Monday, November 18, 2024

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कुम्भ 2019

कॉन्ग्रेस नेता उदित राज ने कुम्भ के खर्च पर की टिप्पणी: लोगों ने जबरदस्त प्रतिक्रिया के साथ समझाया ‘अर्थशास्त्र’, ट्वीट डिलीट

कॉन्ग्रेस नेता उदित राज द्वारा कुम्भ पर ट्वीट के कुछ ही समय बाद इसकी जम कर आलोचना हुई और अंत में उन्होंने खुद अपना यह ट्वीट डिलीट कर दिया।

कंगना और कुंभ पर सवाल खड़े करने वाले आमिर और यूनिलीवर की करतूतों पर चुप बैठ जाते हैं

कुम्भ के आयोजन में 200 वर्षों बाद ऐसा हुआ है कि कोई बड़ी भगदड़ नहीं मची। किसी के भीड़ में कुचल कर मारे जाने की ख़बर चलाने का गिद्धों को मौक़ा ही नहीं मिला। भला आयातित विचारधारा और उपनिवेशवादी मानसिकता के लोग ऐसी कामयाबी कैसे सहन कर पाते?

200 साल बाद पहला कुम्भ मेला, जिसमें नहीं हुई भगदड़ से एक भी मौत

इतने विशाल जनसैलाब का सफलतापूर्वक प्रबंधन करना अपने आप में एक बड़ी चुनौती मानी जाती थी। लेकिन मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने यह साबित कर दिखाया कि हिन्दुओं की आस्था को यदि प्राथमिकता और समय दिया जाए तो उन्हें आसानी से ही किसी आपदा में बदलने से रोका जा सकता है।

कुंभ सफाईकर्मियों के लिए PM मोदी ने निजी बचत से दान किए ₹21 लाख

पीएम मोदी ने प्रयागराज कुम्भ में जाकर वहाँ के सफाई अभियान की तारीफ करते हुए कहा था कि 22 करोड़ लोगों के बीच सफाई बड़ी जिम्मेदारी थी और इन सफाईकर्मियों ने साबित किया कि दुनिया में नामुमकिन कुछ भी नहीं है।

महिमा हिन्दू आध्यात्म की: सस्ती लोकप्रियता के लिए ‘सनातन सद्गुरु’ यीशु भी ले रहे हैं कुम्भ की मदद

हिन्दू धर्म की सहिष्णुता का ये एक बहुत बड़ा उदाहरण है। त्यौहार हिन्दुओं का, डुबकी हिन्दुओं की, ताम-झाम हिन्दुओं का और हाथ धो रहे हैं ईश्वर के पुत्र पवित्र यीशु!

कुम्भ: स्नान करती महिलाओं के फोटो लेने पर हाई कोर्ट सख़्त

प्रशासन 1000 से ज़्यादा सीसीटीवी कैमरों की मदद से पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी कर रहा है। पूरे इलाके पर नजर रखने के लिए 40 निगरानी टावर का भी निर्माण किया गया है।

हिन्दुओं की जिस परिक्रमा को अकबर ने करवा दिया था बंद, योगी सरकार ने करवाई विधिवत शुरुआत

पौराणिक मान्यता के अनुसार प्रयागराज पहुँचकर इन चारों पावन स्थानों के दर्शन मात्र से ही प्रयाग की परिक्रमा पूरी मानी जाती है।

ग्राउंड रिपोर्ट #4: वो 3 नई तकनीकें, जिससे गंगा अब हो रही निर्मल

प्रयागराज में कुल 46 ऐसे नाले थे, जिसका पानी सीधे गंगा में मिल रहा था। ऐसे में गंदे पानी को रोकने के लिए इंस्टिट्यूट रेन ट्रीटमेंट तकनीक के तहत 6 नाले, जियो ट्यूब तकनीक के माध्यम से 5 नाले जबकि 35 नालों को बायोरेमीडिएशन तकनीक से साफ़ किया जा रहा है।

वैरागी जीवन जीते हुए वीतरागी हो जाना है नागा संन्यासी होना

कई मुस्लिम, ईसाई और बाकी धर्मों के लोग भी स्वीकार किए गए हैं। इनमें वो लोग भी शामिल हैं जो पहले डॉक्टर और इंजीनियर रह चुके हैं।

फोटो फ़ीचर: मौनी अमावस्या पर संगम का नज़ारा अद्भुत, अविश्वसनीय, अकल्पनीय

ऐसे नज़ारे इतिहास ने पहले शायद ही कहीं देखा हो। सोशल मीडिया पर आज पूरे दिन इन तस्वीरों ने लोगों को अभिभूत किया।

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