जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 निष्प्रभावी हो चुका है। इससे पाकिस्तान लगभग पागलपन की कगार पर है। ऐसे में बौखलाए पाकिस्तान ने कश्मीरियों के प्रति अपनी ‘सहानुभूति’ दिखाने के लिए हर दिन कुछ नया खेल खेलता है। इस बार पाकिस्तान के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि वो कश्मीरियों को सैटेलाइट या फिर किसी और माध्यम से इंटरनेट की सेवा पहुँचाएँगे।
फवाद चौधरी चूँकि विज्ञान मंत्री हैं, तो दावे भी बेचारे वैज्ञानिक ढंग से ही कर रहे हैं लेकिन एकदम अवैज्ञानिक तरीके से। उन्होंने दावा किया है कि वे इसके लिए SUPARCO (Space and Upper Atmosphere Research Commission) को पत्र भी लिख चुके है। बता दें कि पाकिस्तान के अंतरिक्ष एजेंसी का नाम SUPARCO है लेकिन मंत्री ने अपने ट्वीट में इसे SPRACO लिखा है और वीडियो में भी वह स्पारको ही बोलते नजर आ रहे हैं। इस बात को लेकर यूजर्स उनकी जमकर खिंचाई कर रहे हैं। यह गलत है। फवाद चौधरी बोल रहा है, यही काफी है… अंग्रेजी तो खैर!
पाकिस्तानी पत्रकार नायला इनायत द्वारा पाकिस्तानी मंत्री के इस बयान वाली वीडियो को ट्विटर पर शेयर किया गया। जिस पर उन्होंने फवाद चौधरी पर तंज कसते हुए लिखा है, “पाकिस्तान के लोगों को सफलतापूर्वक 55 रुपए प्रति किलोमीटर हवाई यात्रा देने के बाद फवाद चौधरी कश्मीरियों को सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट देने वाले हैं।”
After successfully giving helicopter rides for Rs55/km to the people of Pakistan, now Fawad Chaudhry will provide internet connectivity to the Kashmiris via satellite. pic.twitter.com/eodeEmbCfn
— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) November 14, 2019
बता दें कि इस वीडियो में फवाद चौधरी को कहते सुना जा सकता है कि उन्होंने ‘स्पारको’ (हालाँकि, पाकिस्तान की स्पेस एजेंसी का नाम SUPARCO है, लेकिन फवाद वीडियो में हर जगह इसे स्पारको बोलते हैं) को खत लिखा है और कहा है कि 100 दिन से ज्यादा हो गए, जब कश्मीरी को इंटरनेट की सेवा नहीं दी जा रही है। इसलिए हमें इस बात का पता लगाना है कि क्या ‘स्पारको’ सैटेलाइट के जरिए ये या किसी और जरिए से हम कश्मीर में लोगों को इंटरनेट सुविधा दे सकते हैं। और अगर ऐसा किया जा सकता है तो उसकी तकनीकी संभावनाएँ क्या हैं?”
“Internet is considered a fundamental right nowadays.. I have asked SPRACO to check the feasibility of providing internet to caged citizens of Indian Occupied Jammu and Kashmir via satellite” – @fawadchaudhry pic.twitter.com/nre1PxoJqG
— Fawad Chaudhry (Updates) (@FawadPTIUpdates) November 14, 2019
यहाँ बता दें कि इस वीडियो में वो ये कहते नजर आए, “इंटरनेट को आज दुनिया मौलिक अधिकार समझती है। लेकिन आज कश्मीर के लोग इससे महरूम हैं। इसलिए ये जरूरी है कि हम कुछ ऐसा करें कि कश्मीर में इंटरनेट बहाल हो सके।” उनके अनुसार ऐसा करने के लिए जो भी तकनीकी जरूरतें होंगी जरूरी, उसे भी वह विज्ञान एवं तकनीक मंत्रालय से देंगे।
EXCLUSIVE footage of Fawad Chaudhry providing internet to Kashmir via satellite.. pic.twitter.com/JuBhEVMGO5
— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) November 14, 2019
ऊपर के वीडियो में खुद फवाद को सैटेलाइट पर बैठ कर अंतरिक्ष में जाते आप देख सकते हैं। यह यूजर्स के द्वारा बताया जा रहा है तंज के रूप में। यूजर हैं वहीं नायला इनायत।
अब ऐसे में अक्सर अपने अटपटे बयानों के कारण पहचाने जाने वाले फवाद चौधरी, इस बयान के बाद भी यूजर्स के निशाने पर आ गए। लोग उन पर तरह-तरह के तंज कसने लगे और कहने लगे कि कश्मीर के लिए चिंता व्यक्त करने वाले क्या बलूचिस्तान में इंटरनेट देना भूल गए हैं?
Did he forget to provide internet in Balochistan? https://t.co/9avyyXgm0h
— Ankit Verma (@shekhuankit) November 14, 2019
कुछ यूजर्स उन्हें महान बताने लगे। लोगों ने कहा कि अगर वे पूरे भारत में पाकिस्तान से इंटरनेट देने का ऑफर देंगे तो उन्हें महाराष्ट्र का सीएम भी बनवा देंगे। क्योंकि हमारे यहाँ ये सीट खाली है।
Kya baat hai @fawadchaudhry sahab..tussi great ho. You are giving free internet in Kashmir from Pakistan. Can you please extend that offer to the whole of India. We will make you the CM of Maharashtra, we currently have a vacancy because of the stupidity of Uddhav Thackeray. LoL!
— वयं रक्षामः (@shailendrah) November 14, 2019
वहीं, एक ने इस बयान को सुनने के बाद पूछा कि टेकनॉलजी मंत्री ही है न, जिसका जवाब देते हुए दूसरे यूजर ने कहा, “नहीं ये नो-टेक-नो-लॉजिक मंत्री साहब हैं।”
Ye technology minister hai na ?
— Ayan ? (@AyanCalls) November 14, 2019
बता दें कि अभी हाल ही में पानीपत का ट्रेलर रिलीज होने के बाद फवाद चौधरी ने भारतीय फिल्मी जगत पर निशाना साधा था और कहा था कि ये फिल्म एतिहासित तथ्यों के साथ छेड़-छाड़ है जिसमें मुस्लिम शासक अहमद शाह को क्रूर दर्शाया गया है।