मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने आबकारी विभाग को डॉक्टरों की पर्ची के बाद लोगों को शराब देने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शराब की ऑनलाइन बिक्री पर भी विचार कर रही है क्योंकि अचानक शराब न मिलने से सामाजिक समस्याएँ पैदा हो सकती हैं।
दिल्ली के बाद केरल दूसरा राज्य है जहॉं से इस तरह लॉकडाउन की धज्जियॉं उड़ती तस्वीरें आई है। वहॉं रह रहे प्रवासी मजदूर भी अब सैकड़ों किमी दूर अपने गॉंव लौटना चाहते हैं। उन्हें पिछले 2-3 दिनों से खाना नहीं मिल रहा है।
कोरोना वायरस के संक्रमण पर काबू पाने के लिए देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है। इसके बावजूद कुछ लोग इसकी गंभीरता को नकारते हुए मनमर्जी से दैनिक क्रियाकलाप में व्यस्त हैं।
अनुपम मिश्रा, हाल ही में केरल के कोल्लम में सब कलेक्टर का पदभार संभालने के लिए आए थे। उन्होंने अपने वरिष्ठों को सूचित किया कि वह अपनी पत्नी के साथ हनीमून पर सिंगापुर में थे, तब उन्हें वहाँ से लगभग 70 किलोमीटर दूर कोल्लम स्थित सरकारी आवास में आइसोलेशन में अलग-थलग रहने का निर्देश दिया गया था।
केरल के कासरगोड जिले के डेलमपेडी में एक उप-निरीक्षक समेत चार पुलिसकर्मियों पर उस वक्त हमला किया गया जब ये लोग स्वास्थ्य विभाग की एक टीम की कॉलोनी में प्रवेश करने में मदद कर रहे थे। स्थानीय लोगों द्वारा किए गए इस हमले में 4 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।
"एक उप जिलाधिकारी का इस तरह से लापता हो जाना सरकार को शर्मिंदा करने जैसा है। एक कप्तान इस तरह से जहाज नहीं छोड़ सकता है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में यूपी सरकार से संपर्क किया जा रहा है।"
“राज्य द्वारा संचालित केरल स्टेट बेवरेज (मैन्युफैक्चरिंग एंड मार्केटिंग) कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बेवको) की शराब की दुकानों को प्रतिबंधों से मुक्त कर दिया गया है और यह अब इन शराब की दुकानों को छूट दी जाएगी।”
क्या आप जानना चाहेंगे कि इस लेख में क्या लिखा है और केरल सरकार की प्रशंसा के लिए कौन से तर्क दिए गए हैं? केरल अकेला ऐसा राज्य है जहाँ कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार है, जहाँ सभी मज़हबों के लोग एक साथ रहते हैं, यहाँ भाजपा को एक ही सीट मिली, अन्य राज्यों में ऐसा नहीं होता- यही सब।
केरल सरकार के रोक लगाने के बावजूद चर्च के पादरी ने सरकार के आदेश की अवहेलना करते हुए एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया, जिसमें कम से कम 100 लोगों ने हिस्सा लिया था।
केरल हाईकोर्ट ने इस बेतुकी याचिका को खारिज करते हुए, इस पर अपनी नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने याचिकाकर्ता ज्योतिष पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। यह राशि याचिकाकर्ता को बतौर जुर्माना मुख्यमंत्री राहत कोष में दो हफ्ते में जमा करानी होगी। कोर्ट ने कहा कि ज्योतिष ने अपने निजी हित के लिए कोर्ट में याचिका लगाई, जिसकी निंदा की जानी चाहिए।