"मैडम स्पीकर, जम्मू-कश्मीर के लोग बेहतर के हकदार हैं और स्थिति को देखते हुए साहसी कदम उठाकर प्रधानमंत्री मोदी ने सही किया। जम्मू-कश्मीर के दर्जे में बदलाव को संसद द्वारा दो-तिहाई बहुमत से पारित किया गया जो सुधारों की आवश्यकता की जरूरत पर आम सहमति को दर्शाता है।"
अल-मुहाजिर को उत्तरी सीरिया के जारबिलस में अमेरिकी ऑपरेशन में मार गिराया गया था। अबू हमजा अल-कुरैशी नाम के वक्ता ने इस्लामिक स्टेट के अनुयायियों से नए खलीफ़ा के प्रति निष्ठा रखने का आग्रह किया और अमेरिकियों को संबोधित करते हुए कहा कि........
1 जुलाई 2018 तक 8.74 लाख लोगों के साथ अमेरिका में हिन्दी सबसे अधिक बोली जाने वाली भारतीय भाषा रही, जो 2017 के आंकड़ों में 1.3% की मामूली बढ़ोतरी है। 2010 के बाद से 8 साल के दौरान, इस संख्या में 2.65 लाख लोग जुड़े जो 43.5% का इज़ाफ़ा है।
".....बगदादी अपने अंतिम समय में डरपोकों की तरह इधर-उधर भाग रहा था। वो इतना बदहवास हो चुका था कि उसने अंत में एक सुरंग में जाकर अपने तीन बच्चों समेत खुद को विस्फोटक जैकेट से उडा लिया।"
IS की कैद में रहने के दौरान मुलर ने अपने परिजनों ने एक पत्र भी लिखा था, जिसमें उन्होंने लिखा था, "मैं नहीं चाहती कि मुझे छुड़ाने के लिए आप लोग कोई समझौता करें।" म्यूलर ने लिखा था, "मैं जानती हूँ कि आप चाहेंगे की मैं स्ट्रॉन्ग बनू। मैं एकदम वही कर रही हूँ।"
आइएस सरगना से सहानुभूति दिखाने वाला वाशिंगटन पोस्ट अकेला नहीं है। ब्लूमबर्ग ने भी बगदादी का महिमामंडन किया है। उसके मुताबिक, "बगदादी छोटे से गॉंव से आया ऐसा शख्स था जिसने कई बाधाओं को पार कर मुकाम हासिल किया।"
22 अक्टूबर से इस मामले की सुनवाई फिर से शुरू हो गई है। इतने पुराने मामले के गुनहगार शायद ही मिलें। लेकिन, इसने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। क्या इतने पुराने मामले दोबारा खोले जाने चाहिए?
गिरती अर्थव्यवस्था के बीच ईरान से सस्ता मिल रहा क्रूड भी भारत ने खरीदना कम कर दिया है। ऐसे में वेनेज़ुएला प्रतिबंध को और झेलना भारत के लिए मुश्किल लग रहा है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिले तो भी मीम्स बने। जापान गए तो वहाँ एक अलग तरह का मीम वायरल हुआ। हॉन्गकॉन्ग की नेता से मिले सूअर वाला मीम। क्या सचमुच इससे तंग आकर कार्टून कैरेक्टर को ही बैन कर दिया चीन में?
चीन में उइगर और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ होते अत्याचार को देखते हुए अमेरिका के वाणिज्य मंत्रालय ने चीन की 28 संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट कर दिया। अब चीन की ये 28 संस्थाएँ अमेरिकी सामान नहीं खरीद पाएँगी।