कहा जाता है कि भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के पास भाजपा बिहार के नेता यह समस्या ले कर गए थे कि नीतीश को मुख्यमंत्री न बनाया जाए। नड्डा ने विचार करने के बाद अमित शाह से चर्चा की, अमित शाह भी सहमत दिखे। फिर बात....
आखिर अस्सी-नब्बे के दशक में जो लोगों को अपने उपनाम छुपाने पड़े थे, वो किसे याद नहीं? एक कथित सेक्युलर चैनल के ईनामी पत्रकार भी तो अपना नाम 'कुमार' तक ही बताते हैं, पूरा नाम नहीं बताते ना? क्यों छुपाना पड़ा था, ये याद तो आता है!
मृतक के पिता ने बताया कि कुछ लोगों ने उन्हें फोन पर धमकी देते हुए कहा कि उनका बेटा पटाखे फोड़ रहा है, यह ठीक नहीं है। अगली सुबह उनके बेटे का शव एक पेड़ से लटका हुआ मिला।