कमलनाथ सरकार का संकट गहराता ही जा रहा है। कॉन्ग्रेस ने जिन विधायकों को छुड़ाकर लाने का दावा किया है वे ही बंधक बनाए जाने की खबरों को नकार रहे हैं। साथ ही कह रहे हैं कि यह कॉन्ग्रेस की अंदरूनी लड़ाई है।
उन्होंने दावा किया है कि मध्य प्रदेश के 15-20 कॉन्ग्रेस विधायक भाजपा से संपर्क में हैं। उनके इस बयान के बाद ख़ुद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ सकते में हैं। वो भाजपा पर विधायकों की ख़रीद-फरोख्त के आरोप लगाए हैं। दिग्विजय सिंह ने भी ऐसे ही दावे किए थे।
दिग्विजय सिंह भले भाजपा पर आरोप लगा रहें हो और कमलनाथ सरकार को कोई खतरा नहीं होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन इस उठापठक में जिन विधायकों के नाम सामने आए हैं उनमें 3 उनके ही करीबी बताए जाते हैं। एक विधायक सिंधिया खेमे के बताए जा रहे हैं।
"ऐसे कई लोग हैं, जो अपने परिवार को सीमित करना चाहते हैं। लेकिन उनमें जागरूकता की कमी है। यदि आप पूरे एक वर्ष में एक व्यक्ति को प्रेरित नहीं कर सकते तो यह आपकी कार्य के प्रति लापरवाही को दर्शाता है। ऐसे में करदाताओं के पैसे को वेतन पर खर्च करने का क्या फायदा?"
"भाजपा के लोगों हम हर चीज के लिए तैयार हैं। हम कॉन्ग्रेस के लोग हैं। बेईमानी, चोरी, लूट-घसोट, जुआ-शराब और अवैध कारोबार में हम लिप्त नहीं हैं। ये सारे काम आप करोगे और बदनाम कॉन्ग्रेस को करोगे। कॉन्ग्रेस का कोई भी माई का लाल..."
"अतिथि विद्वानों से कॉन्ग्रेस ने वादा किया था कि सरकार बनने पर हमारी माँगों को पूरा किया जाएगा। हमने साल भर तक इंतजार किया। उसके बाद ही हमने अपना आंदोलन शुरू किया। मगर आंदोलन शुरू होते ही अतिथि विद्वानों को नोटिस मिलना शुरू हो गया।"
मृतक की पत्नी हैंडपप से पानी लेकर बर्तन धो रही थी। कथित तौर पर रेंजर ने जातिसूचक गाली देनी शुरू कर दी। इसका विरोध करने पर एक महिला अधिकारी ने सरोज की बेटी को बाल पकड़ घसीटना शुरू कर दिया। यह देख बीच-बचाव के लिए सरोज का पति दौड़ा, जिसकी गोली मार हत्या कर दी गई।
कमलनाथ-सिंधिया के बीच तल्खी बढ़ने की खबर सामने आने के बाद कॉन्ग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता डैमेज कंट्रोल में जुट गए। बताया जा रहा है कि कमलनाथ के घर पर हुई इस बैठक में सिंधिया के साथ कई मुद्दों पर नोंकझोंक हुई। पूरे मामले से कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को भी अवगत कराया गया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्य के किसानों से किए गए कर्जमाफी के वादे को पूरा नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने अपनी ही पार्टी के खिलाफ सड़क पर उतरने की चेतावनी दी थी। इस बारे में जब सीएम कमलनाथ से सवाल किया गया तो उन्होंने दो टूक कहा- तो उतर जाएँ।