त्रिपुरा की राजधानी अगरतला रेलवे स्टेशन से हाल ही में 11 बांग्लादेशी घुसपैठिए पकड़े गए हैं। यह अगरतला से ट्रेन पकड़ देश के अलग-अलग हिस्सों में फैल जाने वाले थे। इन सभी को GRP और RPF ने पकड़ा है। अगरतला रेलवे स्टेशन के सहारे लगातार अवैध तरीके से बांग्लादेशी और रोहिंग्या लगातार देश भर में जा रहे हैं। पिछले डेढ़ साल में ही त्रिपुरा में घुसपैठ करने वाले हजारों बांग्लादेशी और रोहिंग्या को सुरक्षाबलों ने पकड़ा है।
अगरतला रेलवे स्टेशन पर तैनात GRP और RPF ने 30 जून, 2024 को स्टेशन से ही 11 बांग्लादेशी पकड़े हैं। इनमें 6 पुरुष, जबकि 5 महिलाएँ हैं। यह सभी अगरतला से बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई समेत अलग-अलग हिस्सों में जाने की फिराक में थे। इनमें से किसी के पास भी भारत के भीतर घुसने के लिए वैध कागज नहीं मिले हैं। अगरतला GRP ने इस संबंध में मामला दर्ज किया है और अब इनके खिलाफ कार्रवाई चालू की जाएगी। पुलिस इस मामले में मानव तस्करी के एंगल से भी जाँच कर रही है।
On 30/06/2024, 11 BD nationals have been arrested from Agartala Railway Station. The BD nationals illegally entered into India from Bangladesh. A specific Case has been registered against them.@Tripura_Police #SevaVeertaBandhuta pic.twitter.com/lMzfEGQwET
— GRP Tripura (@GrpTripura) July 1, 2024
लगातार पकड़े जा रहे हैं घुसपैठिए
अगरतला रेलवे स्टेशन के रास्ते भारत के अलग-अलग शहरों में वाले घुसपैठियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इससे पहले 29 जून, 2024 को 11 घुसपैठिए पकड़े गए थे। 27 जून, 2024 को भी अगरतला रेलवे स्टेशन से दो बांग्लादेशी घुसपैठियों अख्तर और फिरोजा को पकड़ा गया था। यह दोनों कर्नाटक की ट्रेन पकड़ने का प्रयास कर रहे थे।
इसके एक दिन पहले 26 जून, 2024 को 4 बांग्लादेशी घुसपैठिए, रुबिया सुल्ताना, ऋतु बेगम, ज्योति खातून और मीम सुल्ताना पकड़ी गईं थी। यह लोग पुणे और अहमदाबाद जाने के लिए ट्रेन पकड़ने वाले थे। जून महीने में अगरतला के रेलवे स्टेशन से 39 घुसपैठिए पकड़े गए हैं।
इससे पहले मई माह में भी 28 घुसपैठिए अलग-अलग मौके पर पकड़े गए थे। 23 मई को 4, 21 मई को 2 बांग्लादेशी घुसपैठिए पकडे गए थे। 17 मई, 2024 को 4 बांग्लादेशी घुसपैठिए पकड़े गए थे जो कि अगरतला सिकंदराबाद एक्सप्रेस में सवार होने जा रहे थे। इससे पहले 11 मई को 8 बांग्लादेशी घुसपैठिए पकड़े गए थे, यह महाराष्ट्र जा रहे थे। कई घुसपैठिए स्टेशन पर सुरक्षा एजेंसियों के राडार से बचने के बाद बाहर भी पकड़े गए हैं। कई बार इनके साथ इनके भारतीय मददगारों को भी पकड़ा गया है।
2024 में ही 130+ गिरफ्तार, इनमें रोहिंग्या भी
ऑपइंडिया ने घुसपैठियों के अगरतला रेलवे स्टेशन से लगातार पकड़े जाने को लेकर यहाँ के सुरक्षा अधिकारियों से बात की। अगरतला रेलवे स्टेशन पर तैनात GRP के अधिकारी तापस दास ने ऑपइंडिया को बताया कि 2024 में ही 130+ बांग्लादेशी घुसपैठिए गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें 4 रोहिंग्या घुसपैठिए भी हैं। उन्होंने बताया कि यह अगरतला से भारत के अलग-अलग हिस्से के लिए ट्रेन पकड़ते हैं। घुसपैठिए भारत के प्रमुख शहरों- चेन्नई, अहमदाबाद, कोलकाता और दिल्ली आदि में भी जाते हैं।
उन्होंने ऑपइंडिया को यह बताया कि अगरतला रेलवे स्टेशन पर पकड़े जाने वाले घुसपैठियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यह घुसपैठिए रेलवे में जाँच से बचने के लिए ज्यादातर जनरल डिब्बों में सफर करते हैं। इनका टिकट लेने के लिए कोई पहचान पत्र नहीं दिखाना होता। उन्होंने यह भी बताया कि इनके लिए भारत के अलग-अलग शहरों में पहले से बसे घुसपैठिए भी ऑनलाइन टिकट करवाते हैं। कई ऐसे गैंग भी त्रिपुरा में सक्रिय हैं जो कि इन्हें देश के अलग अलग हिस्सों में भेजने का काम करते हैं।
ऑपइंडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि लगातार इन घुसपैठियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। पहले जहाँ एक महीने में कहीं 2-4 अवैध बांग्लादेशी यहाँ पकड़े जाते थे वहीं अब इनकी संख्या 30-40 तक पहुँच रही है। उनकी इस बात की पुष्टि GRP त्रिपुरा के एक्स (ट्विटर) अकाउंट पर दी गई जानकारी भी करती है। GRP लगातार इन घुसपैठियों की गिरफ्तारी के विषय में जानकारी देती है। इसके अनुसार जनवरी 2024 से 30 जून, 2024 तक 118 अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए पकड़े गए हैं।
त्रिपुरा में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के रोज गिरफ्तार होने की खबरें लगातार आती रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, बीएसएफ ने जनवरी 2023 से 15 अप्रैल 2024 तक यानी करीब 16 महीने में अकेले त्रिपुरा से 1018 घुसपैठिए पकड़े हैं। इनमें 498 बांग्लादेशी हैं। पकड़े गए बांग्लादेशियों में औरतों और बच्चों की भी अच्छी-खासी तादाद है।
बीएसएफ के अनुसार, साल 2023 में उसने 744 घुसपैठिए पकड़े थे। इनमें 112 रोहिंग्या और 337 बांग्लादेशी थे। घुसपैठियों के पकड़े जाने की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है। 2022 में बीएसएफ ने 369 घुसपैठिए पकड़े थे। इनमें 150 बांग्लादेशी और 57 रोहिंग्या थे। इसी तरह 2021 में 208 घुसपैठिए पकड़े गए थे, जिनमें 93 बांग्लादेशी थे।
रोहिंग्या को हिंदी-असमी का प्रशिक्षण, ₹10-20 लाख में घुसपैठ का पैकेज
भारत में म्यांमार से आने वाल रोहिंग्या मुस्लिमों को बसाने का भी सिंडिकेट चल रहा है। NIA की टीम ने हाल ही में इसके मास्टरमाइंड जलील मियाँ को गिरफ्तार किया है। रोहिंग्या मुस्लिमों को ₹10-20 लाख (14-28 लाख बांग्लादेशी टका) के पैकेज के तहत भारत में फर्जी दस्तावेज देकर बसाया जा रहा है। रोहिंग्या घुसपैठियों को भारत में बसाने के लिए हिंदी-असमी जैसी भाषाओं का भी प्रशिक्षण दिया जाता है।
बोलने के लहजे के कारण वो पकड़े न जाएँ, इसीलिए ऐसा किया जाता है। ये गिरोह प्रतिदिन 5-10 रोहिंग्या मुस्लिमों को भारत में घुसाता था। पहचान छिपाने के लिए घुसपैठियों का हुलिया तक बदल दिया जाता है। दिल्ली में ऐसे कई शिविर हैं, जहाँ रोहिंग्या रह रहे हैं। सिर्फ 2 वर्ष में भारत में रोहिंग्या मुस्लिमों की जनसंख्या दोगुनी हो गई है।
केंद्र सरकार कह चुकी है कि देश में रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए किसी कैम्प की व्यवस्था नहीं है। मुस्लिम बहुल जम्मू-कश्मीर में इनकी संख्या 10,000 बताई जाती है। कई अपराधों में भी ये रोहिंग्या शामिल रहे हैं। शाहीन बाग़ और जफराबाद में CAA के खिलाफ हुए आंदोलन में इन्होंने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया था। केंद्र सरकार इन्हें अवैध अप्रवासी बता चुकी है, साथ ही इन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा तक घोषित कर चुकी है।