दोनों समुदाय के बीच घंटों चले पथराव में सौरभ, विवेक, इंद्रपाल, सुमित, टीटू, शरद, पुनीत, सोनू, पप्पू, माया, कल्लो, पूरन सहित कुल 12 लोग घायल हो गए। सभी को पुलिस ने अलीगढ़ के जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। वहीं पुलिस ने मौके पर पीछा कर प्रधान चमन खाँ पक्ष के 6 लोगों को हिरासत में ले लिया है।
पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश करते हुए मस्जिद में इकट्ठा नहीं होने और अपने घरों में नमाज पढ़ने को कहा। इसके बाद उनकी पुलिस से नोंकझोंक हो गई। इसी बीच किसी ने अफवाह फैला दी कि पुलिस मौलवी को पीटते हुए थाने ले जा रही है। इसके स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।
मस्जिद को ढकने के लिए दो तरह के तिरपालों का प्रयोग किया गया है। एक काले तिरपाल और एक लाल-पीले तिरपाल का प्रयोग किया गया है। अलीगढ़ में होली पर व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के लिए क़रीब 5000 लोगों नोटिस जारी किया गया है और 1000 लोगों को पाबंद किया गया है।
शौहर पुलिस से: बहुत समझाता हूँ कि धरने पर मत जाओ, लेकिन चली जाती है, क्या करें! तभी बीवी अंदर से भाग कर आती है और डाँटते हुए कहती है: "तुमने कहा था कि धरने में जाओ।"
अलीगढ़ में CAA विरोधियों ने जमकर हिंसा की थी। इस दौरान दंगाइयों ने लोगों के घर में घुसने की कोशिश की। इस घटना के बाद दहशत में बाबरी मंडी इलाके में रहने वाले कई हिंदू अपना घर बंद कर जा चुके हैं।
अलीगढ़ में भीम आर्मी, पीएफआई और एएमयू के एक छात्र संगठन के लोगों के बीच बैठक हुई। इसके बाद हिंसा भड़की। ठीक उसी पैटर्न पर दिल्ली में हिंसा की घटनाओं को अंजाम दिया गया है। इससे पहले दिल्ली के जामिया और यूपी में हुई हिंसा में भी पीएफआई की संलिप्तता सामने आई थी।