Sunday, November 17, 2024

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कम्युनिस्ट

…जब सावरकर ने लेनिन को लंदन में 3 दिन के लिए दी थी शरण

वीर सावरकर ने एक बार लंदन में लेनिन को 3 दिन तक शरण दी थी। कम्युनिस्ट यह स्वीकार नहीं कर पाते कि सावरकर को कई प्रमुख वामपंथियों ने वीर कहने का साहस किया था।

16 भिक्षुओं और एक साध्वी को गाड़ी से निकाला, मारा, आग में फेंक दिया: वामपंथियों के कोलकाता में हुई थी बिजोन सेतु नरसंहार

बिजोन सेतु नरसंहार में 17 लोगों की जघन्य हत्या पर तत्कालीन CM ने बड़ी ही बेशर्मी से कहा था, “क्या किया जा सकता है? ऐसी बातें होती रहती हैं।”

केरल: वामपंथी पार्टी के ऑफिस से मिले फ्री फूड किट का स्टॉक, बाढ़ पीड़ितों के चंदे में भी ऐसी ही धाँधली पकड़ी गई थी

केरल में राशन कार्डधारकों को वितरण के लिए दिए गए सैकड़ों फूड किट विभिन्न जगहों पर वामपंथी पार्टी के कार्यालयों से मिले हैं।

लेनिन: लाखों किसानों-निर्दोषों की लाश के ढेर पर कम्युनिस्ट सत्ता स्थापित करने वाला

रूस में गृहयुद्ध के दौरान लेनिन के सामने शासन और सर्वहारा में से किसी एक को चुनने का समय आया, तब उसने सर्वहारा में ही जार को देखा।

चीनी राजदूत ने कहा- तुझे जड़ से मिटा दूँगा, जब नागरिक ने किया कोरोना पर सवाल

झा लियू के ट्वीट पर चीन से ही जुड़े एक ट्विटर यूज़र ने चीन की सरकार पर कटाक्ष करते हुए लिखा- "हाँ हम जानते हैं कि यह बस एक गंभीर सर्दी-जुकाम मात्र है और हम इससे डरे हुए नहीं हैं। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि फिर भी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) ने लगभग हर इंसान को घर में कैद कर रखा है

‘कॉमरेड कन्हैया मुर्दाबाद’ के नारों से हुआ स्वागत, बिहार के लोगों को समझाने गए थे CAA और NRC

सीएए और एनआरसी के खिलाफ बिहार में चल रहे प्रोपेगेंडा के तहत गाँव-गाँव घूम रहे सीपीआई के नेताओं को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। इस दौरान लोगों ने सीपीआई नेताओं को काले झंडे तो दिखाए ही साथ ही काफ़िले में मौजूद कन्हैया कुमार के ख़िलाफ़ जमकर मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।

CPI नेता अमीर जैदी ने टीवी डिबेट में दीपक चौरसिया को दी गाली, बताया भ*वा पत्रकार

"तुम जो ये कर रहे हो, तुमने ये फैसला कर लिया है कि सिर्फ मुसलमानों को बदनाम करने के लिए तुम डिबेट करोगे और सरकार की जूतियाँ सीधी करोगे। मैं दीपक चौरसिया तुझे चैलेंज करता हूँ.... भ*वे पत्रकार!"

काशी-मथुरा हिंदुओं के लिए मक्का-मदीना जैसा, मुस्लिम उन्हें सौंप दे दोनों जगह: KK मुहम्मद

"मुस्लिमों के लिए एक देश बनाया गया है- पाकिस्तान। मगर भारत में ऐसा नहीं है, और अगर भारत में ऐसा है तो सिर्फ बहुसंख्यक हिन्दुओं की वजह से। भारत को हिन्दू जैसे धर्म की जरूरत है। अगर भारत सेक्युलर है तो हिन्दू की वजह से।"

छात्रों का अधिकार और दोमुँहापन: FTII और JNU के वाम मजहब के छात्र Vs BHU के विद्यार्थी

अगर मामला सिर्फ विचारधारा के आधार पर किसी के समर्थन और किसी के विरोध का है, और जेएनयू एवं FTII जैसे संस्थानों के वाम मजहब के छात्र “शिक्षा का भगवाकरण” कहकर किसी नियुक्ति का विरोध कर सकते हैं, तो वही अधिकार आखिर BHU के छात्रों को क्यों नहीं मिलना चाहिए? समस्या की जड़ में यही दोमुँहापन है।

जब इंदिरा गाँधी ने JNU की गुंडागर्दी पर लगा दिया था ताला: धरी रह गई थी नारेबाजी और बैनर की राजनीति

जेएनयू छात्रों की हड़ताल में जर्मन कोर्स की एक छात्रा शामिल नहीं होना चाहती थी, इसलिए वह क्लास करने के लिए जर्मन फैकल्टी की ओर बढ़ी। उसका नाम था मेनका गाँधी- संजय गाँधी की पत्नी और इंदिरा गाँधी की बहू।

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