Saturday, May 17, 2025
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डॉ शाहीन खान ने कराया मुंडन, कॉन्ग्रेस और कमलनाथ के झूठ से तंग: राहुल गाँधी को भेजे गए बाल

"हमने बच्चों को पढ़ाकर उनका भविष्य बनाया लेकिन अब खुद हमारा भविष्य अंधकारमय है, इसलिए अब प्रदर्शनस्थल से लिखित आर्डर मिलने तक नहीं उठेंगे।"

मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस के झूठे वादों से तंग आकर बुधवार (फरवरी 19, 2020) को एक महिला अतिथि प्रोफेसर ने विरोध स्वरूप अपना मुंडन करवा लिया। महिला का नाम डॉक्टर शाहीन खान है। बीते 72 दिनों से अपनी माँगों को लेकर धरने पर बैठे अतिथि विद्वानों में से एक शाहीन ने यह कदम कॉन्ग्रेस द्वारा पूर्ण रूप से नजरअंदाज किए जाने के बाद उठाया।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सार्वजनिक रूप से मुंडन करवाने के बाद शाहीन ने बेहद भावुक होते हुए कहा, “चुनाव के बाद अतिथि विद्वानों से कॉन्ग्रेस ने वादा किया था कि सरकार बनने पर हमारी माँगों को पूरा किया जाएगा। हमने साल भर तक इंतजार किया। उसके बाद ही हमने अपना आंदोलन शुरू किया। मगर, आंदोलन शुरू होते ही अतिथि विद्वानों को फालेन आउट नोटिस मिलने शुरू हो गए।”

शाहीन के अनुसार, वे दो महीने से ठंड में धरना दे रहे हैं, लेकिन सरकार ने उनकी कोई सुध नहीं ली। उन्होंने बच्चों को पढ़ाकर उनका भविष्य बनाया लेकिन अब खुद उनका भविष्य अंधकारमय है, इसलिए अब वह प्रदर्शनस्थल से लिखित आर्डर मिलने तक नहीं उठेंगे।

इसके अलावा, अतिथि विद्वान नियमतिकरण संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवराज सिंह ने भी मीडिया से बात की। उन्होंने डॉ शाहीन खान द्वारा मुंडन कराए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे दुखदाई दिन अतिथि विद्वानों के लिए नहीं हो सकता, क्योंकि एक महिला ने अपने केश त्याग दिए। डॉक्टर शाहीन ने जो बाल मुंडवाए हैं, उसे हम राहुल गाँधी के पास भेजेंगे ताकि उन्हें पता चल सके कि उनके दिए गए वचन का यहाँ पालन नहीं हो रहा है।

गौरतलब है कि साल 2018 में कमलनाथ ने भाजपा पर निशाना साधने के लिए केशों को महिलाओं का सम्मान बताया था और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घेरते हुए महिला विद्वानों द्वारा केश त्यागने की घटना को दिल झकझोर देने वाली घटना कहा था। मगर, आज जब कॉन्ग्रेस के शासनकाल में अतिथि विद्वानों के साथ ऐसा अन्याय हो रहा है, तब इसकी सुध न कमलनाथ ले रहे हैं और न ही राहुल गाँधी।

कॉन्ग्रेस और प्रदेश सीएम के इसी रवैये को देखते हुए शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, “मुख्यमंत्री जी, आज भी केश नारी के सम्मान का प्रतीक हैं। अतिथि विद्वान बहनों ने आपकी सोती हुई सरकार को नींद से जगाने के लिए अपने केश त्यागे, क्या आज आपको उनकी पीड़ा का अंदाज़ा है? क्या आपकी नज़र में आज प्रदेश शर्मसार हुआ? क्या उनकी भलाई के लिए आप कोई कदम उठाएँगे?”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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