Sunday, September 8, 2024
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अगले 10 वर्षों में ₹1152946 करोड़ के कारोबार के लिए तैयार है भारत का रक्षा क्षेत्र: विदेशी कंपनी ने रिसर्च में बताया – मोदी सरकार के प्रयासों से और मजबूत होगी सेना

भारत सरकार स्वदेशी मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी के विकास को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल नीति सुधारों, प्रोत्साहनों और पहलों के माध्यम से रक्षा क्षेत्र को सक्रिय रूप से समर्थन दे रही है।

दुनिया के हर सेक्टर में भारत तेजी से अपनी शीर्ष जगह बना रहा है। अगले 10 सालों में भारत डिफेंस सेक्टर में सबसे बड़े निवेश और उत्पादन के लिए तैयार है। एक विदेशी फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत डिफेंस इक्विपमेंट, एडवांस टेक्नोलॉजी और सर्विसेज की बढ़ती माँग के बीच रक्षा क्षेत्र में वित्त वर्ष 2024-32 में 138 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ऑर्डर देने का प्लान बना रहा है।

विदेशी ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा की ‘डिफेंस इंडिया’ रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की सरकार स्वदेशी मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी के विकास को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल नीति सुधारों, प्रोत्साहनों और पहलों के माध्यम से रक्षा क्षेत्र को सक्रिय रूप से समर्थन दे रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2030 में रक्षा कैपिटल आउटले का हिस्सा कुल रक्षा बजट का 37% तक बढ़ जाएगा, जो FY24 में 26 प्रतिशत के आसपास है। यह FY24-30 में 15.5 ट्रिलियन रुपए के कैपिटल के बराबर होगा, जो पिछली अवधि की तुलना में पर्याप्त वृद्धि का संकेत देता है।

एयरफोर्स के साथ नेवी भी होगी मजबूत

रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा एयरोस्पेस के क्षेत्र में 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश शामिल है, जिसमें विमान, हेलीकॉप्टर, मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी), एवियोनिक्स और संबंधित प्रणालियों में निवेश शामिल है। रक्षा जहाज निर्माण एक और महत्वपूर्ण अवसर वाला क्षेत्र है, जिसमें समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नौसैनिक जहाजों, पनडुब्बियों, गश्ती नौकाओं और सहायक जहाजों के लिए 38 बिलियन अमेरिकी डॉलर के पैकेज की जरूरत पड़ने वाली है। अपनी तोपखाने और मिसाइल क्षमताओं को बढ़ाने के भारत के प्रयासों के अनुरूप, मिसाइलों/तोपखाने/बंदूक प्रणालियों में निवेश 21 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है।

नोमुरा कंपनी की रिपोर्ट में कहा गया “भारत सरकार स्थानीय विनिर्माण और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने के लिए पहल, अनुकूल नीति सुधारों और प्रोत्साहनों के माध्यम से रक्षा क्षेत्र को सक्रिय रूप से समर्थन प्रदान करती है।”

भारत के सबड़े बड़े उत्पादकों में से एक हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टरों में मजबूत बढ़त प्राप्त की है, जिससे इसके शेयरों में 28 प्रतिशत की संभावित बढ़ोतरी हुई है। इसी समय भारत इलेक्ट्रॉनिक्स ने ऑर्डर प्रवाह पर बेहतर दृश्यता, अनुकूल मार्जिन देने में विश्वास और रिटर्न अनुपात में विस्तार के कारण 32 प्रतिशत की वृद्धि के साथ आशाजनक क्षमता दिखाई देती है।

डिफेंस एक्सपोर्ट में रिकॉर्ड बढ़ोतरी

बता दें कि भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ चुका है। 31 मार्च 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2023-24 में ही देश का रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में यह 32.5 फीसदी बढ़ा है। पिछले वित्त वर्ष में भारत का रक्षा निर्यात लगभग 16 हजार करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था, जो वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में लगभग 3,000 करोड़ रुपये ज्यादा है। भारत का रक्षा निर्यात 2016-17 के बाद से 10 गुना से ज्यादा बढ़ा है। फिलहाल 85 से ज्यादा देशों को हथियार प्रणालियों का निर्यात कर रहा है भारत भारत फिलहाल 85 से ज्यादा देशों को हथियार प्रणालियों का निर्यात कर रहा है। अब पिछले साल के मुकाबले रक्षा निर्यात ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 32.5 फीसदी की छलाँग लगाई है। इस वर्ष रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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