एनआईए ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व विधायक शेख अब्दुल राशिद उर्फ़ राशिद इंजीनियर को गिरफ़्तार किया है। टेरर फंडिंग मामले में गिरफ़्तार किए जाने वह पहले बड़े नेता है। इससे पहले एनआईए ने कई अलगाववादियों से इस मामले में कड़ी पूछताछ की थी, जिसमें उन्हें पाकिस्तान से फंड मिलने की बात सामने आई थी। इस फंड का प्रयोग भारत के ख़िलाफ़ आतंक फैलाने के लिए किया जाता था। राशिद उत्तरी जम्मू कश्मीर के लंगाते विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक रहे हैं।
इस सप्ताह की शुरुआत में राशिद से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी पूछताछ की थी। ईडी राशिद के जवाबों से संतुष्ट नहीं था, जिसके कारण उनकी गिरफ़्तारी हुई। इससे पहले 2017 में भी राशिद से पूछताछ की जा चुकी है। यह दूसरी बार था जब उन्हें पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया गया। जाँच एजेंसियों ने जब व्यापारी ज़हूर वाताली से पूछताछ की तो राशिद का नाम सामने आया। वाताली पर कश्मीरी आतंकियों को धन मुहैया कराने का आरोप है।
एनआईए ने कई अलगाववादियों को टेरर फंडिंग मामले में अपने रडार पर रखा है और कइयों से पूछताछ की है। इन अलगाववादियों के आतंकी संगठनों जैसे कि लश्कर-ए-तैयबा, दुखरान-ए-मिल्लत और हिज्बुल मुजाहिदीन के साथ सम्बन्ध सामने आए हैं। एनआईए राशिद इंजीनियर को अदालत में पेश कर के कस्टडी की माँग करेगी। बता दें कि कारोबारी ज़हूर वाताली ने कश्मीर से लेकर गुरुग्राम तक अकूत संपत्ति अर्जित कर रखी है और एनआईए ने उसकी कई सम्पत्तियों को अटैच भी किया है।
एनआईए की जाँच में पता चला है कि ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं को बरगला कर उनसे पत्थरबाजी और भारत विरोधी प्रदर्शन करवाए। हुर्रियत व ऐसे ही अन्य संगठनों ने इस कार्य के लिए सोशल मीडिया, अखबारों और प्रेस रिलीज का सहारा लिया। अधिकारियों ने बताया कि यह सब बड़ी चालाकी से अंजाम दिया जाता था। मस्जिद में नमाज के बाद या सुरक्षा बलों की आतंकियों के साथ मुठभेड़ के बाद युवाओं को उकसा कर पत्थरबाजी कराई जाती थी।
Former Jammu & Kashmir MLA, Rashid Engineer has been arrested by the National Investigation Agency, in connection with terror-funding case. pic.twitter.com/sljHGa4fua
— ANI (@ANI) August 9, 2019
ईडी को पता चला है कि अलगाववादियों, आतंकियों व कश्मीरी नेताओं को न सिर्फ़ पाकिस्तान में बैठे आकाओं से फंड प्राप्त हुए बल्कि पाकिस्तान उच्चायोग से सीधे उनके पास फंड पहुँचाया गया। राशिद इंजीनियर इससे पहले जम्मू कश्मीर विधानसभा में भी उत्पात मचा चुके हैं। उनकी इस हरकत के बाद उन्हें सदन से निकाल बाहर किया गया था। राशिद अपने ख़िलाफ़ सरकारी एजेंसियों की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताते रहे हैं।