हेरमैन ने बताया कि हमले के पीछे 'इस्लामी कट्टरपंथ’ से इंकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोपित को 'अल्लाह हू अकबर' चिल्लाते हुए सुना।
हिंदुत्व को गाली, भगवा ध्वज व स्वस्तिक का अपमान और 'फासिस्ट' शब्द का प्रयोग - आतंकियों की भाषा वही है, जिसका इस्तेमाल भारत का लेफ्ट और कुछ विपक्षी नेता पीएम मोदी को निशाना बनाने के लिए करते हैं।
कुछ दिनों पहले जब इस पर आपत्ति आई थी, तभी तमाम पुस्तकों को बाजारों से वापस उठवा लिया गया था और उक्त कंटेंट को हटा दिया गया था। माफ़ी भी माँगी गई थी। फिर भी हमला हुआ।
आतंकवादी संगठन द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक़ उन्होंने ‘हिन्दू युवा’ पर इसलिए हमला किया क्योंकि इन्हें ‘बाहरी’ मानते हैं। इस तरह के तमाम ‘बाहरी’ लोग डोमिसाइल के ज़रिए कश्मीर में स्थायी रूप से बसना चाहते हैं।