको लेकर पाकिस्तान में बिलावल की खूब आलोचना हो रही है। विपक्षी पार्टियाँ उन पर हमलावर हैं। हालाँकि, बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा, “आयोजन में जैसा व्यवहार दूसरे विदेश मंत्रियों के साथ रहा, वैसा ही हमारे साथ भी हुआ। सिंध में हम एक-दूसरे का स्वागत ऐसे ही करते हैं। इसे ‘सभ्य’ कहते हैं।”
प्रेस वार्ता के दौरान बिलावल ने एक बार फिर कश्मीर का राग अलापा। उन्होंने कहा, “कश्मीर में जी-20 का आयोजन करना भारत के घमंड को बताता है। यह दिखाता है कि किस तरह अंतरराष्ट्रीय नियमों और सुरक्षा परिषद प्रस्तावों को दरकिनार करके वह आगे बढ़ रहा है।”
बिलावल की मौजूदगी में ही विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान को खूब खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न था, है और रहेगा। पाकिस्तान की विश्वसनीयता लगातार घट रही है। वह आतंक की इंडस्ट्री का प्रवक्ता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के पीड़ित और पोषण करने वाले एक साथ नहीं बैठ सकते।
विदेश मंत्री ने कहा कि देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की तरह ही जम्मू-कश्मीर भी है, जहाँ जी-20 की बैठकें हो रही हैं। इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ जी-20 और श्रीनगर मुद्दा है ही नहीं। पाकिस्तान के साथ सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) ही मुद्दा है।
इस दौरान चीन को भी संदेश देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “चीन और पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्ते सामान्य नहीं हैं। सीमा पर हालात सुधरने तक ये रिश्ते सामान्य हो भी नहीं सकते।” SCO की बैठक में पाकिस्तान-चीन के बीच तथाकथित कॉरिडोर को लेकर जयशंकर ने दो बार बोला। उन्होंने कहा कि विकास के लिए कनेक्टिविटी किसी की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन नहीं कर सकती।