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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
घर में घुस कर दो बहनों पर डाला तेजाब : यूपी पुलिस ने अब्दुल रहमान के बेटे मुरसलीन को किया गिरफ्तार, बागपत का मामला
एकतरफा प्यार में फेल होने पर बागपत में 2 बहनों पर तेज़ाब डाल कर अब्दुल रहमान के बेटे मुरसलीन ने दी जान से मार डालने की धमकी
चुनने की आजादी बेटियों का अधिकार, समानता की हकीकत को पुरुषों को स्वीकार करना होगा
24 जनवरी को 'राष्ट्रीय बालिका दिवस' (National Girl Child Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लड़कियों के सम्मान और महत्व को बढ़ावा देना है।
CAA विरोधी ट्वीट से नहीं हुई परिणीति चोपड़ा की छुट्टी, 2017 में ही समाप्त हो गया था कॉन्ट्रेक्ट
"एक्ट्रेस को ट्वीट करने पर एंबेसडर की भूमिका से नहीं हटाया गया है। हमने एक्ट्रेस से एक साल का एग्रीमेंट साइन किया था, जो अप्रैल 2017 में खत्म हो गया था, जिसे बाद में रिन्यू भी नहीं किया गया था।"
अब सैनिक स्कूलों में भी पढ़ सकेंगी लड़कियाँ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी मंजूरी
सैनिक स्कूलों को पारंपरिक रूप से एक पुरुष गढ़ के रूप में देखा जाता है। इन स्कूलों में लड़कियों को प्रवेश देना राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में महिला कैडेटों को शामिल करने की दिशा में पहला क़दम है।
ऊना उत्कर्ष योजना: हर नुक्कड़ पर खुली लड़कियों के नाम पर दुकान
इस योजना के प्रभाव से अब लोग घर के बाहर लगे नेमप्लेट को बदलकर उन पर महिलाओं के नाम लिखवा रहे हैं। मावा खोलान की प्रधान संगीता देवी ने कहा कि लड़कियाँ आज बहुत अच्छा कर रही हैं, और लोग जानते हैं कि आने वाला समय उनका है।
मोदी सरकार की वो योजनाएँ जिन्होंने बदल दी ग्रामीण महिलाओं की ज़िंदगियाँ
पिछली सरकार 55 फ़ीसदी लक्ष्य ही पूरा कर सकी जबकि मोदी सरकार ने 90 फ़ीसदी लक्ष्य प्राप्ति कर लगभग हर ग्रामीण महिला को चूल्हे के धुएँ से आज़ादी दिला दी।
जब सूट-बूट वाली सरकार ने आम आदमी को वो दिया जो उन्हें 50 साल पहले मिलना था
लड़कियाँ स्कूल सिर्फ इस कारण नहीं जाना चाहती हैं क्योंकि वहाँ उनके पास शौचालय जाने जैसे सुविधाएँ ही नहीं मिल पाती हैं। उन्हें उन तमाम मनोवैज्ञानिक असुविधाओं से गुजरना होता है, जिनके बारे में हम कल्पना तक नहीं कर सकते हैं।
राहुल गाँधी जी, हवाबाज़ी थोड़ा कम कीजिए! ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ ने ज़िंदगियाँ बदली हैं
'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना की प्रमुख ज़रूरत देशव्यापी जागरूकता अभियान भी है। पर राहुल और उनके पिट्ठू मीडिया को वास्तविक तथ्यों से अवगत हो और उसे सच्चाई के साथ पेश करने की उम्मीद करना बड़ा सवाल है।