कोरोना वायरस को हराने के लिए पॉंच टाइम नमाज पढ़ना काफी है। कुछ टिक टॉक यूजर्स के इसी पोस्ट पर राकेश ने कमेंट किया। बरगलाने पर आपत्ति जताई। कट्टरपंथियों को यह रास न आया और परदेस में उन पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा।
एक ओर विधिपूर्वक किए गए सभी धार्मिक अनुष्ठान यानी मजहबी इमाल और दूसरी तरफ रोग पीड़ित प्राणियों के प्राणों की रक्षा का कार्य, ये दोनों कर्म समान रूप से पुण्य देने वाले हैं। यानी इस समय डॉक्टर, सुरक्षाकर्मी, सफाईकर्मी जो कार्य कर रहे हैं वो किसी धार्मिक अनुष्ठान से कम नहीं है। इसलिए धर्म के नाम पर धर्म के कार्य में बाधा डालने का अधार्मिक काम करना बंद करें।
6 प्रमुख उद्देश्यों के साथ तबलीगी जमात की एक सबसे बड़ी शर्त और विशेषता इसकी गोपनीयता है। इसी गोपनीयता ने इसकी हरकतों पर हमेशा आवरण का काम किया है। तबलीगी समय के साथ कट्टर जिहादी समूहों में बढ़ते गए और यह विश्वास करने लगे कि 'अच्छे मुस्लिमों' को इसी जीवन में यातनाएँ भोगनी चाहिए।
ये मुस्लिम भीड़ कभी स्वास्थ्यकर्मियों पर थूककर तो कभी उनके साथ मारपीट करके अपने जाहिलपने का लगातार उदहारण पेश कर रही हैं। हालत ये हो गई है कि ये लोग जिन्हें प्रशासन स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने की कोशिशों में जुटा है, वे लोग उनके लिए सिरदर्दी का सबब बन गए हैं। इनके बेहूदे रवैये से इस समय न केवल अस्पताल प्रशासन बल्कि पुलिस प्रशासन भी त्रस्त है।
कैफ ने अपनी पत्नी के साथ 9 मिनट के लिए मोमबत्ती जलाते हुए साफ किया कि वे ये सब उन योद्धाओं के लिए कर रहे हैं, जो हमारी जान बचाने के लिए अपनी जान को खतरे में डाले हुए हैं। मगर, इस्लामी कट्टरपंथियों को इससे क्या? वे तो यहाँ भी कैफ को मजहब का पाठ पढ़ाने लगे, अपशब्द बोलने लगे।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुदीब मोहम्मद ने सोशल मीडिया पर कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक को फॉलो कर रखा है, वो उसके भाषण को देखता और उसे लाइक और शेयर भी करता है। पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि ऐसे पोस्ट करना उसकी आदतों में शुमार है, जो अन्य समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करती है।
आलीम ने NDTV के ट्वीट पर अपनी इच्छा जाहिर करते हुए पूछा - इंडियन FM किधर है? लेकिन, जैसे ही अन्य यूजर्स ने उसे इस पर घेरना शुरू किया और उसके ट्वीट का स्क्रीनशॉट वायरल होना शुरू हुआ, उसने फौरन अपना अकॉउंट डिएक्टिवेट कर दिया और मुजरिमों की तरह ट्विटर से फरार हो गया।
'द हिन्दू' ने एक कार्टून पब्लिश किया, जिसमें कोरोना वायरस को हाथों में बन्दूक थामे हुए पृथ्वी ग्रह को डराते हुए बताया गया है कि इसने पूरी पृथ्वी को आतंकित किया है।
अपने जिहादी लड़ाकों को वर्क फ्रॉम होम का फरमान सुनाने वाले आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) ने कोरोना महामारी को मूर्ति पूजा करने वाले देशों के लिए अल्लाह का जवाब बताया है। आईएसआईएस ने खुदा से अपील की है कि वह नास्तिकों पर कोरोना वायरस का कहर और ज्यादा बढ़ाए।