Monday, December 23, 2024
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‘नाम बदलने वालों को वोट मत देना’: पढ़ाई के नाम पर Unacademy के शिक्षक ने फैलाया कॉन्ग्रेसी प्रोपेगंडा, वीडियो देख लोगों ने जताया गुस्सा

"Unacademy का मोदी विरोधी एजेंडा, शिक्षा के नाम पर परोसी जा रही मोदी जी से नफरत। आपको PM मोदी जी पसंद नहीं हैं तो उनका विरोध करें लेकिन शिक्षा की आड़ में अपना एजेंडा लागू नहीं कर सकते।"

अनएकेडमी (Unacademy) का एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर वायरल हो रहा है। इसमें एक टीचर पढ़ाते हुए अचानक छात्रों के सामने अपना पूर्वाग्रह या कहें कि किसी पार्टी विशेष से नफरत जाहिर करने लगता है। वायरल वीडियो में वह झल्लाया हुआ नजर आ रहा है। वहीं सोशल मीडिया पर ही कुछ लोगों ने उस टीचर की पहचान बताते हुए उसे करण सांगवान बताया है। जो लॉ टीचर है।

वायरल वीडियो में करण सांगवान कह रहा है, “मुझे भी ऐसा ही लग रहा था कि मैं हँसू या रोऊँ, क्योंकि मेरे पास भी बहुत सारे केस नोट्स हैं, बहुत सारे नोट हमने भी बनाए थे। हर किसी के लिए बहुत मेहनत है कि आप लोगों को भी काम मिल गया। लेकिन, एक चीज याद रखना अगली बार जब भी अपना वोट दो तो किसी पढ़े-लिखे इंसान को अपना वोट देना ताकि ये सब दोबारा जीवन में ना झेलना पड़े। ठीक है चलो, नेक्स्ट टाइम ध्यान रखिएगा। ऐसे इंसान को चुनें जो पढ़ा लिखा हो। जो समझ सके चीजों को, ऐसे इंसान को न चुने जिन्हें सिर्फ बदलना आता हो, नाम चेंज करना आता हो। तो मेक योर डिसीजन प्रॉपर्ली।”

वीडियो में जो कहा गया है उसको लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर संग्राम छिड़ गया है। जहाँ अधिकांश लोग इसे ‘Unacademy’ पर पढ़ाई की जगह कॉन्ग्रेस का प्रोपेगेंडा परोसना बता रहे हैं वहीं कुछ ने एजुकेशन की जगह Unacademy को कॉन्ग्रेस आईटी सेल का अड्डा बताते हुए जवाब माँगा है। इसे सीधा-सीधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में पढ़ाने के दौरान वोटिंग अपील के रूप में देखा जा रहा है। 

सोशल मीडिया हैंडल ‘THE INTREPID’ ने Unacademy से सवाल पूछते हुए लिखा है, “टीचिंग या प्रोपेगेंडा”? साथ ही अपने पोस्ट में उन्होंने बताया है, “Unacademy का लॉ टीचर ‘करण सांगवान’ अपने छात्रों से वर्तमान सरकार (बीजेपी) को दोबारा वोट न देने की अपील कर रहा है। कानूनों में सुधारों का स्वागत करने के बजाय, ऐसे शिक्षक शिक्षा की आड़ में अपनी व्यक्तिगत विचारधारा को बढ़ावा देने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। इस पर कोई स्पष्टीकरण अनएकेडेमी?

‘X’ हैंडल मनीष सिंह ने लिखा, “Unacademy का मोदी विरोधी एजेंडा, शिक्षा के नाम पर परोसी जा रही मोदी जी से नफरत। आपको PM मोदी जी पसंद नहीं हैं तो उनका विरोध करें लेकिन शिक्षा की आड़ में अपना एजेंडा लागू नहीं कर सकते।”

‘X’ हैंडल बाला ने पोस्ट किया, “अनएकेडेमी का यह टीचर फ़्रस्टेट हो चुका है क्योंकि उसे वह काम करना है जिसके लिए उसे भुगतान मिल रहा है। इसलिए वह लोगों से अपील कर रहा है कि नए बदलाव लाने वाली सरकार यानी बीजेपी को वोट न दें। जबकि आपकी संपूर्ण तनख्वाह शिक्षण पर निर्भर करती है और आपको नोट्स बनाने में कोई समस्या है? वे अच्छे पुराने दिन याद आ रहे हैं जब शिक्षक का काम अपने विद्यार्थियों को पढ़ाना होता था, न कि प्रोपेगेंडा में लिप्त रहना।”

वहीं इस पूरे मामले पर अंकुर सिंह नामक यूजर ने लिखा है, “अनएकेडेमी कोचिंग प्लेटफॉर्म चला रहा है या कॉन्ग्रेस का आईटी सेल? इसके शिक्षक करण सांगवान एक कॉन्ग्रेस वर्कर है, जो कक्षा के दौरान भी कॉन्ग्रेस का प्रोपेगेंडा चला रहा है। सबसे बुरी बात यह है कि नई भारतीय न्याय संहिता के कारण कानून का पाठ्यक्रम बदल जाएगा। क्या सरकार को अनएकेडेमी के आधार पर फैसले लेने चाहिए?”

हालाँकि, यह पहला मामला नहीं जब Unacademy अपने प्लेटफॉर्म से इस तरह का प्रोपेगेंडा फैला रहा है। इससे पहले भी ऐसे कई वीडियो वायरल हुए हैं जिसमें Unacademy के टीचर खुलेआम कभी हिन्दू धर्म का विरोध तो कभी शिक्षण के नाम पर राजनीतिक प्रोपेगेंडा परोसते हुए PM मोदी या बीजेपी के खिलाफ जहर उगलते नजर आए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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