Wednesday, October 16, 2024
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‘घाटी छोड़ो वरना मार दिए जाओगे’: ULF के आतंकी मार रहे यूपी-बिहार के लोगों को, 16 दिन में 11 हत्या-इनमें 5 गैर कश्मीरी

जम्मू-कश्मीर में होती इन घटनाओं की बाबत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा से फोन पर बात की। इसके साथ उन्होंने राजा ऋषिदेव और जोगिंदर ऋषिदेव के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रूपए देने की घोषणा की है।

जम्मू-कश्मीर में गैर-मुस्लिमों पर होते हमले अब लगातार बढ़ रहे हैं। रविवार (17 अक्टूबर) को भी वहाँ दो मजदूरों की हत्या हुई, जिसकी पूरी जिम्मेदारी लश्कर से जुड़े आतंकी समूह यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट (ULF) ने ली और एक पत्र जारी कर धमकाया कि गैर-कश्मीरी घाटी छोड़ दें वरना उन्हें भी मार दिया जाएगा। बता दें कि रविवार को दो गैर-कश्मीरियों पर गोली चलाकर उन्हें मारा गया था जबकि 1 को घायल कर दिया गया था।

आतंकी समूह द्वारा इस पत्र को 17 अक्टूबर को जारी किया गया। इस पर यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट जम्मू एंड कश्मीर लिखा है और नीचे इस समूह के प्रवक्ता उमर वानी का नाम और स्टैम्प है। पत्र में कहा गया, “अस्सलाम वालेकुम, आज से पहले ‘स्वतंत्रता सेनानियों’ ने तीन गैर स्थानीय हिंदुत्ववादी लोगों को साउथ कश्मीर के कुलगाम के वानपोह इलाके में मारा था। हिंदुत्व कट्टरपंथियों ने बिहार में 200 मुस्लिमों को पिछले एक साल में मारा। जैसा कि पहले ही धमकी दी जा चुकी है कि वो लोग हमारी जमीन को छोड़ें वरना उन चीजों के लिए तैयार रहें। ये बदला लेने के लिए की गई स्ट्राइक्स थीं उन अत्याचारों के विरुद्ध जो भारतीय सेना मासूम नागरिकों पर करती है।”

आगे पत्र में कहा गया, “केवल एक हफ्ते में सेना ने हमारे 4 मासूम नागरिक नकली एनकाउंटर्स में शहीद कर दिए। सीआरपीएफ ने एक गरीब को भी अनंतनाग जिले के कोकरनाग में मारा था।”

आतंकी संगठन ने धमकी देते हुए पत्र में कहा है, “हम फिर हर गैर-कश्मीरी को हमारी जमीन छोड़ने को कहते हैं वरना वो परिणामों के लिए तैयार रहें। अगर सेना ने नागरिकों के विरुद्ध अत्याचार नहीं खत्म किया हमारे स्वतंत्रता सेना राजनेताओं और पुलिस के परिवार को निशाना बनाने में बिलकुल नहीं हिचकेंगे।”

ता दें कि जम्मू-कश्मीर में अब तक 11 लोगों की जानें चली गई हैं। हत्याओं को अंजाम देने का सिलसिला 2 अक्टूबर से शुरू हुआ था।

  • 2 अक्टूबर को मोहम्मद शफी डार को मारा गया था क्योंकि उन पर सुरक्षाबल से लिंक होने के आरोप थे।
  • 2 अक्टूबर को ही मजीद अहमद गोजरी की हत्या हुई थी। वह श्रीनगर के छतबाल निवासी थे। उन पर सेना की मदद करने के आरोप थे।
  • 5 अक्टूबर को 68 साल के माखन लाल बिंद्रू श्रीनगर में उन्हीं की फार्मेसी की दुकान पर मारे गए थे।
  • 5 अक्टूबर को ही श्रीनगर के लाल बाजार में एक सड़क किनारे खाने का सामान बेचने वाले वीरेंद्र पासवान को मारा गया था। वह भागलपुर के रहने वाले थे।
  • 5 अक्टूबर को मोहम्मद शफी लोन को आतंकियों द्वारा मारा गया। वह बांदीपोरा में टैक्सी स्टैंड अध्यक्ष थे और कैब चलाते थे।
  • 7 अक्टूबर को एक सरकारी स्कूल में घुसने के बाद आतंकियों ने सुपिंदर कौर और दीपक चंद नामक शिक्षकों को छाँट कर मारा। 
  • 16 अक्टूबर सगीर अहमद जो उत्तरप्रदेश के थे और कारपेंटर थे, उन्हें भी पुलावामा में मारा गया।
  • अरबिंद कुमार शाह भी बिहार के बांका से थे और श्रीनगर में गोलगप्पा बेचते थे। ईदगाह इलाके में गोलगप्पा बेचते समय उन्हें आतंकियों ने निशाना बनाया और गोली मार उन्हें खत्म कर दिया। इस पूरी घटना के बाद नीतीश कुमार ने 2 लाख का मुआवजा शाह के परिवार के लिए देने का वादा किया है।
  • 17 अक्टूबर को मारे गए राजा ऋषि देव भी बिहार के मजदूर थे। वह कुलगाम के वानपोह में रहते थे। उनके साथ जोगिंदर ऋषि देव को भी मारा गया है। ये घटना एक पूर्व एसएलए के आवास से नजदीक में हुई है। इस हमले में चुनचुन ऋषिदेव घायल हैं।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में होती इन घटनाओं की बाबत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा से फोन पर बात की। उन्होंने राजा ऋषिदेव और जोगिंदर ऋषिदेव की हत्या एवं चुनचुन ऋषिदेव के घायल होने पर दुख जताया। नीतीश ने इस आतंकी हमले में मारे गए दोनों लोगों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रूपए देने की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने श्रम संसाधन विभाग एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से मृतकों के परिजनों को नियमानुसार अन्य लाभ दिलाने का अधिकारियों को निर्देश दिया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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