पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करना सामान्य है। लेकिन, सिखों के साथ हालिया कुछ घटनाओं से पता चलता है कि सिखों को न केवल प्रताड़ित किया जा रहा, बल्कि चारे की तरह भारत के खिलाफ इस्तेमाल भी किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पाकिस्तान के पहले सिख पुलिस अफसर गुलाब सिंह शाहीन कहाँ हैं, इसकी खबर किसी को नहीं है। वहीं, ननकाना साहिब में सिख नेता और पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (PSGPC) के पूर्व अध्यक्ष मस्तान सिंह के परिवार पर जानलेवा हमला हुआ है। दूसरी तरफ करतार कॉरिडोर के रास्ते आने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों को अपने ट्रैप में फँसाकर पाकिस्तान उनका इस्तेमाल भारत के खिलाफ करने की कोशिशों में भी लगा है।
मस्तान सिंह के परिवार पर हमला क्यों?
मस्तान सिंह के परिवार पर घातक हमला हमला 19 अप्रैल 2022 की रात किया गया था। हमले में उनके बेटे दिलावर सिंह और पाले सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। दिलावर सिंह ने बताया कि शहर के कोट संत राम में उनकी और उनके मामा की 5.5 एकड़ जमीन है। वह इन्हें बेचना नहीं चाहते हैं। लेकिन स्थानीय लोग और प्रशासन पिछले दस साल से उन पर जमीन बेचने का दबाव बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब भी वे पुलिस या बंदोबस्ती बोर्ड में इसकी शिकायत कराते हैं, तो हर बार मामले को खारिज कर दिया जाता है।
Pakistani Minority Sikh leader Sardar Mastan Singh’s family brutally attacked by local Muslims at Nankana Sahib, Pakistan. Both sons Dilawar Singh and Palla Singh brutally beaten up by Islamist radicals. Will @IlhanMN who is visiting Pakistan condemn this?pic.twitter.com/9nRwIoD1uH
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) April 20, 2022
दिलावर सिंह ने उस अस्पताल से एक वीडियो शूट किया है जिसमें मस्तान सिंह और पाले सिंह का इलाज चल रहा है। इस वीडियो में उन्होंने पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया है। 2004 से 2006 तक पीएसजीपीसी के अध्यक्ष रहे मस्तान सिंह ने ननकाना साहिब से फोन पर TOI को बताया कि जमीन पर भू माफियाओं के एक समूह ने जबरन कब्जा कर लिया। भू माफिया की मदद करने के लिए इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) को जिम्मेदार ठहराया है। बता दें कि ETPB एक वैधानिक बोर्ड है जो विभाजन के बाद भारत चले गए हिंदुओं और सिखों की धार्मिक संपत्तियों और तीर्थस्थलों का प्रबंधन करता है।
कहाँ हैं गुलाब सिंह शाहीन?
बताया जा रहा है कि गुलाब सिंह शाहीन को अगवा कर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने किसी अज्ञात जगह पर रखा है। साल 2018 में उन्हें पत्नी और तीन बच्चों समेत जबरन घर से निकाला गया था। ट्रैफिक वॉर्डन के पद से बर्खास्त कर दिया गया था। बर्खास्तगी से पहले वे 116 दिन नौकरी से भी गायब रहे थे। उन्होंने भी ETPB पर गंभीर आरोप लगाए थे।
करतारपुर कॉरिडोर का गलत इस्तेमाल
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल तीर्थयात्रा पर आने वाले भारतीयों से संपर्क बढ़ाने के लिए कर रही है। News18 ने सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी है। रिपोर्ट में बताया गया कि भारत इस बारे में सबूत जुटा रहा है और जल्द ही इस मामले को पाकिस्तान के सामने उठाया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि भारत ने कॉरिडोर में होने वाली बिजनेस मीटिंग पर भी आपत्ति जताई है। उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के कारण 20 महीने तक बंद रहने के बाद पिछले साल नवंबर में कॉरिडोर को फिर से खोला गया था।