Friday, May 9, 2025
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क्या भारत के एयर डिफेंस पावर की थाह ले रहा था पाकिस्तान? हमास स्टाइल में ड्रोन-मिसाइल अटैक का मकसद बेहद शातिराना

फौजी भाषा में टटोलना यानी ऐसा खेल, जिसमें दुश्मन की डिफेंस को चेक करने के लिए छोटे-मोटे हमले किए जाते हैं। मकसद जमीन जीतना नहीं, बल्कि उसकी ताकत-कमजोरी भाँपना होता है।

ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाए पाकिस्तान ने गुरुवार (8 मई 2025) को जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में हमास की स्टाइल में हमले किए। पाकिस्तानियों ने ड्रोन उड़ाए, मिसाइलें दागीं, तोपें गरजाईं। मगर भारत की फौज ने आँखें तरेरते हुए सारे हमले नाकाम कर दिए। हालाँकि विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान की तरफ से 400-500 एयर अटैक सिर्फ हमले के लिए नहीं थे, बल्कि पाकिस्तान की ये चाल थी भारत की एयर डिफेंस को चेक करने की। यानी भारत का डिफेंस सिस्टम कितना और कहाँ प्रभावी है और कहाँ कमजोर।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान की प्लानिंग ये देखने की थी कि पश्चिम की पूरी सीमा पर भारत किस तरह से मुस्तैद है। ये सब 7 मई 2025 को भारत के जबरदस्त ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुआ। ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। वो कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हिंदुओं के नरसंहार के जवाब में की गई थी।

ऑपरेशन सिंदूर से तिलमिलाए पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ में गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें 16 लोग मरे। फिर उसने भारत के 15 फौजी ठिकानों पर हमले की कोशिश की, लेकिन सारी कोशिशें धरी रह गईं। उल्टा, लाहौर में उनका एक डिफेंस सिस्टम ही खराब हो गया।

पाकिस्तान ने क्या चक्कर चलाया?

रक्षा सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से गुरुवार (8 मई 2025) के हमले भारत की ताकत को टटोलने की चाल थी। पाकिस्तान ने 40 से ज्यादा जगहों पर हमले किए, लेकिन उनके ड्रोन और मिसाइलों में या तो बारूद था ही नहीं, या बहुत कमजोर था। एक सूत्र ने कहा, “दुश्मन ऐसा करके देखता है कि उसका ड्रोन कहाँ बिना पकड़े घुस जाता है। अगर ड्रोन वापस आ जाए, तो उन्हें लगता है कि वहाँ हमारा डिफेंस कमजोर है। अगर पकड़ा जाए, तो समझ जाते हैं कि हमारा सिस्टम टाइट है।”

बहरहाल, पाकिस्तान के हमलों के बाद भारत ने कोई मौका नहीं छोड़ा। हमारे ड्रोन सियालकोट, लाहौर और कराची जैसे बड़े ठिकानों पर मंडराए। डिफेंस सिस्टम चालू किए गए और नियंत्रण रेखा पर जमकर जवाबी फायरिंग हुई।

पाकिस्तान और हमास की दोस्ती

भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच एक तरफ ध्यान देना जरूरी हो जाता है, वो इस साल हमास के कुछ लोग पाकिस्तान और पीओके पहुँचे थे। उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर वाले अड्डे और पाकिस्तानी फौज के एक वॉर ट्रेनिंग सेंटर को देखा। ये सेंटर बहावलपुर कोर के नीचे है, जो राजस्थान की सीमा के पास पाकिस्तान का तेज हमला करने वाला दस्ता है।

यही वहीं, फरवरी में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के बड़े आतंकी रावलाकोट, पीओके में ‘कश्मीर सॉलिडेटरी डे’ के मौके पर जमा हुए थे। वहाँ हमास के एक नेता खालिद काद्दौमी ने ‘अल अक्सा फ्लड’ के नाम से भाषण भी दिया था। भारतीय एजेंसियों को शक है कि ये कश्मीर और फिलिस्तीन के मुद्दों को मिलाकर ‘कब्जे के खिलाफ जंग’ का नया ड्रामा रचने की कोशिश थी।

फौजी भाषा में पाकिस्तान की इस चाल को क्या बोलते हैं?

फौजी भाषा में टटोलना यानी ऐसा खेल, जिसमें दुश्मन की डिफेंस को चेक करने के लिए छोटे-मोटे हमले किए जाते हैं। मकसद जमीन जीतना नहीं, बल्कि उसकी ताकत-कमजोरी भाँपना होता है। इस बार पाकिस्तान शायद भारत के रडार की रेंज और जवाब देने की स्पीड को समझना चाहता था।

भले ही इन हमलों से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन मामला गंभीर है। अगर ये टटोलने की चाल थी, तो पाकिस्तान किसी बड़े हमले की प्लानिंग कर सकता है। भारत को हर वक्त चौकस रहना पड़ेगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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