पुलिस को मथुरा के भीमनगर में लॉकडाउन के उल्लंघन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किए जाने की सूचना मिली थी। पुलिस पहुॅंची तो देखा कि न केवल दुकानें खुली हुई थीं, बल्कि लोग खुले में ताश खेल रहे थे। मना करने पर वहाँ मौजूद कुछ लोगों ने पथराव शुरू किया था।
रात के 2 बजे जैसे ही एक व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना आई, 1248 टीमें बना कर पूरे जिले में कोरोना के लक्षण वाले लोगों और उनके संपर्क में आने वालों को ट्रेस करने का अभियान शुरू किया गया। केंद्र सरकार ने भी अपनी डेली ब्रीफिंग के दौरान आगरा मॉडल का जिक्र किया। अब दूसरे राज्य भी इससे सीख रहे हैं।
लोटन के भाई बिरजू का कहना है कि उनका परिवार तभी तक सुरक्षित है, जब तक गाँव में पुलिस है। बिरजू ने कहा-"दुश्मनी बढ़ ही गई है। अब जाना ही पड़ेगा। हम 3-4 महीनों में गाँव छोड़ देंगे। दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा है। पुलिस तो आज है, कल नहीं रहेगी।"
मुँह ढके दो बाइक सवार आते हैं। सौ-सौ के पाँच नोटों पर थूक लगाते हैं और अलीगढ़ के एक गॉंव में फेंक फरार हो जाते हैं। उनकी यह हकरत एक महिला देख लेती है। ग्रामीणों को इसकी खबर देती है तो हड़कंप मच जाता है फिर...
बहराइच पुलिस ने शहर के ताज और कुरैश मस्जिद से 17 विदेशियों समेत 21 तबलीगी जमातियों को 31 मार्च को हिरासत में लिया था। क्वारंटाइन में रखने के बाद इन सबका मेडिकल टेस्ट किया गया। रिपोर्ट नेगेटिव आई। क्वारंटाइन अवधि ख़त्म होते ही इन्हें जेल भेज दिया गया।
कानपुर के चमनगंज में घर-घर जाकर नर्सें कोरोना संदिग्धों की जॉंच में जुटी थीं। इसी दौरान कलीम, अमजद अंसारी, बजी अहमद और सलीम ने उनके साथ छेड़खानी की। गाली-गलौज करते हुए उन पर फब्तियाँ कसी, साथ ही अश्लील हरकतें भी की।
“पुलिस जब मौके पहुँची तो मस्जिद के भीतर 20-25 लोग थे जो नमाज की तैयारी कर रहे थे। उनमें से सात को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी लोग भाग गए, जिनमें एक मौलाना भी था।”
मेरठ में पुलिस ने 11 हॉटस्पॉट चिह्नित किए हैं, जिन्हें सील किया जाना है। ये 11 कोरोना हॉटस्पॉट 9 थानों के अंतर्गत आए हैं। इनमें से 3 मस्जिद वाले इलाक़े हैं। इनमें से एक जली कोठी वाला इलाक़ा भी है, जहाँ की दरी वाली मस्जिद में 3 जमाती रुके हुए थे।
पुलिस ने 28 मार्च की देर रात हाइवे पर जीरो प्वाइंट के पास भारी भीड़ जमा देखी। भीड़ देख पुलिस वहाँ पर पहुँची। भीड़ हटाने की कोशिश की तो वहाँ पर कॉन्ग्रेस नेता और उनके दोस्तों ने हंगामा शुरू कर दिया। साथ ही पुलिस के साथ अभद्रता भी की।
लखनऊ में रहने वाले जमातियों का पता लगाने के लिए 700 से अधिक मोबाईल नंबरों को सर्विलांस पर रखा गया था। इनमें से 200 से अधिक जमातियों के नंबर अचानक से बंद हो गए। इन जमातियों के सम्पर्क में रहे करीब 300 लोगों ने भी अपने मोबाइल बंद कर लिए हैं।