Thursday, September 19, 2024
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‘होली में जय श्री राम का नारा डरावना, मैं इस देश में सुरक्षित महसूस नहीं करती’: ‘स्वतंत्र पत्रकार’ से लोगों ने पूछा – तालिबान चलेगा?

उन्होंने दावा किया कि कट्टरपंथी सबसे पहले काम महिलाओं की स्वतंत्रता को भंग करने का ही करते हैं। उनके अनुसार, कट्टरपंथी तय करते हैं कि महिलाएँ कैसे कपड़े पहनें, क्या पढ़ाई करें और कहाँ काम करे।

सोशल मीडिया पर हिन्दू त्योहारों को बदनाम करने का प्रयास कोई नया नहीं है। साथ ही हिन्दू त्योहारों के समय जबरदस्ती का ज्ञान देने की भी एक अलग ही परंपरा है, जो लिबरल गिरोह काफी समय से निभाता रहा है। हाँ, इस बार चार राज्यों में भाजपा की जीत (खासकर उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वापसी) और ‘The Kashmir Files’ के ब्लॉकबस्टर होने से ये सब थोड़ा कम देखने को मिला। लेकिन, स्वागता यादवर जैसी ‘स्वतंत्र पत्रकारों’ ने होली को बदनाम करने के लिए पूरा उपक्रम किया।

‘द प्रिंट’, ‘इंडिया स्पेंड’, ‘फैक्ट चेकर’ और ‘द वीक’ जैसे मीडिया संस्थानों में काम कर चुकीं स्वागता यादवर ने लिखा, “होली के दौरान ‘जय श्री राम’ के नारे लग रहे हैं। कुछ क्षण के लिए तो मैं एकदम से शांत हो गई। मैं, एक हिन्दू महिला, इस देश में सुरक्षित महसूस नहीं करती। अन्य अल्पसंख्यकों के साथ मैं सिर्फ सहानुभूति ही प्रकट कर सकती हूँ। अकेली यात्रा कर रही एक महिला के लिए होली सबसे डरावना समय होता है।”

तथाकथित ‘स्वतंत्र पत्रकार’ ने शुक्रवार (18 मार्च, 2022) को होली की बात करते हुए दावा किया कि उन्हें उस दिन एक ऑटो लेना पड़ा था और वो रास्ते भर प्रार्थना करती रही थीं। बाद में जब लोगों ने उनसे कहा कि वो यहाँ सुरक्षित महसूस नहीं करतीं तो पाकिस्तान चली जाएँ, तो इसका जवाब देते हुए स्वागता यादवर ने कहा कि जब कोई महिला डरी होती है तो उसका आशय धर्म नहीं, बल्कि कट्टरपंथी अनुयायियों से होता है और वो कुछ भी हो सकते हैं – हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई।

उन्होंने दावा किया कि कट्टरपंथी सबसे पहले काम महिलाओं की स्वतंत्रता को भंग करने का ही करते हैं। उनके अनुसार, कट्टरपंथी तय करते हैं कि महिलाएँ कैसे कपड़े पहनें, क्या पढ़ाई करें और कहाँ काम करे। उन्होंने कहा कि जब युवक ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते हैं तो उन्हें डर लगता है। उन्होंने कहा कि यहाँ वैसा ही तालिबान बनाया जा रहा है जिससे आप घृणा करने का दिखावा करते हैं, लेकिन असल में उससे प्रभावित हैं।

हालाँकि, लोगों ने उन्हें याद दिलाया कि ये सब इस्लामी मुल्कों में होता रहा है और तालिबान जैसे इस्लामी कट्टरपंथी संगठन ही ऐसा करते रहे हैं। कइयों ने स्वागता यादवर की कहानी को फेक करार दिया, जिसके जवाब में उन्होंने दावा किया कि इस देश में रहने वालों को सच्चाई पता है। उन्होंने अपनी ट्वीट के रिप्लाइज भी ऑफ कर दिए थे। लोगों ने कहा कि होली पर ऐसे आरोप लगाने से पहले उन्हें जान तो लेना चाहिए कि होली है क्या।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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