केंद्र की मोदी सरकार ने 27 सितम्बर, 2022 (मंगलवार) को पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) पर देशविरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण प्रतिबंध लगा दिया। उससे पहले देश भर में हुई छापेमारी में NIA, ATS और पुलिस बल ने सामूहिक रूप से PFI के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया था। ऑपइंडिया ने इस मुद्दे पर प्रसिद्ध रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल एस पी सिन्हा (रिटायर्ड) से बात की।
ऑपइंडिया से बात करते हुए मेजर जनरल एस पी सिन्हा (रिटायर्ड) ने कहा कि PFI की संदिग्ध हरकतों के बारे में IB ने साल 2011 में दिल्ली के विज्ञान भवन में सरकार को बाकायदा प्रेजेंटेशन दे कर आगाह किया था। सिन्हा ने दावा किया कि जानबूझ कर लगभग 11 साल इन संगठन को सिर्फ वोटबैंक के लिए पनपने दिया गया और अब ये बहुत बड़ा संगठन बन चुका था जिसकी जड़ें विदेश तक में जम चुकी थीं।
भारतीय सेना के समांतर खड़ी कर रहा था अपनी सेना
मेजर जनरल सिन्हा का दावा है कि जिस प्रकार से भारतीय फ़ौज में कई कैडर और बटालियन आदि होती हैं, उसी प्रकार PFI भी अपने संगठन को खड़ा कर रहा था। उन्होंने बताया कि PFI में भर्ती से ले का लड़ने वालों का पूरा पैटर्न सेना की नकल जैसा था। सिन्हा ने दावा किया कि इसे खड़ा करने में बहुत व्यापक फंडिंग हुई है, जिसमें देश और विदेश के लोग शामिल हैं।
नीतीश ने PFI के दबाव में छोड़ा BJP का साथ
खुद को मूलतः बिहार का बताते हुए मेजर जनरल सिन्हा ने दावा किया कि नीतीश कुमार के अचानक ही भाजपा का साथ छोड़ कर RJD से गठबंधन कर लेने के पीछे PFI का ही दबाव था। उनकी मानें तो जब से फुलवारी शरीफ के अंदर सुरक्षा एजेंसियों ने PFI के ‘मिशन 2047’ का पर्दाफाश किया था, तभी से नीतीश कुमार पर भाजपा का साथ छोड़ने के लिए काफी दबाव था। सिन्हा के मुताबिक, बिहार में हुई छापेमारी से ही PFI को लग गया था कि अगर कुछ नहीं किया गया तो पूरे देश में उसका नेटवर्क खतरे में पड़ जाएगा।
अपने दावे को पुख्ता करने के लिए नीतीश कुमार पर सवाल खड़े करते हुए मेजर जनरल सिन्हा ने सवाल किया कि बिहार के मुख्यमंत्री पाकितान की यात्रा क्यों करते हैं? उन्होंने कहा कि बिहार तो पाकिस्तान का बॉर्डर नहीं है और न ही नीतीश का ऐसा पद है कि उनका पाकिस्तान जाना जरूरी है।
PFI जैसे संगठन ही हैं ढाई मोर्चा
पूर्व CDS दिवंगत जनरल विपिन रावत के ‘ढाई मोर्चे पर लड़ाई’ वाले बयान की याद दिलाते हुए जनरल एस पी सिन्हा ने कहा कि यही PFI जैसे संगठन ही चीन और पाकिस्तान के बाद वो आधा मोर्चे हैं जो देश के अंदर ही देश के दुश्मन हैं। उन्होंने बताया कि अगर वर्तमान हालत की बात की जाए तो अभी देश इस आधे मोर्चे से लड़ने के लिए तैयार नहीं हो पाया है।
हामिद अंसारी का पद भारत माँ से बड़ा नहीं
कभी हामिद अंसारी के PFI के मंच पर दिखने के सवाल पर मेजर जनरल सिन्हा ने कहा कि वो कोई भी हों या उनका पद कितना भी बड़ा हो, लेकिन कोई भी भारत माता के कद से बड़ा नहीं हो सकता। हामिद अंसारी की जाँच की माँग करते हुए जनरल सिन्हा ने कहा कि यदि वो दोषी पाए जाएँ तो उन्हें कठोरतम दंड दिया जाए।
मेजर जनरल सिन्हा का मानना है कि देश के अंदर ऐसे सगंठन को फलने और फूलने के लिए कुछ तथाकथित सेक्युलर और वोटबैंक की लालच वाले नेता ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने मनमोहन सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी सरकार में वक्फ बोर्ड जो जो खाद-पानी मिली है, उसी का प्रतिफल ऐसे संगठनों का उभार है।