खालिस्तानी भगोड़े और ‘वारिस पंजाब दे’ का सरगना अमृतपाल सिंह अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। श्रीअकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह द्वारा 7 अप्रैल 2023 को दमदमा साहिब में बुलाई गई एक सभा में उसके सरेंडर करने की अटकलें लग रही हैं। इस बीच यह जानकारी सामने आई है कि भारत लौटने से पहले अमृतपाल जाॅर्जिया गया था। वहाँ दो महीने रहकर उसने सर्जरी कराई थी ताकि जरनैल सिंह भिंडरवाले की तरह दिख सके।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार अमृतपाल के सहयोगी पूछताछ में लगातार चौंकाने वाले खुलासे कर रहे हैं। इसी क्रम में अब अमृतपाल के जॉर्जिया जाने और सर्जरी करवाने की बात सामने आई है। असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल सिंह के सहयोगियों ने खुफिया एजेंसियों को पूछताछ में बताया है कि भारत लौटने से पहले अमृतपाल जॉर्जिया गया था। वह अगस्त 2022 में भारत लौटा था।
जरनैल सिंह भिंडरावाले से अमृतपाल प्रभावित था। वह भिंडरवाले की तरह ही दिखना चाहता था। इसलिए कॉस्मेटिक सर्जरी कराने के लिए वह जॉर्जिया गया था। यहाँ वह 2 महीने रहा था। एजेंसियों द्वारा इस जानकारी की पुष्टि की जा रही है। अमृतपाल भिंडरवाले की ही तरह नीली पगड़ी पहना करता है। उसकी वेशभूषा भी भिंडरवाले से मिलती-जुलती है, इसलिए उसे पंजाब का दूसरा भिंडरवाले भी कहा जाता है। वह अपने भाषणों में कई बार भिंडरावाले को प्रेरणा बताते हुए उसके रास्ते पर चलने की बात कह चुका है।
रिपोर्टों के अनुसार खुफिया एजेंसियाँ इस बात का पता लगा रही हैं कि दीप सिद्धू की सड़क हादसे में मौत के बाद अमृतपाल अचानक भारत क्यों पहुँचा? उसी को वारिस पंजाब दे का प्रमुख क्यों बनाया गया? दूसरी तरफ पंजाब पुलिस द्वारा अमृतपाल की तलाश जारी है। वह 18 मार्च 2023 से ही फरार चल रहा है। कहा जा रहा है कि वह दमदमा साहिब में सरेंडर कर सकता है।
बता दें दीप सिद्धू की मौत 15 फरवरी 2022 को हुई थी। इसके बाद 29 सितंबर 2022 को मोगा जिले में जरनैल सिंह भिंडरावाले के गाँव रोडे में अमृतपाल की दस्तारबंदी (पगड़ी बाँधा जाना) हुई थी। इस समारोह में खुलकर ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ और ‘हमें क्या चाहिए-आजादी’ जैसे नारे लगाए गए थे। पगड़ी पहनते ही अमृतपाल सिंह ने मंच से ‘भविष्य की जंग’ शुरू करने की घोषणा की थी। बाद में वह वह खुलेआम खालिस्तान की माँग करने लगा था।