“प्रधानमंत्री मोदी कॉन्ग्रेस पर आरोप लगाते हैं कि हम पाकिस्तान की भाषा में बात कर रहे हैं, लेकिन यही वो शख्स हैं जिन्होंने खुद को पड़ोसी देश के स्तर तक गिरा लिया है। वह मोहम्मद अली जिन्ना के दो-राष्ट्र सिद्धांत का पालन कर रहे है और भारत के हिंदू जिन्ना के रूप में उभरे हैं।”
रोजाना 300-400 लोग भारत से बांग्लादेश लौट रहे हैं। अधिकांश लोगों ने वहॉं की एजेसियों को बताया है कि वे काम के सिलसिले में अरसे से भारत में रह रहे थे। इनके पास से भारतीय पहचान पत्र भी बरामद हुए हैं।
आज भाजपा का विरोध कर रहा अखिल कभी कॉन्ग्रेस को वोट न देने की अपील करता था। असम और अरुणाचल प्रदेश में बाँध प्रोजेक्ट्स को बंद कराने के लिए अखिल गोगोई ने लोगों को जम कर भड़काया था। उसके कारण नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पॉवर कारपोरेशन (NHPC) के कई डैम प्रोजेक्ट्स में रुकावट आई थी।
हाल ही में ‘मेक इन इंडिया’ का माखौल उड़ाते हुए ‘रेप इन इंडिया’ कहने वाले कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने फिर से विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि असम को नागपुर नहीं चलाएगा। असम को RSS की चड्डी वाले नहीं चलाएँगे।
"डिटेंशन कैंप ज़रूरी हैं। जेलों में क़ैद विदेशियों की सज़ा पूरी होने के बाद, उन्हें कहाँ रखा जाएगा? जब तक उन्हें उनके देश में वापस नहीं भेजा जाता है, जहाँ से वे आए थे, तब तक आपको उन्हें एक डिटेंशन कैंप में ही रखना होगा।"
यह डिटेंशन सेंटर उन लोगों के लिए आवास के रूप में होगा जिन्होंने अवैध रूप से देश में प्रवेश किया और इनमें वे विदेशी भी शामिल हैं जिनके वीज़ा और पासपोर्ट की समय-सीमा समाप्त हो गई थी। विदेशी मूल के अंडर-ट्रायल क़ैदियों और जो लोग यहाँ जेल की अवधि पूरी कर चुके हैं और निर्वासन की प्रतीक्षा कर रहे हैं.....
असम में शुक्रवार (दिसंबर 20, 2019) को 10 दिन के बाद इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई। नागरिकता संशोधन कानून के कारण असम में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद सुरक्षा कारणों से इसे निलंबित किया गया था।
कुछ लोग हिंसा भड़का कर नॉर्थ-ईस्ट को जलाना चाहते हैं। हम आपके लिए वो 11 झूठ लेकर आए हैं, जिसका इस्तेमाल कर के CAA को असम सहित अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों के ख़िलाफ़ बताया जा रहा है। 11 झूठ और उन सभी को काटता हुआ सच का पुलिंदा। इसे नोट कर लें।
"कॉन्ग्रेस नेता कमरुल इस्लाम हिंसा वाली जगह पर मौजूद था। कॉन्ग्रेस ने अपील की थी कि लोग असम सचिवालय 'जनता भवन' के पास इकट्ठे हों। एक बड़े बुद्धिजीवी ने, जो अकादमिक व्यक्ति भी है, दिल्ली में बैठ कर असम सचिवालय और गुवाहाटी को जलाने की तैयारी की थी। इसमें इस्लामी कट्टरपंथी PFI भी..."