"कमलेश तिवारी के बड़े बेटे के लिए यूपी प्रशासन सरकारी नौकरी की अनुशंसा करेगी। आत्मरक्षा के लिए उसे लाइसेंसी हथियार भी प्रदान किया जाएगा। उन्हें उचित वित्तीय सहायता प्रदान किया जाएगा। इन सभी बातों पर एक समिति द्वारा विचार किया जा रहा है।"
कमलेश तिवारी ने फेसबुक पर एक पोस्ट अपनी मौत से करीब दो दिन पहले साझा किया था। उन्होंने उस पोस्ट में लिखा था कि कैसे उन्हें यूपी आईबी से फोन कर इस सन्दर्भ में बताया गया था। इसी से यह भी पता चलता है कि कमलेश पहले से ही जिहादियों के निशाने पर थे।
शर्मा को भूमाफियाओं से जान का खतरा था। करोड़ों रुपए की 70 बीघा ज़मीन को लेकर माफिया उन्हें कई बार जान से मरने की धमकी दे चुके थे। मेरठ पुलिस ने पाँच आरोपितों को गिरफ़्तार किया है।
सूरत के मौलवी मोसिन सलीम शेख, फैजान पठान और शमीम रशीद को हिरासत में लिया गया है। रशीद को कंप्यूटर का ज्ञान है और वो दर्जी का काम करता है। इस मामले में कुछ और लोगों को हिरासत लिया गया था जिन्हें...
“कमलेश तिवारी राह का काँटा था और जो कोई भी इस्लाम और मुस्लिमों की तरफ उँगली उठाएगा, उसका यही अंजाम होगा। अलहिंद ब्रिगेड जिम्मेदारी लेता है। और ज्यादा देखने के लिए तैयार हो जाओ। युद्ध शुरू हो गया है। अलहिंद ब्रिगेड कमलेश तिवारी की हत्या की जिम्मेदारी लेता है, जिसने इस्लाम और मुस्लिमों को बदनाम किया था।”
ज़्यादा संभावना इस बात की है कि पुलिस को मामले में किसी भी 'एंगल' के सबूत अब तक न मिले हों, जिसमें कोई आश्चर्य नहीं किया जा सकता, क्योंकि हत्या को अभी 24 घंटे भी नहीं हुए हैं। ऐसे में सबूत न मिलने को बहुत सम्भव है कि मीडिया में क्लीन चिट मिलने के रूप में दिखाया जा रहा है।
ट्विटर पर एक यूजर ने तो हिन्दुओं को धमकी देते हुए यहाँ तक कह दिया कि जिस तरह विकास यादव और कमलेश तिवारी की हत्या हुई अब वैसा ही अंजाम बाकी हिन्दुओं को भी भुगतना पड़ेगा। एनडीटीवी तो जैसे कमलेश तिवारी की इस नृशंस हत्या पर जश्न मानाने वालों की अगुवाई कर रहा है। अपने हर प्रयास में एनडीटीवी यही कोशिश करता दिख रहा है कि......
आरोपितों और तिवारी के बीच किसी मुस्लिम लड़की की हिन्दू लड़के से शादी की कोई बात चल रही थी। इसके बाद उन गुंडों ने नौकर सतेंद्र को 100 रुपए का नोट दिया और गोल्ड फ्लैक्स पाँच सिगरेट लाने को कहा। वो पैसे लेकर बगल की दुकान से सिगरेट लेने चला गया, शायद वो लोग मौक़ा ढूँढ़ रहे थे।
एडीजी ने बताया, "यह जोड़ी दूसरे देशों से अपने बैंक खातों में पैसा ट्रान्सफर करती थी और बाद में इसे वापस ले लेती थी। फ़हीम इस पैसे को आतंकी गतिविधियों के लिए दिल्ली ले गया था।"