Sunday, September 1, 2024
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मानवाधिकारों पर अमेरिका को जयशंकर ने पढ़ाया ऐसा पाठ, सब हो गए मुरीद: कहा- आपकी लॉबी है… हम भी मौन नहीं रहेंगे

"मैं समझता हूँ कि ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी देश ने अमेरिका को यह बताया है कि हम अमेरिका में हो रहे मानवाधिकारों को लेकर चिंतित हैं। वह भी वॉशिंगटन में खड़े होकर। आपको सलाम जयशंकर सर। आप प्रेरणास्रोत हैं।"

न्यूयॉर्क में सिखों पर लगातार हो रहे हमलों के बीच भारत में कथित मानवाधिकार उल्‍लंघन पर सवाल उठाने वाले अमेरिका को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उसी की धरती पर करारा जवाब दिया है। उन्‍होंने इशारों ही इशारों में साफ कह दिया कि भारत अमेरिका में भारतीयों के मानवाधिकारों के उल्‍लंघन पर नजर बनाए हुए है। विदेश मंत्री के इस बयान की सोशल मीडिया में जमकर तारीफ हो रही है।

विदेश मंत्री जयशंकर ने एक सवाल के जवाब में अमेरिका को स्‍पष्‍ट संदेश देते हुए कहा, “लोग हमारे बारे में विचार बनाने का हक रखते हैं। हमें भी उनकी लॉबी और वोट बैंक के बारे में विचार बनाने का हक है। हम मौन नहीं रहेंगे। अन्‍य लोगों के मानवाधिकारों पर हमारी भी राय है, खासतौर पर जिसका संबंध हमारे अपने (भारतीय) समुदाय से है।”

बता दें कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की ओर से मानवाधिकार पर ज्ञान दिए जाने के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने यह तीखी टिप्पणी की है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मीडिया से बात करते हुए अमेरिका पर जोरदार पलटवार किया। वैसे यह पहला मौका था, जब भारत को जब-तब नसीहत देने वाले अमेरिका को उसी की धरती पर इस तरह से पलटवार पर फजीहत झेलनी पड़ी है।

मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों पर वॉशिंगटन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका को उनके यहाँ हुए मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों की याद दिलाई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, टू प्लस टू वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध बनाने को लेकर चर्चा हुई लेकिन उसके बाद ही अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मानवाधिकार पर नसीहत देकर भारत पर दबाव बनाना चाहा।

एंटनी ब्लिंकन ने ये कहा, “अमेरिका भारत सरकार, पुलिस और जेल अधिकारियों द्वारा मानवाधिकारों के हनन के मामलों की निगरानी कर रहा है। जिस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी पलटवार करते हुए साफ किया कि अमेरिका को लेकर हमारी चिंता भी ठीक उसी तरह की है। वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि द्विपक्षीय वार्ता में मानवाधिकारों के मुद्दों पर चर्चा नहीं की गई।

वहीं सोशल मीडिया पर अमेरिका को आईना दिखाने के लिए एस. जयशंकर की जमकर तारीफ हो रही है। पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने भी ट्वीट कर विदेशमंत्री की तारीफ की है। उन्होंने लिखा, “जयशंकर ने कूटनीतिक रूप से अच्छा जवाब दिया है। भारत में भी ब्लिंकन की ओर से की गई ऐसी टिप्पणी का जवाब देना था, जब उन्होंने उकसाने का काम किया था। अमेरिका हमेशा भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताते हुए साझा मूल्यों की बात करता है और ब्लिंकन ने अपनी टिप्पणी से हमारे लोकतंत्र का अपमान करने की कोशिश की थी।”

विदेश मंत्री जयशंकर का अमेरिका को इस तरह से करारा जवाब देना अब सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बन गया है। जहाँ ट्विटर पर जयशंकर हैशटैग टॉप ट्रेंड हुआ है। वहीं समीर नामक यूजर ने लिखा, “मैं समझता हूँ कि ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी देश ने अमेरिका को यह बताया है कि हम अमेरिका में हो रहे मानवाधिकारों को लेकर चिंतित हैं। वह भी वॉशिंगटन में खड़े होकर। आपको सलाम जयशंकर सर। आप प्रेरणास्रोत हैं।”

इसके अलावा लेखक राजीव मल्होत्रा ने भी विदेश मंत्री जयशंकर की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो अमेरिका में मानवाधिकारों की स्थिति पर सालाना रिपोर्ट भी पेश करने का सुझाव दिया। मल्होत्रा ने ट्वीट किया, “शानदार ओपनिंग। अगला कदम यह होना चाहिए कि अमेरिका में मानवाधिकार की स्थिति पर भारत एक कमिशन का गठन करे। मेरी टीम ने 30 सालों तक यह काम किया है और हम इसमें मदद कर सकते हैं।”

गौरतलब है कि यूक्रेन और रूस के मसले पर भारत की कूटनीति की जहाँ दुनिया भर में सराहना हो रही है वहीं अब अमेरिका को भी दो टूक जवाब देकर भारत न अपनी ताकत का अहसास कराया है। बता दें कि अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में हाल ही में सिख समुदाय के दो लोगों पर अटैक हुआ था। बीते 10 दिनों में यह दूसरी घटना थी। इससे पहले एक बुजुर्ग सिख व्यक्ति पर हमला हुआ था। इस तरह जयशंकर ने उदाहरण के साथ ही अमेरिका को करारा जवाब दिया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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