Sunday, September 1, 2024
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अमित शाह के गृह मंत्री बनते ही राणा अय्यूब ने एक साथ उगला झाग और जहर

चूँकि अमित शाह अब कैबिनेट में गृह मंत्री हैं, हमें यह पूरी आशा है कि अपने कुत्सित इरादों को शब्दों का कपड़ा पहना कर मोदी, शाह और पूरे PMO के लिए ट्विटर एवं अन्य वैश्विक मंचों पर राणा अय्यूब ओवरटाइम खटते हुए घृणा और झूठ का विषवमन करती रहेगी।

ऐसा लगता है जैसे राणा अय्यूब भाजपा की लोकसभा चुनाव में मिले प्रचंड बहुमत के सदमे से अभी तक भी नहीं उबर पाई है। कम से कम ट्विटर पर उनके दैनिक प्रलाप को देखकर तो यही निष्कर्ष निकलता है। आज सुबह ही अमित शाह के गृह मंत्री बनने के बाद जहाँ एक ओर कई निष्पक्ष पत्रकारों में सन्नाटा देखने को मिला, वहीं दूसरी ओर राणा अय्यूब अपने मन के भावों को रोक पाने में नाकामयाब रही।

राणा अय्यूब ये देखकर शायद अपने होशो-हवास गँवा बैठी कि उनके ‘कट्टर दुश्मन’ अमित शाह को देश की आतंरिक सुरक्षा सौंपी गई है। इस बात से सदमे में डूबा राणा अय्यूब का दुखी हृदय ट्विटर पर फूट पड़ा और वो एक के बाद एक ट्वीट कर के भारत के नए गृह मंत्री के खिलाफ अपना जहर उगलते हुए देखी गई। राणा अय्यूब का दर्द यह था कि अमित शाह को मर्डर के केस में गिरफ्तार किया गया था, जब वो गुजरात के गृह मंत्री थे।

हालाँकि, आदर्श लिबरल के ‘स्वयं न्यायाधीश’ होने के अनोखे गुण के चलते राणा अय्यूब यह बात भी भूल गई कि जिस बेबुनियाद आरोप को वो गृह मंत्री अमित शाह पर लगा रही है, कोर्ट उसके लिए अमित शाह को आरोपमुक्त कर चुकी है।

अय्यूब तो उसी वक़्त से दुखी चल रही थी जब एग्जिट पोल में भाजपा की जीत तय मानी जा रही थी। लेकिन किसी चमत्कार के इंतज़ार में तथाकथित पत्रकार ने खुद पर तब तक कण्ट्रोल बनाए रखा जब तक शुरुआती रुझानों में भाजपा की सरकार बनती दिखाई देने लगी।

तब भी राणा अय्यूब को यह बात अपच की तरह परेशान कर रही थी कि, जिनसे वो सबसे ज़्यादा घृणा करती है वो सरकार में बहुमत से वापस आएँगे। अत्यंत दुख और आतंरिक परेशानियों से जूझती अय्यूब ने कॉन्ग्रेस पर निशाना साधा कि वो भाजपा को क्यों नहीं रोक पाए। दुखातिरेक में अय्यूब ने याद किया कि कॉन्ग्रेस में 5 सालों में कुछ भी नहीं बदला।

चूँकि अमित शाह अब कैबिनेट में गृह मंत्री हैं, हमें यह पूरी आशा है कि अपने कुत्सित इरादों को शब्दों का कपड़ा पहना कर मोदी, शाह और पूरे PMO के लिए ट्विटर एवं अन्य वैश्विक मंचों पर राणा अय्यूब ओवरटाइम खटते हुए घृणा और झूठ का विषवमन करती रहेगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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