बॉलीवुड के गीतकार जावेद अख्तर एक बार फिर चर्चा में हैं लेकिन विवादास्पद बयान के कारण नहीं, बल्कि अपनी ‘सुधारवादी‘ सोच के कारण। दरअसल उन्होंने सुझाव दिया है कि अंग्रेजी में उपयोग होने वाले he/she और him/her के स्थान पर क्रमशः लैंगिक समानता आधारित शब्दों ‘hesh’ और ‘shim’ का उपयोग किया जाना चाहिए।
हालाँकि, जावेद अख्तर के सुधारवादी इरादों के बाद भी यह संभावना है कि जिन्हें केंद्र में रखकर उन्होंने यह सुझाव दिया है वही ‘वोक समाज’ उनके इस विचार को ठुकरा देगा, क्योंकि ‘hesh’ में ‘he’ सर्वनाम और ‘shim’ में ‘him’ शामिल है, जो पुल्लिंग को प्रदर्शित करते हैं। इससे यह पता चलता है कि अख्तर के विचार ‘विषाक्त पुरुषत्व’ से प्रेरित हैं।
अपने ट्वीट में जावेद अख्तर ने दो ही तरह के जेंडर या लिंग के बारे में बताया है जबकि वास्तविकता में पुल्लिंग और स्त्रीलिंग के अलावा भी जेंडर होते हैं। अख्तर के इस सुधारवादी ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर उनकी खिंचाई शुरू हो गई जो कि तय ही थी। जावेद अख्तर अक्सर अपने बयानों के कारण सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने रहते हैं।
Gigabrain take https://t.co/Cy8RsjX2pZ
— Mr Miller (@mr_kazmiller) July 10, 2021
Wth! How to unsee this tweet?😭 https://t.co/lApqjZGBr4
— INDIA WAKES UP 🇮🇳 (@IndiaWakesUp_) July 10, 2021
this is so funny https://t.co/NLaJ1DJyex
— babushka boi (@janvayyyy) July 10, 2021
How about HIMESH? https://t.co/WcsZtd42SR
— Darshan Pathak (@darshanpathak) July 10, 2021
HESH + SHIM = HIMESH
— Subject/Kantala (@BewafaFC) July 10, 2021
SURRRORREREEEEEE https://t.co/hkwlUG9Cax
हालाँकि, यह साफ है कि अख्तर ने सिर्फ लोकप्रियता हासिल करने के लिए लैंगिक सर्वनाम में सुधार का यह मुद्दा उठाया, लेकिन वे अपना ही मजाक बना बैठे। दूसरी तरफ, उनका ट्वीट यह भी बताता है कि पश्चिम में लैंगिक समानता की आड़ में जो सर्वनाम की राजनीति चलती रहती है, वह अब भारत में भी धीरे-धीरे पहुँच रही है।