फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने मोदी के बयान की प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "तुम ये कहते हो कि अब्दुल्ला हिंदुस्तान को तोड़ना चाहता है। अरे, अगर हम हिंदुस्तान को तोड़ना चाहते तो हिन्दुस्तान आज होता ही नहीं।" अब्दुल्ला ने हाल ही में अनुच्छेद 370 को लेकर भी धमकी दी थी।
देश के जवानों की मौत और प्रधानमंत्री के कार्यों पर सवाल उठाने वाले फारूक का नाम उन नेताओं की सूची में रह चुका हैं जिन्हें जान का खतरा होने पर सरकार द्वारा जेड प्लस सिक्योरिटी तक मुहैया कराई गई।
आज देश में उन लोगों के लिए सख्ती न करने की बात की जा रही है जो देश की भावनाओं को न केवल आहत कर रहे हैं बल्कि देश के ख़िलाफ़ खड़े होकर देशद्रोही होने का सबूत भी दे रहे हैं।
फारूक अब्दुल्ला की मानें तो केंद्र में जब से मोदी सरकार आई है, तब से कट्टरता में वृद्धि देखने को मिली है। उनका कहना है कि मुस्लिम युवकों को लगातार प्रताड़ित किया जाता रहा है।
बहुमत के साथ बीजेपी सरकार जब भी चुनाव जीतती है तब ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा गर्माने लगता है, लेकिन जब चुनावों में कोई अन्य सरकार जीतती है तो ईवीएम पर बात तक नहीं की जाती
फ़ारूख़ अब्दुल्लाह का ये बयान उस समय आया है, जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या मामले पर सुनाई की जाने वाली थी, लेकिन आज उसे 10 जनवरी 2019 तक के लिए टाल दिया गया।