Wednesday, April 24, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षाकॉन्स्टेबल रहमान खान ने 5 साथी जवानों के कत्ल के बाद की ख़ुदकुशी, विदेशी...

कॉन्स्टेबल रहमान खान ने 5 साथी जवानों के कत्ल के बाद की ख़ुदकुशी, विदेशी अख़बार ने चलाया भारत-विरोधी प्रोपेगेंडा

रक्षा क्षेत्र की खबरें कवर करने वाले पोर्टल इंडियन डिफेंस न्यूज़ ने स्थानीय पुलिस के हवाले से यह भी दावा किया है कि रहमान खान ने इस हमले में अपनी निजी बंदूक का इस्तेमाल किया था।

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में भारत-तिब्बत पुलिस फ़ोर्स (आईटीबीपी) के कॉन्स्टेबल रहमान खान की 5 (समाचार एजेंसी एएनआई के दावे के मुताबिक 6) साथी जवानों की हत्या के बाद आत्महत्या की खबर अपने आप में कम कष्टकारक नहीं थी। उसके ऊपर से वॉशिंगटन पोस्ट नामक अमेरिकी अख़बार ने अपनी हेडलाइन में ऐसे दिखाया कि यह आपसी झड़प में हुई हत्याएँ हैं।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में तैनात आईटीबीपी की 45वीं बटालियन के कॉन्स्टेबल रहमान खान ने अपने साथी सुरक्षाकर्मियों पर फायरिंग कर दी, जिसके चलते 5 (या 6) जवानों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए थे। घायलों को इलाज के लिए आनन-फानन में हेलीकॉप्टर से राजधानी रायपुर भेजा गया। टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक सभी मृतक और घायल भी कॉन्स्टेबल रैंक के ही हैं।

घटना के बारे में एएनआई से बात करते हुए बस्तर के इंस्पेक्टर जनरल पी सुंदरराज ने बताया कि प्राथमिक जाँच में फायरिंग करने वाले कॉन्स्टेबल रहमान खान के मानसिक रूप से बीमार रोगी होने की बात सामने आती दिख रही है।

रक्षा क्षेत्र की खबरें कवर करने वाले पोर्टल इंडियन डिफेंस न्यूज़ ने स्थानीय पुलिस के हवाले से यह भी दावा किया है कि रहमान खान ने इस हमले में अपनी निजी बंदूक का इस्तेमाल किया था। घटना सुबह 9.30 बजे कडेनर कैम्प की बताई जा रही है। खबरों के मुताबिक बंगाल के रहने वाले रहमान ने 2009 में सुरक्षा बल में प्रवेश लिया था।

लेकिन इस खबर की रिपोर्टिंग वॉशिंगटन पोस्ट ने जिस तरीके से की है, वह अत्यंत घृणास्पद और साफ तौर पर भारत को बदनाम करने का एक प्रोपेगेंडा है। अपनी हेडलाइन को इस तरह से लिखा है कि इसे पढ़ने से ऐसा लगे मानो जवानों के दो गुटों में झड़प हो गई, वह हिंसक हो गई, दोनों ओर से फायरिंग हुई और 6 लोग मारे गए (यानी, भारतीय सुरक्षा बल बहुत ही गैर-अनुशासित हैं), जबकि सच्चाई इस हेडलाइन से कोसों दूर है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

माली और नाई के बेटे जीत रहे पदक, दिहाड़ी मजदूर की बेटी कर रही ओलम्पिक की तैयारी: गोल्ड मेडल जीतने वाले UP के बच्चों...

10 साल से छोटी एक गोल्ड-मेडलिस्ट बच्ची के पिता परचून की दुकान चलाते हैं। वहीं एक अन्य जिम्नास्ट बच्ची के पिता प्राइवेट कम्पनी में काम करते हैं।

कॉन्ग्रेसी दानिश अली ने बुलाए AAP , सपा, कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ता… सबकी आपसे में हो गई फैटम-फैट: लोग बोले- ये चलाएँगे सरकार!

इंडी गठबंधन द्वारा उतारे गए प्रत्याशी दानिश अली की जनसभा में कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe