Friday, September 20, 2024

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जवाहरलाल नेहरू

मैं तुम्हें ऑटो-रिक्शा और स्कूटर भेजूँगी, तुम उन्हें बस समझना: गाँधी (प्रियंका) 2.0

आखिरी बार जब गाँधी परिवार ने कोई चमत्कार कर दिखाया था, तब प्रियंका के भाई राहुल गाँधी एक तरफ से आलू डालकर दूसरी तरफ से सोना...

कोर्ट में बैठी जनता अगर न्याय करती तो गोडसे निर्दोष घोषित होते: याचिका की सुनवाई करने वाले जज खोसला

"गोडसे सिरफिरे इन्सान बिल्कुल भी नहीं थे। वो पुणे में रहते थे जहाँ देश विभाजन का कोई असर नहीं हुआ था। वो फिर भी गाँधी को मारने गए क्योंकि..."

‘सत्ता के लालच से कॉन्ग्रेस का वर्तमान धूमिल’ – बोस, जिन्होंने गाँधी-नेहरू को छोड़ फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की

कॉन्ग्रेसी नेता सत्ता लोलुप हो चुके थे। बोस ने इस कारण त्याग पत्र दे दिया और फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की। 1947 से 4 साल पहले ही देश को आजाद...

जहाँ हुआ जलियाँवाला नरसंहार, 8 महीने बाद कॉन्ग्रेस ने वहीं क्यों रखा अधिवेशन: 2 फाइल, एक लेटर में छिपा है राज

भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार की होम पॉलिटिकल विभाग की फ़ाइल संख्या जनवरी 1920/77 के अनुसार कॉन्ग्रेस ने अमृतसर को अपने अधिवेशन के लिए जानबूझकर चुना, जिससे एक खास राजनैतिक मकसद को पूरा किया जा सके। दस्तावेज के अनुसार जवाहरलाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस उन खूनी धब्बों से ब्रिटिश सरकार को बचाने का प्रयास कर रही थी, जिनके निशान आजतक अमृतसर में मौजूद हैं।

मोतीलाल नेहरू ने अपने पास बिठाकर लिखवाई थी तुलसीदास से रामचरितमानस, दिग्विजय सिंह की जानकारी अधूरी!

इस अप्रकाशित पुस्तक में यह भी खुलासा किया गया है कि जामवंत ने हनुमान को नहीं बल्कि जवाहरलाल नेहरू को उनका बल याद दिलाया था, इसके बाद ही वो स्वतंत्रता संग्राम में कूदे थे। साथ ही बताया गया था कि रावण ने मारीच नहीं बल्कि दिग्विजय सिंह को स्वर्ण मृग बनाकर सीता माता के पास भेजा था।

नेहरू के अस्पताल खुले, मोदी की मूर्तियाँ बंद: CORONA के बीच थरूर ने किया नेहरू का स्मरण, लोगों ने याद दिलाए मोदी के 6...

शशि थरूर ने कोरोना महामारी के बीच भी नेहरू भक्ति में कोई ढील नहीं दी और फ़ौरन ट्विटर के माध्यम से नेहरू की भक्ति में एक फोटो ट्वीट करते हुए लिखा- "बिना किसी कमेन्ट के, रीसीव किया और साझा किया।"

भारतीय मुस्लिमों के पूर्वज हिन्दू ही थे: अंत समय में नेहरू ने बयाँ की थी ‘सच्चाई’

ये इंटरव्यू उसी महीने का है, जिस महीने नेहरू का निधन हुआ था। उसमें उन्होंने स्वीकार किया था कि हिन्दुओं ने कभी धर्मान्तरण नहीं किया लेकिन इस्लाम का ये हमेशा से एक अंग रहा है।

पटेल ही नहीं राजेंद्र प्रसाद, टंडन, करियप्पा, राम… किसी को नहीं चाहते थे नेहरू

जयशंकर ने तो केवल पटेल का नाम लिया है। फेहरिस्त लंबी है जिन्हें नेहरू पसंद नहीं करते थे। कथित इतिहासकार गुहा से लेकर कॉन्ग्रेसी-वामपंथी इन ऐतिहासिक तथ्यों को झुठला नहीं सकते।

पटेल को कैबिनेट में नहीं लेना चाहते थे नेहरू: खुलासे के बाद बिफरे गुहा को विदेश मंत्री ने लताड़ा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फर्जी इतिहासकार रामचंद्र गुहा के इस आरोप का करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कुछ विदेश मंत्री ढेर सारी किताबें पढ़ते हैं और प्रोफेसरों के लिए भी ये अच्छी आदत हो सकती है। उन्होंने गुहा को सलाह दी कि वो नारायणी बसु द्वारा लिखित वीपी मेनन की जीवनी पढ़ें।

अंग्रेज को आर्मी चीफ बनाना चाहते थे नेहरू, लेफ्टिनेंट जनरल राठौड़ ने नहीं करने दी मनमानी

भारत के पहले 5 स्टार रैंक जनरल करियप्पा का जन्म 28 जनवरी 1899 में कर्नाटक में हुआ था। वे भारत के पहले सेना प्रमुख थे।

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