शमा परवीन का निकाह अप्रैल 2010 में एहसान मिस्त्री से हुआ था। निकाह के कुछ दिनों बाद से ही एहसान बीवी के साथ शराब पीकर बुरा बर्ताव करता था। मारने-पीटने के बाद उसे घर से निकाल देता था।
पुलिस ने मौके पर पहुँचकर आरोपित को हिरासत में ले लिया। थाना प्रभारी संदीप बालियान का कहना है कि सूचना मिलने के कुछ ही समय बाद पुलिस मौके पर पहुँच गई थी। पुलिस ने चोर की बेरहमी से पिटाई की बात को गलत बताया है।
फातिमा के ससुर ने उसकी तराबुद्दीन से फोन पर बात करवाई। जैसे ही फातिमा ने हैलो कहा, तराबुद्दीन ने तलाक तलाक तलाक कहकर फोन काट दिया। इसके बाद ससुर ने पंचायत बुलाकर फातिमा को डेढ़ लाख रुपए का चेक दे रिश्ता खत्म करने का एलान कर दिया।
आजम खान और उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला को सुरक्षा के लिहाज से गनर मिले हुए हैं, लेकिन दोनों बाप-बेटे जानबूझकर उन्हें साथ लेकर नहीं चलते। पुलिस ने आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला को गनर को साथ लेकर चलने का निर्देश दिया है।
साजिद का ये दूसरा निकाह है। पहली बीबी की मौत के बाद साजिद ने पीड़ित महिला के साथ दूसरी शादी की थी। साजिद की पहली शादी से 6 बच्चे थे, जिनका पालन पोषण भी पीड़िता ने ही की। खुद पीड़िता के भी 6 बच्चे हैं। तलाक के बाद इन बच्चों के साथ वो बेघर होकर...
ब्यूटी पार्लर में नौकरी के लिए रोज ऑटो से आती-जाती। इसी दौरान ऑटो ड्राइवर 'अमन' से हुई दोस्ती। 'अमन' के साथ कई बार मंदिर भी गई। 'अमन' हाथ में कलावा बाँधता था, कड़ा पहनता था। एक दिन अचानक से पता चला कि वो हिन्दू नहीं बल्कि मुस्लिम है और उसका अमन नहीं बल्कि ख़ालिद है।
कॉन्ग्रेस नेता रावेश खान उर्फ बंटी ने नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में रावेश हार गए थे और उदयपाल यादव जीते थे। इसके बाद से ही दोनों पक्षों में रंजिश चल रही थी।
हनुमान मंदिर की कमिटी ने आदिल और शादाब को उस समय रंगे हाथों पकड़ लिया, जब दोनों माथे पर टीका लगा मंदिर में घुस गए और वहाँ की मूर्तियों को तोड़ने लगे। लोगों ने बताया कि शक से बचने के लिए इन दोनों युवकों ने माथे पर टीका लगा रखा था, ताकि हिन्दू नहीं होने की पहचान से बच सकें।
उन्नाव बलात्कार मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए कहा कि इससे संबंधित सभी केस दिल्ली ट्रांसफर हों। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान कोर्ट में CBI के ऑफ़िसर को उपस्थित रहने के लिए भी कहा, जो इस बात की जानकारी देंगे कि इस मामले की जाँच में अब तक क्या हुआ।
पासपोर्ट मामले में अब्दुल्ला आजम खान पर FIR आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और पासपोर्ट अधिनियम की धारा 12 के तहत मामला दर्ज किया गया था। बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने शिक्षण दस्तावेजों और पासपोर्ट में अलग-अलग जन्मतिथि दर्ज करवाने की शिकायत की थी।