Saturday, November 16, 2024
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अकाउंट बहाल कर डॉ. आनंद रंगनाथन से ट्विटर ने माँगी माफी, कुरान का जिक्र करने पर कर दिया था ब्लॉक

बेंगलुरु में इस्लामिक भीड़ की हिंसा के बाद जेएनयू के प्रोफेसर आनंद रंगनाथन ने एक ट्वीट किया था। इस ट्वीट में उन्होंने समुदाय विशेष से अपील की कि जो भी लोग कुरान की एक ऐसी आयत का विरोध करते हैं, जिसमें अल्लाह या अल्लाह के बंदों को दुत्कारने पर सजा मिलने की बात है, उन्हें अब मुखर होकर बोलना चाहिए।

माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने 10 दिन बाद वैज्ञानिक और स्तंभकार डॉ. आनंद रंगनाथन के ट्विटर अकाउंट फिर से बहाल कर दिया है। साथ ही ट्विटर ने माफी भी माँगी है। बता दें कि 10 दिन पहले ट्विटर ने रंगनाथन को कुरान की एक आयत पोस्ट करने पर ब्लॉक कर दिया था।

अब ट्विटर ने अकाउंट सक्रिय करते हुए ईमेल के जरिए आनंद रंगनाथन को होने वाली असुविधा के लिए खेद जताया है और अपनी गलती भी मानी है।

उल्लेखनीय है कि बेंगलुरु में इस्लामिक भीड़ की हिंसा के बाद जेएनयू के प्रोफेसर आनंद रंगनाथन ने एक ट्वीट किया था। इस ट्वीट में उन्होंने समुदाय विशेष से अपील की कि जो भी लोग कुरान की एक ऐसी आयत का विरोध करते हैं, जिसमें अल्लाह या अल्लाह के बंदों को दुत्कारने पर सजा मिलने की बात है, उन्हें अब मुखर होकर बोलना चाहिए।

आनंद रंगनाथन का यह ट्वीट उन लोगों पर एक निशाने की तरह था, जो आम दिनों में मजहब और दीन की बातें करते हैं, लेकिन जब बेंगलुरु जैसी कोई मजहबी हिंसा घट जाती है तो मानवता की बात करके उनके अपराधों से ध्यान भटकाने में लग जाते हैं।

जेएनयू के प्रोफेसर ने इसी रवैये पर कुरान की इस आयत को कोट किया था, “जो भी अल्लाह और उसके बंदे को दुत्कारेगा, अल्लाह उन्हें इस जहां में लानत देता है और उनके लिए अपमानजनक दंड भी तैयार रखता है।”

डॉ. रंगनाथन ने कुरान की इन पंक्तियों को लिखते हुए कहा था कि इस्लाम को मानने वाले जो कुरान की इन बातों में विश्वास नहीं रखते, उन्हें यह बात मुखर हो कर कहना चाहिए। मगर, ट्विटर ने उनके इस ट्वीट को नियमों का उल्लंघन बताकर उनका अकाउंट ब्लॉक कर दिया था

ट्विटर ने आनंद रंगनाथन के ट्वीट को ‘घृणा वाला’ बताया। इसके जवाब में जेएनयू के प्रोफेसर ने ट्विटर को लिखा था कि उन्होंने जो भी ट्वीट किया है, वह कुरान की एक आयत है। तो क्या इसका मतलब ये है कि कुरान में लिखी आयत घृणा वाली है। किस मामले में ये निर्धारित होगा कि किसी आयत का हवाला देना आपके नियमों का उल्लंघन है।

गौरतलब है कि 11 अगस्त 2020 को बेंगलुरु कॉन्ग्रेस विधायक के भतीजे के फेसबुक पोस्ट के बाद संप्रदाय विशेष की भीड़ सड़कों पर उतरी थी। भीड़ ने कॉन्ग्रेस विधायक के घर में तोड़फोड़ करने के साथ ही आग लगा दी।

इसके बाद उपद्रवियों की हिंसक भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया, पुलिस थाने और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। दंगे के बाद, कई ‘उदारवादियों’ ने दावा किया कि इस्लाम यह (हिंसा) नहीं सिखाता है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. रंगनाथन ने उन्हें बताया कि इस्लाम क्या सिखाता है। उन्होंने कहा कि जिन ‘उदारवादियों’ का कहना है कि यह इस्लाम नहीं सिखाता है, तो उन्हें कहना चाहिए कि वे कुरान में वर्णित बातों से सहमत नहीं हैं।

इस घटना के बाद आनंद रंगनाथन को ट्विटर पर वापस लाने की माँग तेज हो गई थी। लोग अपने-अपने ट्विटर हैंडल से #BringBackAnandRanganathan ट्वीट कर उनकी वापसी की माँग करने लगे थे। लोगों ने उन्हें सबसे समझदार आवाज बताते हुए ट्विटर से अपील की थी कि उन्होंने कोई भी नियम उल्लंघन नहीं किया। उन्हें वापस लाया जाए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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