छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में भारत-तिब्बत पुलिस फ़ोर्स (आईटीबीपी) के कॉन्स्टेबल रहमान खान की 5 (समाचार एजेंसी एएनआई के दावे के मुताबिक 6) साथी जवानों की हत्या के बाद आत्महत्या की खबर अपने आप में कम कष्टकारक नहीं थी। उसके ऊपर से वॉशिंगटन पोस्ट नामक अमेरिकी अख़बार ने अपनी हेडलाइन में ऐसे दिखाया कि यह आपसी झड़प में हुई हत्याएँ हैं।
Superintendent of Police Narayanpur, Mohit Garg: 6 dead and two injured in a clash amongst Indo-Tibetan Border Police (ITBP) personnel in Narayanpur, Chhattisgarh. pic.twitter.com/bodzeiNpmK
— ANI (@ANI) December 4, 2019
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में तैनात आईटीबीपी की 45वीं बटालियन के कॉन्स्टेबल रहमान खान ने अपने साथी सुरक्षाकर्मियों पर फायरिंग कर दी, जिसके चलते 5 (या 6) जवानों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए थे। घायलों को इलाज के लिए आनन-फानन में हेलीकॉप्टर से राजधानी रायपुर भेजा गया। टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक सभी मृतक और घायल भी कॉन्स्टेबल रैंक के ही हैं।
Tragic news from Narayanpur in Chattisgarh. Constable Rahman Khan of 45th bn ITBP fired on fellow soldiers in which 5 soldiers have been martyred and three others have bullet injuries. Injured soldiers being rushed to Raipur in a chopper for better medical facilities.
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) December 4, 2019
घटना के बारे में एएनआई से बात करते हुए बस्तर के इंस्पेक्टर जनरल पी सुंदरराज ने बताया कि प्राथमिक जाँच में फायरिंग करने वाले कॉन्स्टेबल रहमान खान के मानसिक रूप से बीमार रोगी होने की बात सामने आती दिख रही है।
IG Bastar P Sundarraj: Prime facie it appears that one jawaan, due to some mental condition, opened fire at his colleagues. Investigation is underway. #Chhattisgarh https://t.co/QpCfxDq6pn pic.twitter.com/sgtlJQABle
— ANI (@ANI) December 4, 2019
रक्षा क्षेत्र की खबरें कवर करने वाले पोर्टल इंडियन डिफेंस न्यूज़ ने स्थानीय पुलिस के हवाले से यह भी दावा किया है कि रहमान खान ने इस हमले में अपनी निजी बंदूक का इस्तेमाल किया था। घटना सुबह 9.30 बजे कडेनर कैम्प की बताई जा रही है। खबरों के मुताबिक बंगाल के रहने वाले रहमान ने 2009 में सुरक्षा बल में प्रवेश लिया था।
लेकिन इस खबर की रिपोर्टिंग वॉशिंगटन पोस्ट ने जिस तरीके से की है, वह अत्यंत घृणास्पद और साफ तौर पर भारत को बदनाम करने का एक प्रोपेगेंडा है। अपनी हेडलाइन को इस तरह से लिखा है कि इसे पढ़ने से ऐसा लगे मानो जवानों के दो गुटों में झड़प हो गई, वह हिंसक हो गई, दोनों ओर से फायरिंग हुई और 6 लोग मारे गए (यानी, भारतीय सुरक्षा बल बहुत ही गैर-अनुशासित हैं), जबकि सच्चाई इस हेडलाइन से कोसों दूर है।