Saturday, April 20, 2024
Homeबड़ी ख़बरराफेल सुनवाई: प्रशांत भूषण और 'द हिन्दू' ने लिया चोरी किए डाक्यूमेंट्स का सहारा,...

राफेल सुनवाई: प्रशांत भूषण और ‘द हिन्दू’ ने लिया चोरी किए डाक्यूमेंट्स का सहारा, होगी जाँच

सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण द्वारा किसी भी प्रकार की अतिरिक्त एफिडेविड लेने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वह ऐसे किसी भी प्रकार की अतिरिक्त एफिडेविड या डॉक्यूमेंट को को स्वीकार नहीं करेगा, जो उसके समक्ष फाइल नहीं किए गए हों।

राफेल सौदे के मामले में सुप्रीम कोर्ट 14 दिसंबर को केंद्र सरकार को क्लीन चिट दे चुकी है। राफेल सौदे को लेकर फाइल किए गए रिव्यु पेटिशन पर कोर्ट ने आज से सुनवाई शुरू की। ओपन कोर्ट में सुनवाई करते हुए हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकील प्रशांत भूषण को फटकारा। सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण द्वारा किसी भी प्रकार की अतिरिक्त एफिडेविड लेने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वह ऐसे किसी भी प्रकार की अतिरिक्त एफिडेविड या डॉक्यूमेंट को को स्वीकार नहीं करेगा, जो उसके समक्ष फाइल नहीं किए गए हों।

वहीं केंद्र सरकार ने वकील प्रशांत भूषण की प्रारंभिक याचिकाओं पर आपत्ति जताई। केंद्र सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि प्रशांत भूषण व उनके पक्ष के अन्य वकीलों ने जिन डाक्यूमेंट्स का सहारा लिया, वो चोरी के हैं। उन्होंने कहा कि इन डाक्यूमेंट्स को मंत्रालय के वर्तमान या पूर्व अधिकारियों द्वारा धोखे से चोरी कर लिया गया था। जब अदालत ने पूछा कि सरकार इसको लेकर क्या कर रही है, तो वेणुगोपाल ने बताया कि इस मामले की जाँच बिठाई गई है।

सुनवाई के बीच में ही लंच का समय हो जाने के कारण 2 बजे दोपहर तक सुनवाई स्थगित कर दी गई। इसके बाद वेणुगोपाल कोर्ट को बताएँगे कि इस मामले में सरकार ने क्या स्टेप्स लिए हैं। वेणुगोपाल ने कहा कि समाचारपत्रों में प्रकाशित और रिव्यु पेटिशन के साथ जोड़े गए रिपोर्ट्स विशेषाधिकृत हैं और इस पर नोट नहीं लिया जा सकता। उन्होंने याद दिलाया कि यह मामला रक्षा सौदे से जुड़ा है और इसमें देश की सुरक्षा शामिल है। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि ‘द हिन्दू’ द्वारा प्रकाशित किए गए राफेल सम्बंधित काग़ज़ात ‘ऑफिसियल सीक्रेट ऐक्ट’ के तहत आते हैं।

अटॉर्नी जनरल ने दिलाया कि हालिया घटनाओं से हमें इस बात का एहसास हो गया है कि यह कितना महत्वपूर्ण और संवेदनशील सौदा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की स्क्रूटनी भविष्य में होने वाले सौदों पर भी प्रभाव डालेगी। कोई भी देश भारत के साथ इस तरह के सौदों में शामिल होने से हिचकिचाएगा। उन्हें ऐसा लगेगा कि भारत को इस प्रकार के सौदों को पूरा करने के लिए टीवी चैनल्स, संसद और फिर अदालत से होकर गुजरना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि उन दोनों पेपर और पेटिशन के साथ उनकी रिपोर्ट्स जोड़ने वाले वकीलों के ख़िलाफ़ अभियोजन चलाया जाएगा।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बच्चा अगर पोर्न देखे तो अपराध नहीं भी… लेकिन पोर्नोग्राफी में बच्चे का इस्तेमाल अपराध: बाल अश्लील कंटेंट डाउनलोड के मामले में CJI चंद्रचूड़

सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पॉर्नोग्राफी से जुड़े मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

मोहम्मद जमालुद्दीन और राजीव मुखर्जी सस्पेंड, रामनवमी पर जब पश्चिम बंगाल में हो रही थी हिंसा… तब ये दोनों पुलिस अधिकारी थे लापरवाह: चला...

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर हुई हिंसा को रोक पाने में नाकाम थाना प्रभारी स्तर के 2 अधिकारियों को सस्पेंड किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe