हाल में कई रिपोर्टें आई हैं जो बताती हैं कि नेपाल-भारत सीमा पर तेजी से डेमोग्राफी में बदलाव हो रहा है। मस्जिद-मदरसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए 20 से 27 अगस्त 2022 तक ऑपइंडिया की टीम ने सीमा से सटे इलाकों का दौरा किया। हमने जो कुछ देखा, वह सिलसिलेवार तरीके से आपको बता रहे हैं। इस कड़ी की 16वीं रिपोर्ट:
अपनी 15वीं रिपोर्ट में हमने नेपाल सीमा तुलसीपुर-हर्रैया मार्ग से कुछ ही दूरी पर समांतर बने तुलसीपुर-हर्रैया मार्ग पर मौजूद इबादतगाहों को प्रेम नगर तक दिखाया था। तब हमें न सिर्फ सुनसान में बनी मस्जिदें दिखीं थीं, बल्कि सड़कों के किनारे मदरसे और मज़ारें भी दिखाई पड़ी थीं। इस बार हमने उस राह पर मिले वहाँ के स्थानीय लोगों से बात की। उन्होंने हमें अपने गाँव और आस-पास के हालातों से परिचित करवाया।
उन्हीं लोगों में से एक हैं बलरामपुर जिले के ग्राम पंचायत अहलादडीह के ग्राम प्रधान हरीश चंद्र शर्मा। हमने उनसे सीमावर्ती क्षेत्रों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। शर्मा के परिवार में प्रधानी लगभग 20 साल से है।
यह रिपोर्ट एक सीरीज के तौर पर है। इस पूरी सीरीज को एक साथ पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।
20 साल में बढ़ी आबादी और साथ में दबदबा भी
प्रधान हरीश चंद्र शर्मा ने हमें बताया कि उनके क्षेत्र में आबादी का असंतुलन तेजी से बढ़ रहा है और ये असंतुलन पिछले 20 सालों में बहुत ज्यादा गति से हुआ। प्रधान का दावा है कि उन्हीं के गाँव में कई बाहरी लोग आ कर बसे हुए हैं। इसी के साथ उन्होंने ये भी बताया कि मुस्लिमों के घर ज्यादा बच्चे पैदा होना अभी असंतुलन की एक वजह है। हरीश चंद्र के मुताबिक, उनके क्षेत्र में सिर्फ मुस्लिमों की आबादी ही नहीं बल्कि उनका राजनीतिक और आर्थिक दबदबा भी बढ़ा है। उन्होंने बताया कि बड़ी आबादी के बाद वो दंगा भी फैलाते हैं।
रिश्तेदार बता कर बाहरियों को बुलाते हैं स्थानीय मुस्लिम
अहलादडीह के ग्राम प्रधान के मुताबिक, जब वो किसी बाहरी के आने पर सवाल करने जाते हैं तो स्थानीय मुस्लिम उनको अपना रिश्तेदार बता कर आगे आ जाते हैं। उन्होंने बताया कि तब कोई बेटी और कोई दामाद का रिश्ता बताने लगता है और बाद में उन्हें यहीं के लोगों की जमीन को खरीद कर के बसा दिया जाता है। हरीश चंद्र के अनुसार, कई बार तो कुछ लोग पहले से ही जमीनें ले कर रख लेते हैं। उनके मुताबिक जमीन बेचने वालों में हिन्दू भी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि स्थानीय मुस्लिम बाहरी लोगों के लिए पूरी तैयारी पहले से ही कर के रखते हैं।
बाहर से गरीब दिखने वाले मुस्लिम असल में सम्पन्न
जमीन खरीदने के लिए मुस्लिमों द्वारा खर्च की जा रही बड़ी रकम के मुद्दे पर प्रधान हरीश चंद्र ने कहा कि अक्सर यहाँ वो लोग दिखेंगे जो शक्ल से बेहद गरीब लगेंगे लेकिन, असल में उनके पास काफी पैसे हैं। उन्होंने बताया कि ये पैसे मुंबई जैसे बड़े शहरों में कमा कर जुटाए गए हैं। प्रधान के अनुसार, वो वर्तमान में 55 साल के हैं और उनके बचपन में लगभग 70% हिन्दू और 30% मुस्लिम हुआ करते थे जो अब बदल कर 50-50 प्रतिशत के अनुपात में आ गए हैं।
हाईवे और चौराहों की जमीनों पर विशेष नजर
प्रधान हरीश चंद्र ,के अनुसार अगर किसी मुस्लिम के पास कमरा या जमीन है तो उनका प्रयास रहता है कि वो किसी मुस्लिम को ही उसे दे। इसी के साथ उन्होंने बताया कि उनकी तरफ के मुस्लिमों की ये कोशिश हमेशा रहती है कि वो हाईवे और चौराहों की जमीनें खासतौर पर खरीद लें। प्रधान ने सरकार से अपने क्षेत्र की विशेष निगरानी की अपील की। उन्होंने कहा कि अभी तक उनकी जानकारी में कोई भी ठोस प्रशासनिक कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है।
बॉर्डर पर कई गाँव मुस्लिम बाहुल्य
प्रधान हरीश चंद्र ने अपने गाँव के आस-पास मौजूद रेहरा गाँव और खपरी जैसे गाँवों को टोटल मुस्लिम बहुल वाला बताया। उन्होंने कहा कि इनके बीच हिन्दुओं के कुछ दलित परिवार ही रह गए हैं। हरीश चंद्र ने बताया कि इन गाँवों में कई हिन्दू अपना घर बेच कर कहीं और बस चुके हैं। प्रधान ने नजदीकी बाजार तुलसीपुर में भी जनसंख्या में तेजी से बदलाव होना बताया।
मेरे गाँव में 2 मस्जिद और 2 मदरसे
हरीश चंद्र ने अपने गाँव का जिक्र करते हुए बताया कि वहाँ पर 2 मदरसे और 2 मस्जिदें बनी हैं। उन्होंने बताया कि एक मस्जिद तो पुरानी है, लेकिन दूसरी उनके ही आगे बनी है। इसी के साथ उन्होंने यह भी बताया कि उनके गाँव के दोनों मदरसे भी उनके ही आगे 20 सालों के अंदर बने हैं। प्रधान ने कहा कि ये मदरसे सरकारी नहीं हैं बल्कि उन्हें कमेटी बना कर चलाया जा रहा है।
हिन्दू त्योहारों में डाला जाता है व्यवधान
प्रधान हरीश चंद्र ने बताया कि उनके क्षेत्र में हिन्दू त्योहारों में मेल-जोल नहीं दिखाई देता। उन्होंने कहा कि उनका पुरवा हिन्दू बहुल होने के चलते वहाँ कोई उत्पात नहीं हो पाता, लेकिन पड़ोस में खैरा जैसे गाँवों में हिन्दू अपने त्योहारों को खुल कर नहीं मना पाता। खैरा गाँव को उन्होंने लगभग 90% मुस्लिम आबादी वाला बताते हुए अपने गाँव से 1 किलोमीटर दूर होने की जानकारी दी।
बढ़ती इबादतगाहों पर प्रशासन नहीं लेता एक्शन
प्रधान हरीश चंद्र के अनुसार, जिस तेजी से उनके क्षेत्र में मुस्लिमों की आबादी बढ़ी है उसी तेजी से वहाँ इबादतगाहें भी बढ़ी हैं। उन्होंने बताया कि मज़ारों, मस्जिदों और इबादतगाहों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है जो सड़कों तक के किनारे बन चुकी हैं। प्रधान के मुताबिक, इन हरकतों पर उनके यहाँ का शासन और प्रशासन कोई एक्शन नहीं लेता।
कोई भी जुड़वा लेता है वोटर लिस्ट और राशन कार्ड में नाम
प्रधान हरीश चंद्र ने हमें बताया कि उनकी तरफ कोई भी बाहरी आसानी से अपना नाम वोटर लिस्ट या राशन कार्ड में जुड़वा लेता है जो बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी नया नाम कड़ी जाँच के बाद ही जुड़े तो इस क्षेत्र के लिए अच्छा रहेगा। प्रधान ने इसके नुकसान बताते हुए कहा कि इसके चलते बाहरी लोगों को भी सरकार की सभी योजनाओं का फायदा मिलने लगता है। बाहरी लोगों की हरकतों की चर्चा करते हुए ग्राम प्रधान ने बताया कि बाहर से आए लोग पहले तो किसी परिवार के साथ जुड़ कर सरकारी कागजों में अपना नाम लिखवा लेते हैं और कुछ दिन बाद अपना परिवार अलग कर लेते हैं।
10 किलोमीटर में 20 गाँवों में 70% आबादी मुस्लिमों की
प्रधान ने गुडारिया, रजवापुर, खपरीपुर जैसे गाँवों को मुस्लिम बाहुल्य बताया। इसी के साथ उन्होंने कहा कि उनके आस-पास लगभग 10 किलोमीटर की परिधि में 20 गाँव ऐसे हैं जहाँ मुस्लिमों की आबादी 70% या उस से अधिक है। हरीश चंद्र के मुताबिक, वहाँ के प्रधान व बाकी अन्य पद मुस्लिमों के ही होते है और हालात तो ऐसे हैं वहाँ कि हिन्दू लड़ाई में ही नहीं होता। प्रधान ने कुछ गाँवों का नाम भी लिया जहाँ कोई हिन्दू चुनाव ही नहीं लड़ता।
पढ़ें पहली रिपोर्ट : कभी था हिंदू बहुल गाँव, अब स्वस्तिक चिह्न वाले घर पर 786 का निशान: भारत के उस पार भी डेमोग्राफी चेंज, नेपाल में घुसते ही मस्जिद, मदरसा और इस्लाम – OpIndia Ground Report
पढ़ें दूसरी रिपोर्ट : घरों पर चाँद-तारे वाले हरे झंडे, मस्जिद-मदरसे, कारोबार में भी दखल: मुस्लिम आबादी बढ़ने के साथ ही नेपाल में कपिलवस्तु के ‘कृष्णा नगर’ पर गाढ़ा हुआ इस्लामी रंग – OpIndia Ground Report
पढ़ें तीसरी रिपोर्ट : नेपाल में लव जिहाद: बढ़ती मुस्लिम आबादी और नेपाली लड़कियों से निकाह के खेल में ‘दिल्ली कनेक्शन’, तस्कर-गिरोह भारतीय सीमा पर खतरा – OpIndia Ground Report
पढ़ें चौथी रिपोर्ट : बौद्ध आस्था के केंद्र हों या तालाब… हर जगह मजार: श्रावस्ती में घरों की छत पर लहरा रहे इस्लामी झंडे, OpIndia Ground Report
पढ़ें पाँचवीं रिपोर्ट : महाराणा प्रताप के साथ लड़ी थारू जनजाति बहुल गाँव में 3 मस्जिद, 1 मदरसा: भारत-नेपाल सीमा पर बढ़ती मुस्लिम आबादी का ये है ‘पैटर्न’ – OpIndia Ground Report
पढ़ें छठी रिपोर्ट : बौद्ध-जैन मंदिरों के बीच दरगाह बनाई, जिस मजार को पुलिस ने किया ध्वस्त… वो फिर चकमकाई: नेपाल सीमा पर बढ़ती मुस्लिम आबादी – OpIndia Ground Report
पढ़ें सातवीं रिपोर्ट : हनुमान गढ़ी की जमीन पर कब्जा, झारखंडी मंदिर सरोवर में ताजिया: नेपाल सीमा पर बढ़ती मुस्लिम आबादी, असर UP के बलरामपुर में – OpIndia Ground Report
पढ़ें आठवीं रिपोर्ट : पुरातत्व विभाग से संरक्षित जो जगह, वहाँ वक्फ की दरगाह-मजार: नेपाल सीमा पर बढ़ती मुस्लिम आबादी, मुसीबत में बौद्ध धर्मस्थल – OpIndia Ground Report
पढ़ें नौवीं रिपोर्ट : 2 मीनारों वाली मस्जिदें लोकल, 1 मीनार वाली अरबी पैसे से… लगभग हर गाँव में मदरसे: नेपाल बॉर्डर के मौलाना ने बताया इसमें कमीशन का खेल – OpIndia Ground Report
पढ़ें दसवीं रिपोर्ट : SSB बेस कैंप हो या सड़क, गाँव हो या खेत-सुनसान… हर जगह मस्जिद-मदरसे-मजार: UP के बलरामपुर से नेपाल के जरवा बॉर्डर तक OpIndia Ground Report
पढ़ें 11वीं रिपोर्ट : हिंदू बच्चों का खतना, मंदिर में शादी के बाद लव जिहाद और आबादी असंतुलन के साथ बढ़ते पॉक्सो मामले: नेपाल बॉर्डर पर बलरामपुर जिले में OpIndia Ground Report
पढ़ें 12वीं रिपोर्ट : गाँवों में अरबी-उर्दू लिखे हुए नल, UAE के नाम की मुहर: ज्यादा दाम देकर जमीनें खरीद रहे नेपाली मुस्लिम – OpIndia Ground Report
पढ़ें 13वीं रिपोर्ट : नए बने ओवरब्रिज के नीचे मज़ार-कर्बला, सड़क किनारे मस्जिद-मदरसे-दरगाह: नेपाल के बढ़नी बॉर्डर हाइवे पर ‘हरा रंग’ हावी – OpIndia Ground Report
पढ़ें 14वीं रिपोर्ट : 4 और 14 वाली नीति से एकतरफा बढ़ रही आबादी… उस गाँव में मस्जिद बनाने की कोशिश, जहाँ नहीं एक भी मुस्लिम’ : UP-नेपाल बॉर्डर से OpIndia Ground Report
पढ़ें 15वीं रिपोर्ट: फ़ारसी में ‘गरीब नवाज स्कूल’ का बोर्ड, उस पर बने चाँद-तारे… घरों-दुकानों में लहरा रहे इस्लामी झंडे, सड़क से सटी हुई मजारें: UP-नेपाल बॉर्डर से OpIndia Ground Report