कॉन्ग्रेस नेताओं को डर है सिद्धू के आने से भाजपा को बैठे-बिठाए राष्ट्रवाद का मुद्दा मिल जाएगा, क्योंकि इस ‘पिच’ पर सिद्धू का ‘फॉर्म’ हालिया समय में अच्छा नहीं रहा है। वे न केवल तालिबान-समर्थक पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ अपनी क्रिकेट के दिनों की दोस्ती को खुल कर ‘फ्रंट-फुट’ पर खेलते हैं, बल्कि वे पाकिस्तानी आर्मी के प्रमुख जनरल बाजवा से गले भी मिल आए थे।
स्थानीय निकाय विभाग के नए मंत्री ब्रहम मोहिंद्रा ने गायब फाइलों के लिए विभागीय जांच का आदेश दिया है, जिसमें लुधियाना में लक्जरी अपार्टमेंट परियोजना को मंजूरी दिए जाने की भी फाइल है। मुख्यमंत्री ने भी मुख्य सचिव और विभागीय सेक्रेट्री से फाइलों का पता लगाने को कहा है।
सवाल उठता है कि क्या सिद्धू को यह सब पता ही नहीं है, या फिर 'इस्तीफ़ा' एक 'स्टंट' है। अगर उन्हें यह पता ही नहीं था कि उनका इस्तीफा लेने का अधिकार राहुल गाँधी को नहीं, अमरिंदर सिंह को है तो यह मंत्री के तौर पर उनकी काबिलियत पर प्रश्नचिह्न है।
"सिद्धू का विभाग बदले जाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का मेरा कोई इरादा नहीं है। ऐसे में अब सिद्धू के लिए दो ही रास्ते बचे हैं- या तो वो नए विभाग का कार्यभार संभाल लें या फिर मंत्री पद छोड़ दें।"
जब स्मृति ईरानी ने दूसरी बार अमेठी के राजनीतिक अखाड़े में राहुल गाँधी को चुनौती दी थी तो कॉन्ग्रेस नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने उनकी खिल्ली उड़ाते हुए कहा था कि अगर वह (स्मृति) राहुल गाँधी को हरा ले गईं तो सिद्धू राजनीति छोड़ देंगे।
नवजोत सिंह सिद्धू को जिस तरह से कैप्टेन ने किनारे पर खड़ा कर दिया है, वह काफी कुछ भाजपा में शत्रुघन सिन्हा को केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ लगातार बयानबाजी के बाद लगातार हाशिए पर किए जाने से मिलता है।
पंजाब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कॉन्ग्रेस नेता नवजोत सिंह के बीच चल रहा मनमुटाव किसी से छिपा नहीं है। दोनों में चुनाव से पहले से ही जुबानी जंग जारी है।
तस्वीर पूरी तरह साफ़ हो चुकी है और स्मृति ईरानी को हर जगह से जीत की बधाइयाँ मिल रही हैं, और राहुल गाँधी खुद अपनी हार स्वीकार चुके हैं तो सोशल मीडिया यूजर्स सिद्धू से उनसे इस्तीफे की माँग कर रहे हैं।
बाजवा ने नवजोत सिंह सिद्धू से दो टूक कहा है कि अगर वह कैप्टन के अंतर्गत कार्य करने में असमर्थ हैं तो उन्हें मंत्रिमण्डल से इस्तीफा दे देना चाहिए। बाजवा ने कहा कि सिद्धू को जब पता ही नहीं है कि जहाज का कप्तान कौन है, तो उन्हें मंत्रिमंडल से निकाल बाहर किया जाए।