उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री और भाजपा नेता मोहसिन राजा ने मंगलवार (20 जून 2023) को एक वीडियो ट्विट किया है। 53 सेकेंड के इस वीडियो में मुस्लिमों का एक जमावड़ा अरबी भाषा में कुछ बोलता दिखाई दे रहा है। एक व्यक्ति द्वारा कहे गए शब्द को कई लोग दोहरा रहे हैं। इसी में RSS का भी जिक्र किया जा रहा है। वीडियो को हज से संबंधित बताते हुए मोहसिन राजा ने दिख रहे लोगों को देश विरोधी ताकतों के हाथों के खिलौने कहा है।
योगी सरकार के पहले कार्यकाल में अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री रहे मोहसिन रजा ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “हज जैसी पवित्र यात्रा और काबा जैसे मुक़द्दस स्थान पर भी देश विरोधी विदेशी ताकतों के हाथ के खिलौने ये चंद लोग जिन्होंने अपनी नकारात्मकता वाली सोच का प्रदर्शन किया है। ये लोग देश की भाजपा सरकार और आरएसएस के नाश की बद्दुआ कर रहे हैं।” मोहसिन रजा ने वीडियो में दिख रहे लोगों और उनसे ऐसा करवा रहे संदिग्धों की जाँच करवा कर देशद्रोह के तहत केस दर्ज करने की माँग की है।
मैं भारत सरकार से मांग करता हूं कि इन लोगों की जांच हो इनके पीछे छुपे हुए लोगों और संगठनों की जांच हो और ऐसे लोगों और संगठनों के विरुद्ध देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए, इनकी नागरिकता समाप्त कर हुवे इन्हे इनकी मानसिकता वाले देश भेज देना चाहिए।(2/3)
— Mohsin Raza (@Mohsinrazabjpup) June 20, 2023
नरेंद्र मोदी, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, जेपी नड्डा सहित कई अन्य लोगों को अपने ट्विटर पर टैग करते हुए मोहसिन रज़ा ने वीडियो में दिख रहे लोगों की नागरिकता भी रद्द करने की अपील की है। वीडियो में आसमानी रंग के कपड़ों में महिलाएँ आगे खड़ी दिख रहीं हैं। उनके पीछे सफेद रंग के कपड़ों में कई पुरुष दिख रहे हैं। हालाँकि, लोगों से अपनी लाइनों को बुलवाता शख्स पूरे वीडियो में कहीं भी नहीं दिखाई दिया। कथित तौर पर बर्बादी की माँग वाले इस वीडियो की शुरुआत ‘बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम’ शब्द से की गई है।
कट्टरपंथी दे रहे हैं गालियाँ
मोहसिन रजा के इस ट्वीट पर कुछ कट्टरपंथी उन पर नाराजगी दिखा रहे हैं तो कुछ उनका मजाक उड़ा रहे हैं। सामी खान ने लिखा, “अमूल बटर खाता है इंडिया तो अब्दुर रब खान ने इसे चाटुकारिता बताया है। एक अन्य यूजर फखरुद्दीन ने रज़ा के इस ट्वीट पर लिखा, “डूब के मर जा भ%वे भाईयों को बदनाम कर रहा है।”
हालाँकि इसी ट्वीट पर कई लोग इस बद्दुआ पर नाराजगी भी जता रहे हैं। अमल अवस्थी के मुताबिक, दूसरों को दी गई बद्दुआ खुद पर लौट कर आती थी। वहीँ जितेंद्र तिवारी ने लिखा, ‘संघ इतना मजबूत हुआ कि इन्हे अल्लाह के दरबार में जा कर दुआ माँगनी पड़ी।”